बेहद नीचे उड़ने वाले ड्रोन की अब खैर नहीं है. क्योंकि डीआरडीओ ने ऐसे लो-फ्लाइंग ड्रोन को मार गिराने के लिए तैयार कर लिया है वैरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम यानी ‘विशोराड्स’. शनिवार को विशोराड्स का ओडिशा के चांदीपुर टेस्ट रेंज में सफल परीक्षण किया गया.
रक्षा मत्रांलय के मुताबिक, डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) ने चांदीपुर में विशोराड्स मिसाइल के तीन सफल फ्लाइट-ट्रायल किए. ये परीक्षण बेहद तेज गति से लो फ्लाइंग करने वाले ड्रोन्स पर किए गए.
तीनों परीक्षण में विशोराड्स मिसाइल ने बेहद कम थर्मल सिग्नेचर वाले ड्रोन्स को इंटरसेप्ट कर मार गिराया. ये तीनों टेस्ट अलग-अलग फ्लाइंग परिस्थितियों में अंजाम दिए गए.
दो फील्ड ऑपरेटर्स चला सकते हैं मिसाइल सिस्टम
इन टेस्ट को दो फील्ड ऑपरेटर्स ने पूरा किया. टेस्ट के दौरान वेपन की तैयारी, टारगेट को सेट करने और मिसाइल फायरिंग शामिल था.
विशोराड्स, एक मैन पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम है, जिसे डीआरडीओ की रिसर्च सेंटर इमारत प्रोडक्शन पार्टनर्स के साथ मिलकर तैयार किया है. खास बात ये है कि ये ऐसी मिसाइल सिस्टम है जिसकी जरूरत थलसेना, वायुसेना और नौसेना, तीनों को है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीशोराड के सफल फ्लाइट टेस्ट पर डीआरडीओ, आर्म्ड फोर्सेज और इंडस्ट्री को शुभकामनाएं प्रेषित की हैं. (https://x.com/FinalAssault23/status/1885760134648873062)
रूस भी भारत में बना रहा है मैन-पोर्टबल इग्ला एयर डिफेंस सिस्टम
हाल ही में रूस ने इग्ला एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल को भारत में बनाने का ऐलान किया था. मेक इन इंडिया के तहत इग्ला-एस एयर डिफेंस सिस्टम को रूस की रोसोबोरोनएक्सपोर्ट कंपनी भारत की एक प्राईवेट कंपनी के साथ इसका निर्माण भारत में करेगी.
इग्ला-एस मैनपैड्स (एमएएनपीएडीएस) यानि मैन-पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम है जिसे सैनिक अपने कंधे पर रख कर फायर कर सकते हैं. ये कम दूरी के एरियल टारगेट को हवा में ही मार गिराने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. पिछले कई दशक से भारत की सशस्त्र सेनाएं (थल सेना और वायुसेना) रूस की इस इग्ला मिसाइल का इस्तेमाल करती हैं. लेकिन अब ये काफी पुरानी पड़ चुकी हैं.
इग्ला की रेंज 3-4 किलोमीटर है लेकिन नई इग्ला-एस की रेंज करीब छह (06) किलोमीटर है. एयर-डिफेंस सिस्टम में ये आखिरी मिसाइल है जो दुश्मन के ड्रोन, फाइटर जेट, हेलीकॉप्टर और मिसाइल को मार गिरा सकती है. अगर इसका वार चूकता है तो दुश्मन का हमला पक्का समझ सकते हैं. इसीलिए ये एक महत्वपूर्ण एयर डिफेंस सिस्टम माना जाता है.
पंजाब से सटी सीमा पर फिर मिला पाकिस्तानी नारको-ड्रोन
बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) ने पंजाब के अमृतसर में एक खेत से एक पाकिस्तानी ड्रोन को बरामद किया. ड्रोन के जरिए पाकिस्तान से भारत में ड्रग्स की स्मगलिंग करने की कोशिश की जा रही थी.
पिछले साल (2024) में पंजाब से सटी पाकिस्तानी सीमा पर भारत ने 200 से ज्यादा ड्रोन बरामद किए थे या फिर मार गिराए थे. (https://x.com/BSF_Punjab/status/1885689946222334450)