थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सैन्य झड़प अभी खत्म भी नहीं हुआ है कि सुदूर-पूर्व एशिया में चीन और जापान के बीच टकराव शुरू हो गया है. चीन के एयरक्राफ्ट कैरियर के पहली बार ईस्ट चाइना सी में मिलिट्री ड्रिल के बाद जापान को फाइटर जेट स्क्रैम्बल करने पड़े है. दोनों देशों की सेनाओं ने एक-दूसरे के लड़ाकू विमानों पर रडार लॉक करने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं. इसके बाद, दोनों देशों ने एक दूसरे के राजनयिकों को तलब कर जवाब मांगा है.
पिछले हफ्ते चीन ने अपने विमानवाहक युद्धपोत लियाओनिंग के नेतृत्व में पूरे बैटल ग्रुप को ट्रेनिंग के लिए ईस्ट चाइना सी में उतार दिया था. ये पहली बार है कि चीन की पीएलए-नेवी ने अपने जंगी बेड़े को इस क्षेत्र में मिलिट्री ट्रेनिंग के लिए तैनात किया था. इस दौरान लियाओनिंग की डेक से से चीनी फाइटर जेट जे-15 ने उड़ान भरी थी.
जापान का आरोप है कि चीनी लड़ाकू विमानों ने उसके (जापानी) एयर-स्पेस का उल्लंघन किया. ऐसे में जापान को दो बार अपने एफ-15 लड़ाकू विमानों को स्क्रैम्बल करना पड़ा. जापान का आरोप है कि चीनी फाइटर जेट ने एफ-15 के रडार को लॉक कर उत्तेजक कार्रवाई की. दूसरी तरफ चीन के विदेश मंत्रालय ने भी जापानी फाइटर जेट पर सामान आरोप जड़ दिए.
सोमवार को चीन के विदेश मंत्रालय ने जापान के साथ टकराव को अब तक का सबसे बड़ा मेरीटाइम और एयर सिक्योरिटी खतरा करार दिया. चीन ने जापान के विरोध को एक सिरे से खारिज कर दिया है.
जापान की नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री के बयान से इंडो-पैसिफिक में लगी आग
दरअसल, पिछले महीने जापान की नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री सनाए ताकएची ने ये कहकर सनसनी फैला दी थी कि अगर चीन ने ताइवान पर हमला किया तो जापान मदद के लिए आगे आएगा. इस बीच खबर ये भी है कि जापान ने ताइवान के करीब अपने आईलैंड में इंलेक्ट्रोनिक वारफेयर (ईडब्लू) एयर डिफेंस यूनिट तैनात कर दी है. ऐसे में चीन आगबबूला हो गया है और अपने एयरक्राफ्ट कैरियर को ईस्ट चाइना सी में उतार दिया है.
ईस्ट चाइना सी की चौड़ाई कम है. ऐसे में चीन और जापान, दोनों ही इस क्षेत्र पर अपना अधिकार जमाते हैं और अक्सर यहां एयर-स्पेस उल्लंघन की खबरें आती हैं. वर्ष 2024 में जापान की एयर फोर्स ने करीब 650 बार अपने फाइटर जेट को स्क्रैम्बल किया था. लेकिन इस बार, जापान ने चीनी फाइटर जेट पर रडार लॉक करने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं.
अमेरिका को चाहिए जापान का साथ, लेकिन चीन से टकराव पर साधी चुप्पी
पिछले हफ्ते अमेरिका की नेशनल सिक्योरिटी स्ट्रेटेजी (रिपोर्ट) में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन को रोकने के लिए भारत और जापान जैसे देशों की मदद लेने पर जोर दिया गया था. लेकिन ताजा चीन-जापान तकरार को लेकर अभी तक ट्रंप प्रशासन की तरफ से कोई बयान सामने नहीं आया है.

