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PLA Navy का चैनल silent है क्या !

रेड सी और अदन की खाड़ी में जहां अमेरिका और भारत सहित कई देश समुद्री-जहाजों को सुरक्षित करने के लिए दिन-रात एक कर रहे हैं वहीं चीन जैसे देश ढोल पीटने के बजाए ‘साइलेंस इज द बेस्ट’ रिस्पांस रणनीति पर काम कर रहे हैं. चीन ने अदन की खाड़ी और सोमालिया में मुसीबत में फंसे कॉर्मशियल शिप के लिए एक खास वीएचएफ चैनल 16 जारी किया है. लेकिन ट्रैक-रिकॉर्ड बताता है कि जरुरत के समय चीन की पीएलए नेवी मदद की बजाए डिस्ट्रेस कॉल को अनदेखी कर देती है. 

इजरायल-हमास जंग के चलते ईरान की मदद से यमन के हूती विद्रोही रेड सी (लाल सागर) में रोजाना मर्चेंट वैसल (व्यापारिक जहाज) और ऑयल टैंकर (शिप) को निशाना बना रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ सोमालियाई लुटेरे भी इस हॉर्न ऑफ अफ्रीका क्षेत्र में एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं और जहाजों को ना केवल लूट रहे हैं बल्कि हाईजैक कर अपने देश ले जा रहे हैं. 

14 दिसंबर को माल्टा के एक जहाज को क्रू-सदस्यों के साथ सोमालियाई समुद्री-पायरेट्स (दस्यु) ने बंधक बना लिया था. भारतीय नौसेना के युद्धपोत आईएनएस कोच्चि और लॉन्ग रेंज मैरीटाइम रेनोकोसेंस एयरक्राफ्ट पी8आई ने इस जहाज का पीछा भी किया था. लेकिन सोमालियाई समुद्री सीमा में दाखिल होने के बाद भारतीय नौसेना ने पीछा करना छोड़ दिया था. वहीं रेड सी में हूती विद्रोही आए दिन इजरायल और अमेरिका से जुड़े कार्गो-जहाज और युद्धपोतों तक को निशाना बना रहे हैं. 

ताजा मामले में हूती विद्रोहियों से पाकिस्तान के एक कंटेनर पर निशाना साधा है. हूती विद्रोहियों ने समंदर से गुजर रहे एक जहाज पर ड्रोन से हमला किया है. यह हमला इजरायली शहर इलियट पोर्ट के पास किया गया है. जिस जहाज पर हमला हुआ वो किंग अब्दुल्ला पोर्ट, सऊदी अरब से पाकिस्तान के कराची बंदरगाह की ओर आ रहा था. जहाज की कंपनी  एमएससी मेडिटेरेनियन शिपिंग कंपनी ने एक बयान जारी करते हुए हमले की पुष्टि की   है. हालांकि हूती विद्रोहियों के हमले में जहाज पर कोई हताहत नहीं हुआ.

पिछले कुछ हफ्तों में हूती विद्रोहियों ने कई लाल सागर में कई जहाजों को निशाना बनाया है. जहाज एमएससी यूनाइटेड VIII पर ड्रोन से हमला किया गया है. जहाज सऊदी अरब से पाकिस्तान जा रहा था. शिपिंग कंपनी हमले से हुए नुकसान का आंकलन कर रही है. पर जहाज पर सवार सभी क्रू मेंबर्स सुरक्षित हैं. जहाज पर हुए हमले के बाद कंपनी अपने जहाजों को स्वेज नहर की जगह अब ‘केप ऑफ गुड होप’ का मार्ग चुनेंगे. शिपिंग कंपनी ने हमले की जानकारी लाल सागर में चलाए जा रहे अमेरिकी नेतृत्व वाले नौसेना को दी है.

हूती विद्रोही समूह के प्रवक्ता याह्या सारेया ने हमले को लेकर बयान जारी कहा है कि “हमने इलियट और इजरायल के कब्जे वाले फिलिस्तीन में ड्रोन हमले किए हैं, ये ड्रोन अटैक उन हमलों का जवाब है जो इजरायल गाजा में कर रहा है. इजरायल पर दबाव बनाने के लिए हम हमले करते रहेंगे.” हूती विद्रोहियों के लाल सागर में हमलों के चलते व्यापारिक जहाजों को रूट बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा है. नवंबर महीने में हूती विद्रोहियों ने एक जहाज को हाईजैक भी कर लिया था. 

हूती विद्रोहियों के हमले ने अमेरिका, इजरायल, भारत और अब पाकिस्तान को भी चिंता में डाल दिया है. अमेरिका ने करीब एक दर्जन देशों की नौसेनाओं के साथ मिलकर लाल सागर में ऑपरेशन प्रोस्पेरिटी गार्जियन लॉन्च किया है ताकि हूती विद्रोहियों के हमलों को रोका जा सके. कार्गो-शिप की सुरक्षा के लिए भारत ने अपने तीन युद्धपोतों को अदन की खाड़ी और अरब सागर में तैनात किए हैं. आईएनएस कोच्चि और आईएनएस कोलकाता मिसाइल डेस्ट्रोयर को अदन की खाड़ी में तैनात किया गया है तो आईएनएस मोरमुगाओ को अरब सागर में. 

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से फोन पर बातचीत की है. दोनों ही नेताओं ने पश्चिम एशिया में ‘शांति, सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने के लिए काम करने पर सहमति जताई है. सऊदी अरब ही वो देश है जो अक्सर हूती विद्रोहियों पर प्रहार करता है. 

दरअसल ईरान और सऊदी अरब में कट्टर दुश्मनी है. और सऊदी अरब के खिलाफ उसके दो दुश्मन यानि हूती और ईरान एक साथ है. और यही वजह है कि ईरान हूतियों की ताकत बनकर खड़ा हुआ है. अमेरिका और सऊदी अरब हमेशा से कहते आए हैं कि हूती विद्रोहियों को ईरान ही हथियार और बैलिस्टिक मिसाइलें देता है. 

इस सबके बीच दुनिया में एक रेस्पोंसिबल ग्लोबल पावर बनने की होड़ में जुटे चीन ने अपना चैनल 16 लॉन्च किया है. चीन का दावा है कि पिछले 15 सालों में चीन की पीएलए (नेवी) ने गल्फ ऑफ ऐडन और सोमालिया में 1600 कॉल की हैं और 7200 वैसल को एस्कॉर्ट किया है. इसको लेकर चीन ने एक वीडियो भी जारी किया है जिसमें चीनी नौसेना समंदर में ड्रिल करती और मैरीटाइम ऑपरेशन्स करती दिख रही है. चीन का दावा है कि पीएलए-नेवी हमेशा मिशन-रेडी रहती है. 

चीन के पास इस वक्त दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना है जिसमें 350 युद्धपोत और पनडुब्बियां हैं. इतनी बड़ी नौसेना के दम पर चीन दक्षिण चीन सागर में अपने पड़ोसी देशों पर दादागिरी झाड़ता है और उनके जहाज को इस क्षेत्र में नहीं आने देता है. ताइवान जैसे छोटे देश को भी चीन की पीएलए नेवी अपनी मैरीटाइम एक्सरसाइज से डराती रहती है.

लेकिन चीन के दावों की हवा अमेरिका के रक्षा विभाग, पेंटागन ने निकाल दी है. पेंटागन के मुताबिक, पिछले महीने ही अदन की खाड़ी में जब सोमालियाई दस्युओं ने इजरायल से जुड़े एक जहाज पर हमला किया तो चीनी नौसेना मदद के लिए आगे नहीं आई. इजरायल से जुड़े इस लाइबेरियाई जहाज ने डिस्ट्रेस कॉल की थी. लेकिन उस क्षेत्र में मौजूद चीन के तीन युद्धपोतों ने कोई मदद नहीं की और ‘साइलेंट’ हो गए थे.  चीनी रक्षा मंत्रालय ने हालांकि, पेंटागन के आरोपों का निराधार बताया है.

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