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फटाफट खबरें: जानना जरूरी है!

  • मणिपुर में भारी मात्रा में संवेदनशील हथियार बरामद

मणिपुर में भारी मात्रा में हथियारों की बरामदगी की गई है. भारतीय सेना, असम राइफल्स, मणिपुर पुलिस और दूसरे सुरक्षा बलों ने मिलकर मणिपुर में संयुक्त अभियान चलाया था. इस दौरान थौबल, तेंगनौपाल, बिष्णुपुर, चुरचंदपुर, इंफाल पश्चिम, नोनी, जिरीबाम और काकचिंग जिलों में पहाड़ी और घाटी दोनों क्षेत्रों से 35 हथियार, गोला-बारूद और युद्ध सामग्री बरामद की.भारत-म्यांमार सीमा पर घुसपैठ के दौरान एक संदिग्ध को असम राइफल के जवानों ने पकड़ा था. बाद में संदिग्ध की निशानदेही पर हथियारों का जखीरा बरामद किया गया है.

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  • अगले सप्ताह व्हाइट हाउस में ट्रंप-नेतन्याहू की मुलाकात

इजरायल को 2000 पाउंड बम की सौगात देने के बाद बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात करेंगे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप. डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अगले हफ्ते व्हाइट हाउस में मुलाकात होगी. इजरायल और हमास के बीच हुए समझौते के बाद नेतन्याहू अपने अगले प्लान के बारे में चर्चा कर सकते हैं. राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप पहली बार किसी राष्ट्राध्यक्ष से मुलाकात करेंगे. ये मीटिंग इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि ट्रंप ने फिलिस्तीनी लोगों को मिस्र, जॉर्डन या अरब देशों में बसाने को लेकर नई बहस छेड़ दी है.

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  • ट्रंप के प्लान से इत्तेफाक नहीं रखती हैं दोस्त जॉर्जिया मेलोनी

डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण में शामिल होने वाशिंगटन गईं इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी ने फिलिस्तीनी लोगों को अरब देशों में बसाए जाने को पुख्ता प्लान नहीं बताया है. सऊदी अरब की यात्रा पर गई मेलोनी ने कहा– मुझे विश्वास नहीं है कि डोनाल्ड ट्रंप के पास फिलिस्तीनी लोगों को गाजा से बाहर निकालने की कोई निश्चित योजना है. ट्रंप ये सही कह रहे हैं कि गाजा का पुनर्निर्माण हमारे सामने आने वाली मुख्य चुनौतियों में से एक है. इसमें अंतरराष्ट्रीय समुदाय की व्यापक भागीदारी जरूरी है, लेकिन जहां तक शरणार्थियों के मुद्दे का सवाल है, मुझे नहीं लगता कि यहां भी हमारे सामने कोई तय योजना है. हमें क्षेत्रीय पक्षों के साथ चर्चा करनी होगी, जिन्हें निश्चित रूप से इसमें शामिल होना चाहिए. 

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  • जबरन साइबर क्राइम के जाल में फंसे भारतीयों की रेस्क्यू

लाओस में भारतीय दूतावास ने साइबर स्कैम सेंटर्स में फंसे 67 भारतीयों को रेस्क्यू किया है. सभी लोगों को लाओस के बोकेओ प्रांत से बचाया गया है. बचाए गए लोगों के साथ गोल्डन ट्रायंगल स्पेशल इकोनॉमिक जोन में दुर्व्यवहार किया जाता था. लोगों को ट्रैप में फंसाकर साइबर क्राइम करने को मजबूर किया जाता था. भारतीयों की गुहार लगाए जाने के बाद दूतावास ने भारतीयों की मदद की.लाओ पीडीआर में भारत के राजदूत प्रशांत अग्रवाल ने युवाओं से मुलाकात करके आश्वासन दिया है, कि वो जल्द वापस भारत लौट सकेंगे. अबतक 900 से ज्यादा लोगों को बचाया जा चुका है. 

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  • एनसीसी कैडेट्स में पीएम मोदी ने भरा जोश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को दिल्ली के करियप्पा परेड ग्राउंड में आयोजित राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) रैली में भाग लिया. इस अवसर पर पीएम मोदी ने कैडेट्स को संबोधित करते हुए एनसीसी की तारीफ की. पीएम मोदी ने कहा- भारत के युवा सिर्फ भारत के लिए ही नहीं, बल्कि फोर्स फॉर ग्लोबल गुड हैं. आज दुनिया इस बात को मान रही है. कोई भी व्यक्ति हो या देश, उसका सामर्थ्य तब बढ़ता है, जब वह अनावश्यक बाधाओं से पार पा लेता है.

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  • अपने नागरिकों को जल्दी से जल्दी देश वापस लें- मार्को रूबियो

अवैध प्रवासियों को लेकर कोलंबिया के साथ हुए विवाद के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने कहा है कि यह हर देश की जिम्मेदारी है कि वह अपने नागरिकों गंभीरता और शीघ्रता से वापस ले, जो अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे हैं. मार्को रूबियो ने कहा- अमेरिका को अब बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता है. अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग के मुताबिक 2022 में अमेरिका में करीब 1.1 करोड़ प्रवासी अवैध तरीके से रह रहे थे, जिनमें सबसे अधिक संख्या मेक्सिको से थी.

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  • अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए तैयार हुआ चीन

अमेरिका में अवैध तरीके से रह रहे चीनी नागरिकों को वापस लेने के लिए तैयार हुआ चीन. चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने बीजिंग में कहा- हम अमेरिका और अन्य देशों के प्रवासन और कानून प्रवर्तन विभागों के साथ सहयोग कर रहे हैं. वेरिफिकेशन के बाद चीनी नागरिकों की पहचान की जा रही है. चीन अपने नागरिकों के वापस लाएगा.  पांच चार्टर उड़ानों में सैकड़ों चीनी नागरिकों को चीन वापस भेज चुका है. जिन लोगों को बाहर निकाला गया है, उन्हें अमेरिका की ओर से अवैध निवासी बताया है.

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  • पुतिन के करीबी लुकाशेंको फिर बने बेलारूस के राष्ट्रपति

पुतिन के करीबी अलेक्जेंडर लुकाशेंको एक बार फिर से बेलारूस के राष्ट्रपति बन गए हैं. लुकाशेंको तीन दशक से भी अधिक समय बेलारूस के राष्ट्रपति हैं. चुनाव में लुकाशेंकों को करीब 87 फीसदी वोट मिले हैं. विपक्षी नेताओं का कहना है कि यह चुनाव पहले की तरह पहले की तरह एक धोखा है. पश्चिमी देशों ने भी लुकाशेंको की जीत के नतीजों को खारिज किया है. लुकाशेंको साल 1994 से सत्ता में हैं और उन्हें रूस से आर्थिक और राजनीतिक मदद मिलती है. 

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  • तख्तापलट कराने वाले बदनाम अमेरिकी राजनयिक डोनाल्ड लू का इस्तीफा

दक्षिण एशिया के कई देशों में तख्तापलट करवाने, सरकार के विरोधियों की सहायता करने और भड़काने वाले कुख्यात अमेरिकी राजनयिक डोनाल्ड लू का गुडबाय हुआ. कार्यकाल पूरा होने के बाद डोनाल्ड लू अपने पद से कार्यमुक्त हो गए हैं. डोनाल्ड लू को बदनाम राजनयिक के तौर पर जाना जाता है. लू पर पाकिस्तान के अलावा, श्रीलंका, म्यांमार और बांग्लादेश में तख्तापलट में शामिल होने के आरोप भी लगे हैं. बांग्लादेश की पूर्व राष्ट्रपति से सत्ता में रहते हुए खुलासा किया था कि एक ‘व्हाइट मैन’ ने उनपर अमेरिकी एयरबेस बनाने का दबाव डाला है. माना जाता है कि वो व्हाइट मैन डोनाल्ड लू ही थे.

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  • ईरान के लिए जासूसी करने वाले 2 इजरायली गिरफ्तार

ईरानी एजेंट को संपर्क में रहकर इजरायल की जासूसी करने वाले दो नागरिकों को पकड़ा गया है. इजरायली एजेंसी शिन बेट ने इजरायल के निवासी यूरी एलियासफोव और जॉर्जी एंड्रीव को गिरफ्तार किया है. शिन बेट के मुताबिक- गिरफ्तार यूरी एलियासफोव सैन्य सामग्री को वायु रक्षा इकाई तक पहुंचाता था. दोनों आरोपियों ने देश के कई स्थानों पर ईरान समर्थक संदेशों वाले बैनर लटकाए. ये सब करने के लिए ईरान से पैसे मिलते थे.

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  • 33 बंधकों की लिस्ट में से 8 मारे जा चुके हैं- इजरायल

हमास की ओर से छोड़े जाने वाली 33 बंधकों की सूची में से आठ पहले ही मारे जा चुके हैं. बाकी के 25 बंधक जीवित हैं. ये दावा किया है इजरायल ने. इजरायल ने कहा- हमास से बंधकों की स्थिति की जानकारी वाली सूची भेजी है. बंधकों की अगली रिहाई गुरुवार को होगी. इसके बाद शनिवार को फिर बंधकों की रिहाई होगी. सात अक्तूबर 2023 को हमास के लड़ाकों ने इस्राइल पर हमले किए थे। जिसमें करीब 1,200 इस्राइली नागरिक मारे गए थे और करीब ढाई सौ लोगों को बंधक बना लिया गया था। युद्धविराम के तहत अबतक 7 बंधकों की रिहाई हुई है. बंधकों के बदले 290 फिलिस्तीनी कैदियों को इजरायल ने रिहा किया है. 

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  • यूरोपीय संघ ने बढ़ाया रूस पर आर्थिक प्रतिबंध

यूरोपीय संघ (ईयू) ने रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों को छह महीने के लिए और बढ़ाने का ऐलान किया है. इन प्रतिबंधों का उद्देश्य यूक्रेन के खिलाफ युद्ध के लिए रूस को धन जुटाने से रोकना है. ये प्रतिबंध व्यापार, वित्त, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, उद्योग और परिवहन क्षेत्र पर लागू हैं. ये प्रतिबंध अब कम से कम 31 जुलाई तक लागू रहेंगे. हंगरी की तरफ से प्रतिबंधों के संबंध में अपनी आपत्तियां वापस लेने के बाद यह कदम उठाया गया है.

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  • पेरिस के एयर शो में इजरायली कंपनियों के एंट्री पर विचार

पेरिस में होने वाले एयरशो में हिस्सा ले सकती हैं इजरायली कंपनियां. राष्ट्रपति मैक्रों ने संकेत दिए. इस साल जून में पेरिस में एयरशो होने वाला है. इस बारे में फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच बातचीत हुई है. मैक्रों ने कहा- हमें उम्मीद है कि गाजा में हमास के कब्जे में फंसे बंधकों को जल्द रिहा किया जाएगा, बंधकों में दो फ्रांसीसी नागरिक भी शामिल हैं. पेरिस में होने वाले एयरशो को लेकर  फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने कहा कि गाजा और लेबनान में संघर्ष विराम के कारण पूरी उम्मीद है कि इजरायली कंपनियों के एयरशो मे भाग लेने के प्रस्ताव पर विचार किया जा सकता है’.

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