पैरामिलिट्री फोर्स के अफसरों को लेकर गृह मंत्रालय ने किया है एक बड़ा निर्णय. निर्णय ये कि सीआरपीएफ, बीएसएफ और आईटीबीपी जैसे केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में अब आईपीएस अधिकारियों की जगह केंद्रीय बलों के कैडर को प्राथमिकता दी जाएगी. गृह मंत्रालय के फैसले से साफ है कि अर्धसैनिक बलों में वरिष्ठ लेवल पर आईपीएस की छुट्टी होने जा रही है. जबकि अब तक वरिष्ठ पदों के लिए मौका आईपीएस को दिया जाता था.
पैरामिलिट्री फोर्स में सीनियर पदों पर कैडर अधिकारियों की तैनाती
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा है कि फोर्सेज की ऑपरेशन्ल और फंक्शनल जरूरतों को देखते हुए जरूरी है कि कैडर अधिकारियों को सीनियर पदों (आईजी पद तक) पर तैनात किया जाए. साथ ही अर्धसैनिक बलों में आईपीएस अधिकारियों की लैटरल एंट्री से कैडर अधिकारियों को उच्च पदों तक पहुंचने में खासी दिक्कतें आ रही है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने अगले दो साल में डेप्यूटेशन पर आने वाले आईपीएस अधिकारियों की नियुक्ति बिल्कुल कम करने का निर्देश दिया है.
समझिए कैसे होती है सीनियर अफसरों की नियुक्ति, क्यों सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
अभी केंद्रीय पुलिस बलों में अधिकारियों की नियुक्ति दो तरीके से होती है. असिस्टेंट कमांडेंट से लेकर डीआईजी तक कैडर के अधिकारी नियुक्त किए जाते हैं. आईजी से लेकर महानिदेशक (डीजी) के पदों पर आईपीएस अधिकारी को ही नियुक्त किया जाता है. ये आईपीएस अधिकारी कुछ समय के लिए डेप्यूटेशन पर केंद्रीय नियुक्ति पर आते हैं.
कैडर अधिकारी, एसएससी (सर्विस सलेक्शन कमीशन) की परीक्षा पास कर केंद्रीय पुलिस बलों में शामिल होते हैं, तो इंडियन पुलिस सर्विस (आईपीएस) अधिकारी, यूपीएससी की परीक्षा के जरिए राज्यों की अलग-अलग पुलिस में शामिल होते हैं. ये आईपीएस अधिकारी ही कुछ समय के लिए केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर केंद्रीय पुलिस बलों में सीनियर पदों पर तैनात किए जाते हैं.
हाल के सालों में कैडर अधिकारियों की नियुक्ति एडीजी रैंक तक हुई है. लेकिन ऐसे अधिकारियों की संख्या बेहद कम है. यही वजह है कि कि मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था. सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्य बेंच ने अब गृह मंत्रालय को कैडर रिव्यू करने का निर्देश दिया है.
देश के लिए क्यों महत्वपूर्ण हैं केंद्रीय अर्धसैनिक बल, क्या है काम?
केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में सीआरपीएफ, बीएसएफ और आईटीबीपी के अलावा सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ)शामिल हैं. सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) की जिम्मेदारी आंतरिक सुरक्षा और कानून-व्यवस्था बनाने की है तो पाकिस्तान और बांग्लादेश सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी बीएसएफ की है.
नेपाल और भूटान की सुरक्षा की जिम्मेदारी एसएसबी की है और चीन (तिब्बत) से सटी सीमा की जिम्मेदारी भारत-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) की है. देश के महत्वपूर्ण संस्थानों और धरोहरों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआईएसएफ की है. प्राकृतिक और मानवीय आपदाओं से लड़ने की जिम्मेदारी एनडीआरएफ की है.