आर्थिक समृद्धि और राष्ट्र की सुरक्षा, दोनों एक दूसरे के पूरक हैं. यही वजह है कि भारत अपनी सेना को मजबूत करने में जुटा है तो डिफेंस एक्सपोर्ट के जरिए अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहा है ताकि 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बन सके. ये कहना है देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का.
सोमवार को रक्षा मंत्री मध्य प्रदेश के महू (इंदौर) में आर्मी वॉर कॉलेज में सैनिकों को संबोधित कर रहे थे.
राजनाथ सिंह ने कहा कि “आप किसी भी बड़े और विकसित देश को देखिए, यदि वह सैन्य रूप से विकसित हुआ, तो उसका आधार आर्थिक समृद्धि थी. साथ ही वे आर्थिक रूप से समृद्ध हुए तो उसके पीछे मजबूत सुरक्षा व्यवस्था थी. यानी आर्थिक समृद्धि और सुरक्षा, दोनों एक दूसरे के पूरक हैं.” (https://x.com/DefenceMinIndia/status/1873601721253191747)
आचार्य चाणक्य और उनकी लिखित अर्थशास्त्र का उल्लेख करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि “बलेन रक्षा, रक्षया अर्थ संपदः यानी सेना की ताकत से ही राष्ट्र को सुरक्षा मिलती है, और सुरक्षित राष्ट्र ही आर्थिक समृद्धि का आधार.”
राजनाथ सिंह ने कहा कि “इसलिए यदि हमें आर्थिक समृद्धि और ज्यादा ताकतवर बनना है, तो हमें सैन्य शक्ति के रूप में भी मजबूत होना होगा.” (भारत इतना खुशनसीब नहीं, अलर्ट रहे सेना)
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत आज एक मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में तेज़ी से उभर रहा है. आज से लगभग एक दशक पहले हमारा रक्षा निर्यात जहां लगभग दो हजार करोड़ रुपये का हुआ करता था, सरकार के प्रयासों से आज यह 21 हजार करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गया है.
राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि “वर्ष 2029 तक हमने 50 हजार करोड़ रूपये का एक्सपोर्ट टारगेट रखा है.”
रक्षा मंत्री ने विश्वास जताते हुए कहा कि “आप सबकी (सैनिकों की) इच्छाशक्ति, प्रतिबद्धता और समर्पण के दम पर भारत बेहद मजबूती से आगे बढ़ेगा और 2047 तक हम न सिर्फ एक विकसित राष्ट्र बनेगें, बल्कि हमारी सेना भी दुनिया की सबसे अत्याधुनिक और मजबूत सेना होगी.” (https://x.com/DefenceMinIndia/status/1873602425640423662)