हर दिन एक नई साजिश, हर दिन एक नई चाल. हर दिन भारत की नई जासूसी. भारत के खिलाफ चीन की चालबाजियां कम होने के बजाए बढ़ रही हैं. चीन को अपनी नई चालबाजी में मिला है मालदीव का साथ. श्रीलंका ने चीन का कथित रिसर्च जहाज ‘जियांग यांग होंग 3′ हिंद महासागर में आने वाला है. श्रीलंका से इजाजत न मिलने पर चीन के जहाज को मालदीव ने दी है मंजूरी. अब चीनी जहाज मालदीव के तट पर रुकेगा. चीनी जहाज के मालदीव में रुकने पर भारत की पैनी नजर है.
मालदीव की ओर बढ़ रहा चीन का जासूसी जहाज
चीनी जहाज की सैटेलाइट तस्वीरें सामने आई हैं. बताया जा रहा है कि चीन का जहाज 8 फरवरी तक मालदीव की राजधानी माले पहुंचेगा. जासूसी जहाज तेजी से मालदीव की ओर बढ़ रहा है. मालदीव की सरकार ने चीन के जहाज की मालदीव में जल्द पहुंचने की पुष्टि की है. मुइज्जु सरकार ने कहा है, “मालदीव हमेशा मित्र देशों के जहाजों के लिए वेलकमिंग डेस्टिनेशन रहा है. हम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए बंदरगाहों पर जाने वाले सिविलियन और मिलिट्री दोनों तरह के जहाजों की मेजबानी करते रहे हैं.” मालदीव सरकार ने ये दावा भी किया है कि चीन का जहाज ‘जियांग यांग होंग 3’ मालदीव के जल क्षेत्र में कोई रिसर्च नहीं करेगा.
रिसर्च जहाज है ‘जियांग यांग होंग 3’
चीन के 4300 टन वजनी जासूसी जहाज को एक ‘रिसर्च’ जहाज के तौर पर क्लासिफाइड किया गया है. चीन का जहाज हिंद महासागर के तल की मैपिंग कर रहा है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, मैपिंग चीन को सबमरीन और सबमर्सिबल ड्रोन का उपयोग करके पानी में नेविगेट करने में भी सक्षम बनाती है. इसके अलावा रिसर्च पर पानी के नीचे भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं की भविष्यवाणी करने में मदद कर सकते हैं. भू-स्थानिक विशेषज्ञ डेमियन साइमन के मुताबिक, चीन के इस जहाज ने 2019 और 2020 के बीच यहां के पानी का सर्वे किया था.
रिचर्स के नाम पर चीन की जासूसी: भारत
भारत पहले भी कई बार ये आशंका जता चुका है कि रिसर्च के नाम पर चीन हिंद महासागर में पैठ बनाने की फिराक में है. रिसर्च के नाम पर चीन जासूसी करता है. भारतीय नेवी पर पर नजर रखता है. भारत के इसी विरोध के बाद श्रीलंका ने चीनी जहाज को श्रीलंका के बंदरगाह पर रुकने की इजाजत नहीं दी है. पर मालदीव से भारत की तल्खी के बाद चीन-मालदीव के साथ पींगे बढ़ा रहा है. और अब फरवरी में माले पहुंच रहे चीनी जहाज को लेकर भारतीय नौसेना सतर्क हो गई है. हिंद महासागर में चीन इसलिए भी दखलअंदाजी कर रहा है क्योंकि भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने समुद्री रक्षा मंच क्वाड बनाया है. इस सुरक्षा मंच को चीन बौखला गया है और मंच को चीन अपने लिए खतरा मानता है. लिहाजा चीन अपनी समुद्री ताकत को बढ़ाने में जुटा है.
‘मित्र देशों के जहाजों के स्वागत’ वाले मुइज्जू सरकार के बयान को सीधे-सीधे भारत पर अटैक की तरह देखा जा रहा है. चीनी जहाज, मालदीव ऐसे वक्त में पहुंच रहा है जब भारत-मालदीव के बीच तल्खी है. मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु का झुकाव चीन की ओर ज्यादा है. सत्ता में आने के बाद परंपरा तोड़ते हुए मुइज्जु ने भारत ने आकर चीन का दौरा किया और शी जिनपिंग के साथ नजदीकियां बढ़ाई हैं.
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