डीआरडीओ ने लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस के लिए स्वदेशी इंटीग्रेटेड लाइफ सपोर्ट सिस्टम बनाने का दावा किया है.
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की बेंगलुरु स्थित रक्षा बायो-इंजीनियरिंग एंड इलेक्ट्रो मेडिकल प्रयोगशाला (डीईबीईएल) ने हल्के लड़ाकू विमान तेजस के लिए स्वदेशी ऑन-बोर्ड ऑक्सीजन जनरेटिंग सिस्टम (ओबीओजीएस) पर आधारित इस इंटीग्रेटेड लाइफ सपोर्ट सिस्टम (आईएलएसएस) का मंगलवार को सफल परीक्षण किया गया.
पारंपरिक ऑक्सीजन सिलेंडर पर निर्भरता होगी खत्म
ओबीओजीएस-आधारित इंटीग्रेटेड लाइफ सपोर्ट सिस्टम एक अत्याधुनिक प्रणाली है, जिसे उड़ान के दौरान पायलटों के लिए सांस लेने योग्य ऑक्सीजन उत्पन्न करने और नियंत्रित करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है. इस सिस्टम से पारंपरिक तरल ऑक्सीजन सिलेंडर-आधारित प्रणालियों पर निर्भरता समाप्त हो जाती है.
आईएलएसएस का परिशुद्ध परीक्षण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल)/एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) के एलसीए-प्रोटोटाइप व्हीकल-3 विमान पर किया गया, जिसमें इसकी क्षमता को समुद्र तल से 50 हजार फीट की ऊंचाई और हाई-जी युद्धाभ्यास सहित विभिन्न उड़ान स्थितियों में कड़े एयरोमेडिकल मानकों पर परखा गया.
एलसीए तेजस में ऑन-बोर्ड बनेगी ऑक्सीजन
ऑन-बोर्ड ऑक्सीजन जनरेटिंग सिस्टम से अलग, इंटीग्रेटेड लाइफ सपोर्ट सिस्टम में 10 लाइन रिप्लेसेबल यूनिट्स को एकीकृत किया गया है, जिसमें लो-प्रेशर ब्रीदिंग रेगुलेटर, इमरजेंसी ऑक्सीजन सिस्टम, ऑक्सीजन सेंसर, एंटी-जी वाल्व और अन्य उन्नत उपकरण समाहित हैं. इससे वास्तविक समय पर ऑक्सीजन उत्पादन सुनिश्चित होता है और इस प्रणाली से पायलट की सहनशक्ति एवं परिचालन प्रभावशीलता में वृद्धि होगी.
इस प्रणाली का निर्माण एल एंड टी द्वारा विकास सह उत्पादन साझेदार के रूप में किया गया है, जो डीआरडीओ तथा भारतीय रक्षा उद्योगों के बीच महत्वपूर्ण सहयोग को दर्शाता है. उल्लेखनीय रूप से, इंटीग्रेटेड लाइफ सपोर्ट सिस्टम में लगाई गई 90 प्रतिशत सामग्री स्वदेशी है, जो एयरोस्पेस प्रौद्योगिकी में भारत की आत्मनिर्भरता को और विस्तार देती है.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, उचित संशोधनों के साथ, इस प्रणाली को मिग-29के और अन्य विमानों में भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
इस महीने हो सकती है एफ-404 एविएशन इंजन की सप्लाई
अमेरिका से एविएशन इंजन (एफ-404) की सप्लाई में हो रही देरी के चलते एलसीए प्रोजेक्ट दो साल पीछे चल रहा है. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा से इंजन की सप्लाई इस महीने से हो सकती है.