साउथ चायना सी में चीन की नौसेना ने एक बार फिर दादागिरी दिखाने की कोशिश की है. जापान से लौट रहे इंडियन कोस्ट गार्ड के एक जहाज को चीनी युद्धपोत ने शैडो करने की खबर सामने आई है.
ओपन सोर्स इंटेलिजेंस के मुताबिक, इंडियन कोस्ट गार्ड का जहाज आईसीजी शौनक, जापान से सद्भभावना यात्रा से स्वदेश लौट रहा था. उसी दौरान, दक्षिण चीन सागर में चीन की नेवी ने भारतीय तटरक्षक बल के पोत का पीछा किया.
विवादित स्कारबोरो शोल के पास से जब भारतीय युद्धपोत गुजरा तो चीनी के युद्धपोत 3304 ने पीछा करना शुरु कर दिया. इस दौरान दो अतिरिक्त चीनी तट रक्षक जहाज भी मौजूद रहे.
यह घटना तब हुई, जब चीनी तटरक्षक बल का एक “मॉन्स्टर शिप” फिलीपींस के जलक्षेत्र में जबरन घुसपैठ किए हुए है. मॉन्स्टर शिप की मौजूदगी और भारतीय युद्धपोत के पीछा करने को चीन की आक्रामकता के तौर पर देखा जा रहा है. बताया जा रहा है कि फिलीपींस के विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) के भीतर भी चीनी जहाज ने पीछा करना जारी रखा.
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में गॉर्डियन नॉट सेंटर फॉर नेशनल सिक्योरिटी इनोवेशन की समुद्री पारदर्शिता पहल सीलाइट के निदेशक रे पॉवेल ने एक्स पर पोस्ट किया, “जापान की सद्भावना यात्रा से लौट रहा भारत तट रक्षक जहाज आईसीजीएस शौनक स्कारबोरो शोल के पश्चिम से गुजरते समय चीन तट रक्षक 3304 द्वारा पीछा किया जा रहा है – जबकि ‘मॉन्स्टर’ जहाज सीसीजी 5901 शोल के पूर्व में फिलीपींस तट रक्षक बीआरपी गैब्रिएला सिलांग से उलझा हुआ है.”
पॉवेल के मुताबिक, “अमेरिकी नौसेना के पी8ए पोसिडॉन और एमक्यू-9 ट्राइटन इन घटनाक्रमों पर नज़र रख रहे हैं.”
दक्षिण चीन सागर में हुई घटना पर भारतीय तटरक्षक बल की तरफ से फिलहाल कोई बयान सामने नहीं आया है.
गौरतलब है कि इसी हफ्ते मुंबई डॉकयार्ड में भारतीय नौसेना के जंगी बेड़े में शामिल हुए दो युद्धपोत और वाघशीर पनडुब्बी की कमीशनिंग सेरेमनी के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रीडम ऑफ नेविगेशन पर जोर देते हुए दो टूक कहा था कि भारत विस्तारवाद नहीं विकासवाद में विश्वास रखता है.
पीएम मोदी का ये संदेश सीधा चीन को था, जो दक्षिण चीन सागर में किसी दूसरे देश के जहाज को घुसने से रोकता है. साथ ही यहां मौजूद फिलीपींस, मलेशिया और इंडोनेशिया जैसे देशों के समुद्री अधिकारों को भी दबाने में जुटा है.