बाल्टिक समंदर में लिथुआनिया और स्वीडन के बीच इंटरनेट केबल के टूटने की घटना को लेकर एक चीनी जहाज शक के घेरे में आ गया है. स्वीडन ने कहा है कि ये महज दुर्घटना नहीं है बल्कि सोची समझी तोड़-फोड़ की घटना है. ऐसे में स्वीडन इस मामले की जांच करने में जुट गया है.
खास बात ये है कि बाल्टिक समंदर में लिथुआनिया और स्वीडन के बीच ही अंडरवाटर केबल नहीं टूटी है. बल्कि उसी दौरान फिनलैंड और जर्मनी के बीच समंदर के नीचे बिछी केबल लाइन भी टूट गई है. दोनों घटनाओं में चीनी कार्गो शिप यी पेंग-3 पर शक की सुई घूमी हुई है.
शक इसलिए गहरा रहा है क्योंकि दोनों घटनाओं के वक्त यी पेंग-3 कार्गो शिप आसपास था. साथ ही पहली घटना के बाद यी पेंग-3 ने अपना ट्रांसपॉन्डर बंद कर दिया था ताकि उसकी पहचान न हो सके.
गौरतलब है कि अमेरिका ने पहले इनदिनों घटनाओं के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराया था. ऐसा इसलिए क्योंकि चीनी जहाज यी पेंग-3 घटना के बाद फिनलैंड की खाड़ी में एक रूसी बंदरगाह पर चला गया था. ऐसे में रूसी सेना पर शक था.
यी पेंग-3 चीन की नॉर्थ-ईस्टर्न शहर निंगबो की एक कंपनी का जहाज है. जहाज का कैप्टन एक रशियन मूल का नागरिक है. स्वीडन की मेरीटाइम एजेंसियों ने चीनी कंपनी से मामले की जांच में सहयोग करने के लिए कहा है.
ये कोई पहली घटना नहीं है जब अंडरवाटर केबल को नुकसान पहुंचा है. इसी साल फरवरी के महीने में लाल सागर में चार केबिल टूट गई थी, जिसके चलते दुनिया का 20 प्रतिशत केबल नेटवर्क ठप पड़ गया था.
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Baltic Sea में टूटा केबल, Chinese जहाज पर शक
- by Neeraj Rajput
- November 20, 2024
- Less than a minute
- 1 month ago