अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रूस के करीब दो (02) परमाणु पनडुब्बी तैनात करने के आदेश के साथ ही रूस ने प्रशांत महासागर में चीन के साथ बड़ी नेवल एक्सरसाइज शुरु कर दी है. ज्वाइंट सी-2025 एक्सरसाइज (1-6 अगस्त) रूस के सुदूर-पूर्व व्लादिवोस्तोक शहर में शुरु हो गई है. व्लादिवोस्तोक में रूसी नौसेना की पैसिफिक फ्लीट का हेडक्वार्टर है.
ज्वाइंट सी-2025 में चीन और रूस के तीन-तीन युद्धपोत हिस्सा ले रहे हैं. चीन की पनडुब्बी के भी व्लादिवोस्तोक पहुंचने की खबर है. खास बात है कि इस नेवल एक्सरसाइज के दौरान रूस और चीन की नौसेनाएं खासतौर से एंटी-सबमरीन वॉरफेयर की ड्रिल कर रही हैं.
चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता झांग शियोगांग ने हालांकि, साफ तौर से कहा है कि दोनों देशों का ये बड़ा समुद्री युद्धाभ्यास किसी “तीसरे देश के खिलाफ नहीं है और न ही क्षेत्रीय या फिर अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों को देखकर आयोजित की गई है.” लेकिन एक्सरसाइज के टाइमिंग को लेकर कयास जरूर लग रहे हैं.
यूक्रेन जंग रोकने को लेकर ट्रंप और रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सिपहसालार (पूर्व राष्ट्रपति) दिमित्री मेदवेदेव में तलवार खींची हुई है. ट्रंप ने भारत और अमेरिका को डेड-इकोनोमी करार दिया तो मेदवेदेव ने डेड-हैंड (सोवियत काल के परमाणु अटैक प्रणाली) की धमकी दे डाली. ऐसे में ट्रंप ने जुबानी जंग के जवाब में रूस के करीब दो (02) परमाणु पनडुब्बी तैनात करने का आदेश दे दिया. यही वजह है कि चीन और रूस की सालाना मेरीटाइम एक्सरसाइज को लेकर पूरी दुनिया की निगाह टिक गई है.
ज्वाइंट-सी एक्सरसाइज के दौरान चीन और रूस की नौसेनाएं, एंटी-सबमरीन ऑपरेशन्स के अलावा सबमरीन रेस्क्यू ड्रिल, एयर एंड मिसाइल डिफेंस और मेरीटाइम कॉम्बेट का अभ्यास करेंगी. इसके अलावा एक्सरसाइज में हिस्सा लेने वाले दोनों देशों के युद्धपोत, पश्चिमी पेसिफिक ओसियन में मेरीटाइम पेट्रोलिंग में भी हिस्सा लेंगे. (https://x.com/RT_com/status/1951198375338188935)
उल्लेखनीय है कि उत्तरी प्रशांत महासागर में रूस का जापान के साथ भी पुराना विवाद चल रहा है. इसके अलावा ये क्षेत्र हमेशा से रूस और अमेरिका के बीच बेहद तनावपूर्ण रहा है. बेरिंग स्ट्रेट में रूस और अमेरिका के अलास्का के बीच महज पांच (05) किलोमीटर की दूरी है. यही वजह है कि दोनों ही देशों के महत्वपूर्ण सामरिक बेस इस क्षेत्र में है.
इसी महीने (जुलाई) की 13 तारीख को इस क्षेत्र में रूस के कामचटका में आए सदी के सबसे बड़े भूकंप में से एक में रूस की परमाणु पनडुब्बी के बेस को नुकसान होने की खबर मिली थी. (भूकंप में Russian सबमरीन बेस को नुकसान, सैटेलाइट इमेज आई सामने)