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सीमा-पार आतंकवाद के परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे पाकिस्तान !

संयुक्त राष्ट्र में भारत ने सख्त लहजे में चेतावनी दी है कि अगर सीमा-पार से आतंकवाद जारी रहा तो पाकिस्तान को ‘परिणाम भुगतने’ के लिए तैयार रहना होगा. भारत ने कहा कि जिस देश का ‘हथियार’ ही आतंकवाद है वो ‘स्ट्रेटेजिक-रिस्ट्रेंट’ की बात कैसे कर सकता है.

शुक्रवार को यूएन में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने आरोप लगाया था कि भारत नियंत्रण रेखा (एलओसी) को पार कर पीओके (पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर) पर कब्जा करने की तैयारी कर रहा है. शरीफ ने जम्मू-कश्मीर का हवाला देते हुए कहा था कि पाकिस्तान ने स्ट्रेटेजिक-रिस्ट्रेंट यानी सामरिक संयम रखने और बातचीत का प्रस्ताव दिया था, जिसे भारत ने ठुकरा दिया है.

संयुक्त राष्ट्र सभा में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के भाषण का जवाब देने के लिए भारत ने यूएन में अपनी महिला प्रतिनिधि भाविका मंगलानंदन को उतारा. भाविका ने अपने भाषण में न केवल शहबाज शरीफ बल्कि पूरे पाकिस्तान को उधेड़ कर रख दिया.

भाविका ने कहा कि “जिस पाकिस्तान को सेना चलाती है और जो पूरी दुनिया में आतंकवाद, नारकोटिक्स ड्रग्स और ट्रांस-नेशनल क्राइम के लिए जाना जाता है, वो दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र (भारत) पर हमला करने की कैसे हिमाकत कर सकता है.” भाविका ने कहा कि लंबे समय से पाकिस्तान ने अपनी पड़ोसियों के खिलाफ क्रॉस-बॉर्डर टेररिज्म को हथियार की तरह इस्तेमाल किया है. उन्होंने कहा कि “पाकिस्तान ने हमारी संसद पर हमला किया, हमारी आर्थिक राजधानी मुंबई पर अटैक किया, मार्केट को निशाना बनाया, हमारे तीर्थ-स्थलों और वहां जाने वाले रास्तों को भी नहीं छोड़ा. ऐसे देश के प्रधानमंत्री के मुंह से हिंसा की बात हिपोक्रेसी जैसी लगती है.”

भारतीय दूत ने कहा कि जिस पाकिस्तान में सभी चुनावों में गड़बड़ी का इतिहास रहा है वो हिंसा के जरिए न केवस जम्मू कश्मीर में हो रहे चुनाव को बाधित करना चाहता है बल्कि भारत की सीमाओं पर भी ‘बुरी नज़र’ रखता है.

भाविका ने कहा कि आतंकवाद के साथ भारत कभी कोई समझौता नहीं करेगा बल्कि सीमा-पार आतंकवाद का करारा जवाब दिया जाएगा. भारत ने एक बार फिर दुनिया के सामने पाकिस्तान को ग्लोबल टेरेरिस्ट ओसामा बिन लादेन की ‘मेहमान-वाजी’ के लिए एक्सपोज किया.

दरअसल, जल्द ही पाकिस्तान में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (‘एससीओ’) की बैठक होने जा रही है. इसके लिए पाकिस्तान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया था. लेकिन विदेश मंत्री एस जयशंकर ने साफ कर दिया है जब तक पाकिस्तान, भारत में आतंकवाद पूरी तरह खत्म नहीं करेगा, किसी भी तरह की बातचीत संभव नहीं है. इससे पाकिस्तान खिसिया कर रह गया है.

संयुक्त राष्ट्र में भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि आज पाकिस्तान की बात कोई नहीं सुनता है और बार-बार झूठ बोलने से भी हकीकत नहीं बदलेगी, फिर भी अनाप-शनाप आरोपों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.