तिब्बती बौद्धगुरु दलाई लामा के एक महीने के लद्दाख प्रवास पर चीन का चिढ़ना तय है. दलाई लामा के उत्तराधिकारी विवाद पर अलग-थलग पड़े चीन की तिरछी नजर लद्दाख में दलाई लामा के भव्य स्वागत पर टिक गई है. हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला से दलाई लामा भारतीय वायुसेना के एयरक्राफ्ट से लद्दाख पहुंचे हैं. शनिवार को दलाई लामा बेहद कड़ी सुरक्षा में लेह एयरपोर्ट पहुंचे. करीब तीन वर्ष बाद लेह यात्रा पर आए दलाई लामा की एक झलक पाने के लिए उनके अनुयायियों में होड़ मच गई. दलाई लामा के ऐसे स्वागत और वायुसेना के विमान से लद्दाख पहुंचना चीन को अखर सकता है.
मिलिट्री एयरक्राफ्ट से लेह पहुंचे दलाई लामा, जेड प्लस श्रेणी का सुरक्षा घेरा
दलाई लामा को विशेष सुरक्षा के साथ एयरफोर्स के विमान सी 130 विमान से लेह पहुंचे हैं. लेह में हजारों लोग दलाई लामा के स्वागत के लिए पहुंचे थे. हर ओर दलाई लामा के नाम की गूंज थी. लेह को दलाई लामा के लिए सजाया गया था.
इस दौरान दलाई लामा के सिक्योरिटी का खास ख्याल रखा गया था. इसी साल भारत सरकार ने जेड-प्लस कैटेगरी सुरक्षा प्रदान की है. उनके साथ हमेशा सीआरपीएफ के दो दर्जन कमांडो का घेरा रहता है. लेह एयरपोर्ट पर उतरने के साथ ही दलाई लामा को सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) के कमांडो घेरे ने अपनी सुरक्षा में बाहर निकाला. दलाई लामा की सुरक्षा के लिए लद्दाख पुलिस ने भी कड़े इंतजाम किए हैं.
दलाई लामा ने उत्तराधिकारी की जिम्मेदारी गादेन फोडरंग ट्रस्ट को दी
इसी महीने दलाई लामा ने अपना 90वां वर्षगांठ मनाया है. ऐसे में दलाई लामा के उत्तराधिकारी को लेकर चर्चाएं तेज हो गई है. दलाई लामा के इस ऐलान से कि उनके उत्तराधिकारी के चयन की जिम्मेदारी गादेन फोडरंग ट्रस्ट पर है.
अपने निर्णायक फैसले में दलाई लामा ने ये घोषणा की कि गादेन फोडरंग ट्रस्ट को तय करना है दलाई लामा का पुनर्जन्म को जारी रखना है या नहीं. दलाई लामा की ओर से जारी बयान में कहा गया, कि सिर्फ गादेन फोडरंग ट्रस्ट के पास बौद्ध परंपराओं के आधार पर अगले दलाई लामा को मान्यता देने का अधिकार है.
दलाई लामा के फैसले से चीन बिलबिलाया
दलाई लामा की घोषणा के बाद चीन ने कहा है कि बिना (चीनी) सरकार की मंजूरी के दलाई लामा का उत्तराधिकारी नहीं नियुक्त किया जा सकता. माना जा रहा है कि दलाई लामा से खार खाए बैठे चीन का धर्मशाला से लद्दाख पहुंचना बिलकुल रास नहीं आएगा, और वो भी भारतीय वायुसेना विमान से.
पिछले साल अक्टूबर में हुए डिसइसगेंजमेंट करार के बाद से ही भारत और चीन की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति सामान्य की तरफ बढ़ी है. वर्ष 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद से भारत-चीन में तनाव बढ़ गया था. माना जा रहा है कि चीन दलाई लामा के लद्दाख दौरे का विरोध कर सकता है.