Alert Breaking News Geopolitics Indo-Pacific

कौन जा रहा है ताइवान, चीन में खलबली

ताइवान पर अपना अधिकार जमाने वाला चीन अब ताइपे में आयोजित होने वाले एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन से परेशान है. सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले अलग-अलग देशों को चीन फोन कर न आने का दबाव बना रहा है. चीन पूछ रहा है कि क्या आप ताइवान की राजधानी ताइपे में होने वाले सम्मलेन में हिस्सा ले रहे हैं. इनमें एक एशियाई देश भी है. 

इसके साथ ही ताइवान पर लगातार सैन्य दबाव बना रहा है चीन. ताइवान की सीमा को चीन ने 16 विमानों, 14 नेवी और 1 जहाज के साथ घेरा है. चीन का ये एक्शन ऐसे वक्त में हुआ है जब ताइवान ने एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया है. चीन ने ताइवान की सीमा घेरवे के साथ-साथ उन देशों को धमकी भी दी है जो ताइपे आ रहे हैं. इन देशों में बोलिविया, कोलंबिया, स्लोवाकिया, उत्तर मैसेडोनिया, बोस्निया एवं हर्जेगोविना जैसे देश शामिल हैं. वहीं एक एशियाई देश को भी चीन की ओर से पूछा जा रहा है कि “क्या वो ताइपे में होने वाले सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं, या शामिल होने का प्लान कर रहे हैं?”

दरअसल ताइवान की राजधानी ताइपे में सोमवार से एक सम्मेलन शुरु हो रहा है, जिसका विषय चीन क्रेंद्रित है. इस सम्मेलन का आयोजन चीन पर अंतर-संसदीय गठबंधन कर रहा है, जो 35 देशों के सैकड़ों सांसदों का एक समूह है.

ताइवान समर्थक देशों पर आंखे तरेरता है चीन
चीन अक्सर उन नेताओं और देशों धमकाता रहता है जो ताइवान के साथ खड़े हैं. ताइवान के साथ सहानुभूति दिखाने वाले देशों को भी चीन धमकाता रहता है. ताइपे के सम्मेलन में आने वाले बोलिविया, कोलंबिया, स्लोवाकिया, उत्तर मैसेडोनिया, बोस्निया एवं हर्जेगोविना के मुताबिक चीन की ओर से लगातार उनके पास फोन आ रहे हैं कि क्या वो ताइपे के सम्मेलन में आ रहे हैं?”

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरी बार सत्ता में आने के बाद ताइपे के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने पीएम मोदी को बधाई दी थी. पीएम मोदी ने भी बधाई का जवाब दिया था. पीएम मोदी और लाई चिंग ते के बीच हुई बातचीत से चीन तिलमिला गया था. चीनी विदेश मंत्रालय ने कड़ा ऐतराज जताते हुए भारत को वन चाइना नीति की याद भी दिलाई थी और ताइवान के नेताओं से सावधान रहने को कहा था.

क्या है चीन पर अंतर संसदीय गठबंधन?
चीन पर अंतर-संसदीय गठबंधन सांसदों का एक अंतरराष्ट्रीय क्रॉस-पार्टी समूह है जो लोकतांत्रिक देशों के चीन के प्रति दृष्टिकोण पर सुधार की दिशा में काम कर रहा है. चीन पर अंतर-संसदीय गठबंधन (आईपीएसी) एक खुली, स्वतंत्र और नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को इसलिए बनाया गया है ताकि समान विचारधारा वाले देश इसके शासन और परावर्तन में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए इसमें शामिल हो सके. इसका उद्देश्य चीन से संबंधित मुद्दों पर एक सक्रिय और रणनीतिक दृष्टिकोण तैयार करने में मदद करना भी है.
पर लंबे समय से आईपीएसी को चीन सरकार के दबाव का सामना करना पड़ा है. बीजिंग ने इसके कुछ सदस्यों पर प्रतिबंध लगाया है. साथ ही साल 2021 में चीनी सरकार के हैकर्स ने इस समूह को निशाना बनाया था.

ताइवान में चीन की घुसपैठ
सोमवार सुबह 6 बजे तक चीन के 16 विमान, 14 पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी और एक जहाज को ताइवान की सीमा के पास देखा गया. ताइवान के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, “ताइवान के पास चीनी सेनाओं की गतिविधि में अचानक से वृद्धि देखने को मिली है. पीएलए के 13 विमानों ने मध्य रेखा को पार करते हुए ताइवान के उत्तरी, मध्य, दक्षिण-पश्चिमी और पूर्वी वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (एडीआईजेड) में प्रवेश किया. 

इससे पहले भी रविवार (28 जुलाई) को ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने कहा कि “उसने अपने क्षेत्र के पास नौ पीएलए (नेवी) जहाजों को देखा था.” माना जा रहा है कि चीन की ये सैन्य ताकत उन्हीं देशों को डराने के लिए हैं, जो अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए ताइपे पहुंच रहे हैं.

editor
India's premier platform for defence, security, conflict, strategic affairs and geopolitics.