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इक्वाडोर में राष्ट्रपति की हत्या की साजिश, माना जाता है ट्रंप का करीबी

इक्वाडोर में इन दिनों हड़कंप मचा हुआ है. क्योंकि राष्ट्रपति डेनियल नोबोआ पर जानलेवा हमले की साजिश का खुलासा हुआ है. खुफिया सूचना मिलने के बाद इक्वाडोर में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है और मामले की जांच शुरु कर दी गई है. वहीं राष्ट्रपति की सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

दरअसल राष्ट्रपति नोबोआ दूसरी बार राष्ट्रपति चुने गए हैं, और उन्होंने भारी भरकर अंतर से अपने प्रतिद्वंदी को हराया है, माना जा रहा है कि डेनियल नोबोआ की जीत के बाद ही उनकी हत्या की कोशिश की जा सकती है. 

हत्या और आतंकी हमलों की खुफिया चेतावनी

इक्वाडोर के सरकारी मंत्रालय ने एक्स पर अपने बयान में कहा, हमें  हत्या, आतंकवादी हमलों और हिंसक विरोध प्रदर्शनों की साजिश के बारे में खुफिया जानकारी और चेतावनी दी गई है. मंत्रालय ने कहा, हमनें कथित खतरों से निपटने के लिए पुख्ता सुरक्षा उपाय किए हैं. हर तरह के एहतियात बरते जा रहे हैं. संदिग्धों पर नजर रखी जा रही है और खुफिया जानकारी के आधार पर जांच शुरु कर दी गई है.

टारगेट पर क्यों हैं राष्ट्रपति डेनियल नोबोआ?

डेनियल नोबोआ दूसरी बात चुनाव जीते हैं. नोबोआ ने अपने विरोधी वामपंथी नेता को तकरीबन 10 लाख वोट से मात दी है. नोबोआ, इक्वाडोर की जनता को इसलिए पसंद हैं, क्योंकि अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हैं, और क्राइम को लेकर नोबोआ का जीरो टॉलरेंस नीति है.

साउथ अमेरिका का देश इक्वाडोर गैंगवार और ड्रग्स के लिए कुख्यात है, लेकिन नोबोओ ने काफी हद तक क्राइम को कंट्रोल करने की कोशिश की है. जिसके कारण आपराधिक गिरोह राष्ट्रपति की हत्या करना चाहते हैं. 

ट्रंप का करीबी माना जाता है नोबोआ को

नोबोआ का अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का करीबी माना जाता है. ट्रंप ने जब इसी साल जनवरी के महीने में दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी तो नोबोआ उन चुनिंदा राष्ट्राध्यक्षों में शामिल थे जिसे व्हाइट हाउस से खास न्योता मिला था.

ट्रंप के शपथ-ग्रहण समारोह में नोबोआ और उनकी पत्नी को पहली कतार में जगह मिली थी. उनकी बगल की सीट पर ही भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर को बैठने का मौका मिला था.

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