भारत के साथ सीमा विवाद और संबंधों को सुधारने दिल्ली पहुंचे चीनी विदेश मंत्री वांग यी और एनएसए अजीत डोवल के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई है. इस दौरान भारत-चीन के बीच संबंधों को सुधारने और रिश्तों को मजबूत करने पर सकारात्मक पहल हुई है.
इस दौरान एनएसए डोवल ने ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए जल्द ही चीन का दौरा करेंगे. वहीं चीनी विदेश मंत्री ने अमेरिका का नाम लिए बिना बड़ा बयान देते हुए कहा है कि दुनिया बदल रही है, और किसी का एकतरफा फैसला नहीं चल सकता है.
चीन के साथ मजबूत हो रहे द्विपक्षीय रिश्ते, सीमाएं शांत और स्थिर: डोवल
वांग यी के साथ बैठक के दौरान एनएसए अजीत डोवल ने कहा कि “सीमा पर शांति और स्थिरता बनी हुई है. सीमाएं शांत हैं, शांति और सद्भाव कायम रहा है. हमारे द्विपक्षीय संबंध और भी मजबूत हुए हैं.”
डोवल ने पिछले साल कजान में राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री मोदी के बीच हुई मुलाकात को भी याद किया और कहा कि उस बैठक ने द्विपक्षीय संबंधों को एक नई दिशा दी है, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति करने में मदद मिली है.
भारत-चीन के रिश्तों में आया उतार चढ़ाव हित में नहीं थे:वांग यी
चीनी विदेश मंत्री ने भी माना कजान में पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच हुई उस मुलाकात ने सीमा विवाद के उचित समाधान और द्विपक्षीय संबंधों के विकास के लिए एक दिशा तय की थी. अजीत डोवल के साथ बैठक पर खुशी जाहिर करते हुए वांग यी ने कहा, “पिछले कुछ सालों में दोनों देशों के रिश्तों में आए उतार-चढ़ाव किसी भी देश के हित में नहीं थे.”
भारत पर मनमाने टैरिफ पर वांग यी ने साधा अमेरिका पर निशाना
चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा है कि “भारत-चीन संबंध सहयोग की दिशा में सकारात्मक रुझान दिखा रहे हैं. दोनों देशों को एक-दूसरे को प्रतिद्वंद्वी के रूप में नहीं, बल्कि साझेदार के रूप में देखना चाहिए. अमेरिका का नाम लिए बिना वांग यी ने भारत पर लगाए गए टैरिफ और दबाव को गलत बताया. वांग यी ने कहा, बदलती दुनिया में एकतरफा धमकियां और फैसले नहीं चलेंगे.”
वांग यी ने ये भी कहा, “चीन सौहार्द, ईमानदारी, पारस्परिक लाभ और साथ मिलकर चलने के सिद्धांतों को कायम रखने, भारत समेत पड़ोसी देशों के साथ मिलकर शांतिपूर्ण, सुरक्षित, समृद्ध, और मैत्रीपूर्ण दुनिया बनाने के लिए काम करने को तैयार है. वांग यी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत-चीन को एक-दूसरे के प्रति आश्वस्त रहना चाहिए, एक ही दिशा में आगे बढ़ना चाहिए, मुश्किलों को दूर करना चाहिए, सहयोग का विस्तार करना चाहिए और द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाना चाहिए.”
31 अगस्त-01 सितंबर को चीन में रहेंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तकरीबन 07 साल बाद चीन की यात्रा करेंगे. पीएम मोदी तिआनजिन शहर में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन समिट में हिस्सा लेने के लिए चीन पहुचेंगे. ये समिट 31 अगस्त से 1 एक सितंबर तक चलेगा. प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा 2020 के गलवान संघर्ष के बाद पहली यात्रा होगी. इस दौरे पर पूरी दुनिया का नजर है, क्योंकि रूसी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी चीन पहुंच सकते हैं. ऐसे में एक मंच पर रूस-भारत-चीन के आने से अमेरिका की टेंशन बढ़ना तय है.