ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना ने चीनी स्पेयर पार्ट्स को लेकर साफ-साफ कहा है कि स्वदेशी ड्रोन और दूसरे सैन्य उपकरणों में चीनी पार्ट्स का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. पिछले कुछ सालों से भारत ने साफ तौर से कहा है कि हथियारों और दूसरे सैन्य उपकरणों में चीनी सामान का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. एक फ्रेम वर्क के तहत ये पता करने की मंजूरी मांगी गई है ड्रोन सिस्टम का ऑडिट किया जाए ताकि चीनी पार्ट्स का पता लगाया जा सके.
भारतीय सेना पता लगाएगी सैन्य उपकरणों में चीनी पार्ट्स
शुक्रवार को आर्मी डिजाइन ब्यूरो (एडीबी) के प्रमुख, मेजर जनरल सी एस मान ने एक कार्यक्रम के दौरान, चीनी स्पेयर पार्ट्स को लेकर भारतीय सेना का रूख साफ किया. भारतीय सेना इसका ऑडिट कराएगी की सैन्य उपकरणों में चीनी पार्ट्स न लगे हो.
रक्षा मंत्रालय भी जल्द ही एक ऑडिट टीम का गठन करने जा रही है, जो हथियारों और खासतौर से ड्रोन में चीनी सामान के इस्तेमाल होने का पता लगाएगी. साथ ही प्राइवेट कंपनियों को भी चेतावनी दी गई है कि सेना के लिए जरूरी टेंडर में हिस्सा लेते वक्त सुनिश्चित किया जाए कि उनके उपकरणों में चीनी सामान का इस्तेमाल नहीं किया गया है.
नियमों में सख्ती, रखी जाएगी पैनी नजर, कंपनी को देना होगा सर्टिफिकेट
सेना ने बड़ी संख्या में लॉजिस्टिक ड्रोन और सर्विलांस ड्रोन खरीदे हैं. आत्मनिर्भर भारत के तहत कोशिश है कि खरीद स्वदेशी कंपनियों से हो, लेकिन कड़ी शर्तों के साथ. शर्त यह है कि ड्रोन में कोई चीनी पार्ट्स न हो.कई बार ऐसी शिकायतें सामने आई हैं जहां स्वदेशी कंपनियों के सैन्य उपकरणों में चीनी पार्ट्स का इस्तेमाल हुआ है. यही वजह है कि सेना अब चीनी सामान के इस्तेमाल को लेकर कड़ा रुख अपना रही है.
बताया जा रहा है कि ड्रोन निर्माता कंपनी को यह भी सर्टिफिकेट देना होगा कि उसमें कोईऐसा सॉफ्टवेयर या प्रोग्राम नहीं है जिससे ड्रोन हैक या नेटवर्क को डैमेज कर सके. जिस भी ड्रोन में चीनी पार्ट्स लगे हैं, वह ड्रोन रेस से बाहर होंगे, साथ ही सख्ती ऐसी की कॉन्ट्रैक्ट कैंसिल किए जा रहे हैं. कंपनी को ये सर्टिफिकेट देना होगा कि कोई भी पार्ट चीनी नहीं है, लेकिन बताया जा रहा है कि तकरीबन 400 ड्रोन्स ऐसे पाए गए हैं, जिनमें चीनी पार्ट लगा था, उस कंपनी के कॉन्ट्रैक्ट को भारतीय सेना ने रद्द कर दिया है.
चीन ने भारतीय सेना के मूवमेंट-प्लानिंग की लाइव फीड पाकिस्तान को दी
चीनी पार्ट्स को लेकर भारतीय सेना के निर्णय से पहले भारतीय सेना के डिप्टी चीफ लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने एक अलग कार्यक्रम में खुलासा किया था कि ऑपरेशन सिंदूर के वक्त जब पाकिस्तान के साथ डीजीएमओ स्तर की वार्ता चल रही थी तब चीन की तरफ से पाकिस्तान को लाइव फीड दी जा रही थी.
ले.जनरल सिंह के मुताबिक, चीन ने पाकिस्तान को भारत के ‘वेक्टर्स’ के बारे में भी जानकारी साझा की थी. यानी चीन, पाकिस्तान को भारत के संभावित हमलों के बारे में जानकारी मुहैया करा रहा था.डिप्टी चीफ ने कहा, सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं, एक साथ तीन-तीन देशों को परास्त किया. उपसेना प्रमुख का इशारा चीन और पाकिस्तान के साथ ही टर्की की तरफ भी था.