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खबरें फटाफट: जानना जरूरी है!

  • हैं तैयार हम…गंगा एक्सप्रेस वे पर लड़ाकू विमानों की टच लैंडिंग

भारतीय वायुसेना ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में गंगा एक्सप्रेसवे के 3.5 किलोमीटर लंबे हिस्से पर अपने लड़ाकू विमानों की टच लैंडिंग की. वायुसेना के अभ्यास ‘लैंड एंड गो’ में दिखा वायुसेना का शौर्य. राफेल, सुखोई-30 एमकेआई, मिग-29, मिराज-2000, जगुआर, एएन-32 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, सी-130जे सुपर हरक्यूलिस और एमआई-17 हेलिकॉप्टर्स जैसे फ्रंटलाइन विमानों ने युद्ध क्षमता का प्रदर्शन किया.

  • रात में भी हुई लैंडिंग, राफेल, सुखोई, मिराज, जगुआर गरजे

शुक्रवार रात 9 से 10 बजे के बीच वायुसेना ने दुर्लभ ‘नाइट लैंडिंग’ का भी प्रदर्शन किया. इस ऑपरेशन ने भारतीय वायुसेना की रात में उड़ान भरने की उन्नत क्षमता को उजागर किया. आपातकालीन सैन्य अभियानों के लिए हवाईपट्टी के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. अधिकारियों के अनुसार, “यह ड्यूल-यूज़ इन्फ्रास्ट्रक्चर डिफेंस लॉजिस्टिक्स और आपदा कार्यों में अहम भूमिका निभाएगा.”

  • चीनी राजदूत और शहबाज शरीफ में हुई मुलाकात

पाकिस्तान में चीन के राजदूत जियांग जैडोंग ने इस्लामाबाद में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात की और भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर चर्चा की.  चीनी राजदूत ने इस मुलाकात के बाद कहा है कि, “हम इस स्थिति पर नजर बनाए हुए है और दोनों देशों से शांति बनाए रखने की अपील करते हैं.” चीनी दूतावास के अनुसार, जियांग ने शरीफ से मुलाकात के दौरान कहा कि “चीन पाकिस्तान की सुरक्षा चिंताओं को समझता है और उसके राष्ट्रीय संप्रभुता और सुरक्षा हितों की रक्षा के प्रयासों का समर्थन करता है. राजदूत ने भारत और पाकिस्तान दोनों से संयम बरतने और शांति व स्थिरता के लिए आपसी मतभेदों को बातचीत से सुलझाने का आग्रह किया.

  • युद्ध के डर से खाना इकट्ठा कर रहा पाकिस्तान

भारतीय सेना के हमले से बचने के लिए पाकिस्तान हर स्तर की तैयारी में जुटा. खैबरपख्तूनख्वा में हवाई हमले का सायरन लगाने और बॉर्डर से लगे गांवों के आसपास बंकर बनाने का प्रयास तेज करने के बाद अब पाकिस्तान की सरकार ने पीओके के नागरिकों से लंबे समय के लिए खाना संग्रह करने को कहा, ताकि युद्ध होने पर वहां के नागरिकों को खाने-पीने की किल्लतों का सामना नहीं करना पड़े.

  • रूस-यूक्रेन की मध्यस्थता नहीं करेगा अमेरिका, रुबियो बोले- ये हमारा युद्ध नहीं

रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिका ने मध्यस्थता करने से हाथ पीछे खींचे. अमेरिकी विदेश विभाग ने साफ कर दिया कि अब अमेरिका मध्यस्थता नहीं करेगा और यह युद्ध उसकी जिम्मेदारी नहीं है. विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने कहा कि “ये हमारा युद्ध नहीं है.” यूक्रेन से मिनरल डील के एक दिन बाद अमेरिका ने युद्ध को लेकर चौंकाने वाला बयान दिया है. अमेरिका के इस बयान से कीव अलग-थलग पड़ सकता है. बताया जा रहा है कि वार्ता पर प्रगति न होने से ट्रंप नाराज थे.

  • हम दुनियाभर में उड़कार शांति वार्ता नहीं करेंगे: टैमी ब्रूस

अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने यह भी कहा कि “अब वक्त आ गया है कि दोनों पक्ष खुद तय करें कि युद्ध को कैसे खत्म किया जाए. अब यह दोनों पक्षों के बीच की बात है. उन्हें ठोस समाधान सामने लाना होगा. यही उनका दायित्व है. हम अब दुनिया भर में तुरंत उड़कर शांति वार्ता की मध्यस्थता नहीं करेंगे. हम अब इस संघर्ष में मध्यस्थ नहीं बनेंगे. वार्ता की जिम्मेदारी अब प्रत्यक्ष रूप से रूस और यूक्रेन पर है.”

  • भगवान बुद्ध के अवशेष लेकर वियतनाम पहुंचे किरन रिजिजू

भारत से भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष अब वियतनाम पहुंच गए हैं, जहां इन्हें 2 से 21 मई तक चलने वाले शांति, करुणा और सद्भाव के पवित्र समारोह में रखा गया है. भगवान बुद्ध के इन पवित्र अवशेषों के को लेकर केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू वियतनाम पहुंचे है. किरन रिजिजू ने  एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों के साथ उच्च स्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए वियतनाम पहुंच गया हूं. वियतनाम सरकार और वियतनाम बौद्ध संघ द्वारा भव्य औपचारिक स्वागत किया गया. ये पवित्र अवशेष संयुक्त राष्ट्र वेसाक दिवस समारोह के लिए 2 से 21 मई 2025 तक वियतनाम में रहेंगे.”

  • अगले सप्ताह व्हाइट हाउस में कनाडा के नए पीएम और ट्रंप में मीटिंग

कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी अगले सप्ताह मंगलवार को व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे. यह उच्च स्तरीय मुलाकात ऐसे समय में हो रही है, जब ट्रंप टैरिफ और कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने की बात करने को लेकर विवादों में हैं. कार्नी ने कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप के साथ मेरी बहुत ही रचनात्मक बातचीत हुई और हम अगले मंगलवार को वाशिंगटन में मिलने के लिए सहमत हुए हैं.आशा करता हूं कि अमेरिका और कनाडा के बीच अच्छा सौदा होगा.”

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