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वीर अब्दुल हमीद की जीवनी पढ़ेंगे स्कूली बच्चे

स्कूली बच्चों में देशभक्ति, कर्तव्य के प्रति समर्पण तथा साहस और बलिदान के मूल्यों को कूट-कूट कर भरने करने के इरादे से एनसीईआरटी ने कक्षा छह (VI) के पाठ्यक्रम में परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद पर एक पूरा चैप्टर शामिल किया है. इस अध्याय को शामिल करने का उद्देश्य राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करना है.

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, वीर अब्दुल हमीद पर अध्याय के साथ ही कक्षा छह के बच्चों को नेशनल वॉर मेमोरियल यानी राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर एक कविता को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है. रक्षा मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त पहल पर एनसीआरटीई ने ये कदम उठाया है.

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2023 के विजन के अनुरूप रची गई ‘राष्ट्रीय युद्ध स्मारक’ शीर्षक से एक कविता और ‘वीर अब्दुल हमीद’ शीर्षक से एक अध्याय को इस वर्ष से एनसीईआरटी के कक्षा VI के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है.

‘वीर अब्दुल हमीद’ शीर्षक वाला अध्याय बहादुर कंपनी क्वार्टर मास्टर हवलदार (सीक्यूएमएच) अब्दुल हमीद के सम्मान में है, जिन्होंने 1965 में पाकिस्तान के खिलाफ जंग के दौरान देश की खातिर लड़ते हुए अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान दिया था और उन्हें देश के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया था. अब्दुल हमीद ने अपनी जीप पर लगी रिकोइलैस गन से पाकिस्तान के पांच टैंकों को तबाह कर दिया था. हालांकि, दुश्मन से लड़ते हुए वे वीर गति को प्राप्त हो गए थे.

देश के वीर सैनिकों को समर्पित राष्ट्रीय समर स्मारक (नेशनल वॉर मेमोरियल) का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2019 में उद्घाटन किया था. राजधानी दिल्ली के सेंट्रल विस्टा ‘सी’ हेक्सागन ( इंडिया गेट)  में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक राष्ट्र का निर्माण किया गया है. राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की स्थापना प्रत्येक नागरिक में उच्च नैतिक मूल्यों, बलिदान, राष्ट्रीयता की भावना और अपनापन जगाने तथा राष्ट्र की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले जवानों को उपयुक्‍त श्रद्धांजलि देने के लिए की गई थी.

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