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औरंगजेब के वंशज की यूएन से गुहार, देश के कानून पर नहीं है भरोसा

महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजी नगर में औरंगजेब की कब्र का विवाद यूनाइटेड नेशंस यानी यूएन पहुंच गया है. मुगल बादशाह औरंगजेब का वंशज होने का दावा करने वाले याकूब हबीबुद्दीन ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को चिट्ठी लिखकर औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है.

मार्च के महीने में औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर नागपुर की रैली में हिंसा भड़क गई थी. याकूब हबीबुद्दीन ने सिर्फ औरंगजेब की कब्र का ही मामला नहीं उठाया है. बल्कि यूएन से वक्फ संशोधन कानून को लेकर भी मुलाकात का समय मांगा है. याकूब ने यूएन के बाद इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस का दरवाजा खटखटाने की बात भी कही है.

याकूब हबीबुद्दीन तुसी ने यूएन का खटखटाया दरवाजा

अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर के वंशज होने का दावा करते हुए याकूब हबीबुद्दीन ने संयुक्त राष्ट्र को पत्र लिखा है. वक्फ संपत्ति के मुतवल्ली (केयरटेकर) प्रिंस याकूब ने कहा कि “इस औरंगजेब की कब्र को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया गया है और यह प्राचीन स्मारकों और पुरातत्व स्थलों और अवशेष अधिनियम, 1958 के तहत संरक्षित है.

याकूब ने अपने पत्र में अंतरराष्ट्रीय कानूनों का हवाला देते हुए इसकी सुरक्षा के लिए सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की मांग की है.” पत्र में कहा, “फिल्मों, मीडिया आउटलेट और सोशल प्लेटफॉर्म के माध्यम से ऐतिहासिक तथ्यों को गलत तरीके से पेश करने के कारण लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया गया है, जिसकी वजह से अनुचित विरोध हो रहा है. ऐसे स्मारकों का विनाश, उपेक्षा या गैरकानूनी परिवर्तन अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन होगा. पत्र में भारत की ओर से विश्व सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत के संरक्षण से संबंधित यूनेस्को कन्वेंशन, 1972 पर हस्ताक्षर करने का भी जिक्र किया गया है.”

यूएन और आईसीजे में मामले को उठाएंगे: याकूब

याकूब ने भारत में वक्फ संशोधन और तीन तलाक मामले से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव से मिलने का समय मांगा है. हबीबुद्दीन ने कहा है कि, “वक्फ संशोधन और तीन तलाक के मामले इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में ले जाने की बात कही है. उम्मीद है कि जल्द ही हमारी मुलाकात संयुक्त राष्ट्र के महासचिव से होगी. “

हबीबुद्दीन ने दावा किया है कि “संयुक्त राष्ट्र संघ में 197 सदस्य हैं. जिनमें से कई सदस्यों से बात हो चुकी है.अब यूएन में दो मुद्दे उठेंगे. पहला मुद्दा नए वक्फ कानून पर अपना पक्ष रखेंगे. पहले यूएन में याचिका दायर करेंगे. इसके बाद इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में जाएंगे. बीजेपी और पीएम मोदी और अमित शाह दस साल से सरकार में हैं. वे सब कुछ बदलने पर आमादा है. ये स्वीकार नहीं है. हम इसके लिए आवाज उठा रहे हैं. क्योंकि, विरासत की रक्षा की जानी चाहिए. उसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए. इतिहास को संरक्षित किया जाना चाहिए. उसे विकृत नहीं किया जाना चाहिए. हम इन चुनौतियों का डटकर सामना करेंगे.”

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