By Himanshu Kumar
रक्षा मंत्रालय ने सुखोई फाइटर जेट (सु-30 एमकेआई) के लिए 240 एयरो इंजन खरीदने के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ एक अनुबंध किया है. इस करार की कुल कीमत 26 हजार करोड़ से ज्यादा की है.
इन ‘एएल-31एफपी’ एयरो इंजन का निर्माण एचएएल के कोरापुट डिवीजन द्वारा किया जाएगा और ये भारतीय वायु सेना की एसयू-30 फ्लीट की परिचालन क्षमता को बनाए रखने की आवश्यकता को पूरा करने की उम्मीद है.
अनुबंधित वितरण कार्यक्रम के अनुसार एचएएल प्रति वर्ष 30 एयरो इंजन की आपूर्ति करेगा. सभी 240 इंजनों की आपूर्ति अगले आठ वर्षों की अवधि में पूरी हो जाएगी.
यह अनुबंध रक्षा सचिव गिरीश अरमाणे और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी की उपस्थिति में रक्षा मंत्रालय और एचएएल के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा नई दिल्ली में किया.
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया कि निर्माण के दौरान, एचएएल, एमएसएमई और सार्वजनिक सहित निजी उद्योगों को शामिल करके देश के रक्षा विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र से समर्थन लेने की योजना बना रहा है.
रक्षा सचिव गिरीश अरमाणे के मुताबिक, “यह अनुबंध भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. यह एचएएल और देश के रक्षा विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक बड़ा अवसर है.”
इस अवसर पर बोलते हुए वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा, “यह अनुबंध भारतीय वायु सेना की क्षमता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. एचएएल के साथ मिलकर काम करना हमारे लिए गर्व का विषय है.”