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ईयू को जासूसी का डर, बैक टू फ्यूचर

आज की सदी में जब एआई की बात की जा रही है, हवा में उड़ने वाली टैक्सी लॉन्च कर दी गई है, ऐसे में यूरोपीय कमीशन इस्तेमाल करने वाला है कीपैड वाला मोबाइल फोन, वो मोबाइल फोन जो शुरुआत के समय में लॉन्च किए गए थे. क्योंकि अमेरिका के हाथ खींचने के बाद यूरोपियन आयोग को सता रहा है अपनी जासूसी का डर. ईसी को आशंका है कि अमेरिका उनके कर्मचारियों पर नजर रखने के लिए जासूसी करा सकता है, इसलिए अगर कर्मचारी साधारण फोन का प्रयोग करते हैं तो जासूसी से बचाया जा सकता है.

यूरोपियन आयोग ने जारी किए कीपैड वाले फोन और बेसिक लैपटॉप

यूरोपियन कमीशन ने अमेरिका जाने वाले अपने कर्मचारियों को बर्नर फोन (कीपैड वाले साधारण फोन) और बेसिक लैपटॉप जारी किए हैं, क्योंकि ईयू को ऐसा लगता है कि अमेरिका में उनकी जासूसी की जा सकती है. ईयू ने अपने अपने कर्मचारियों से कहा है कि अमेरिका जाने वाले कर्मचारियों को ब्रिटेन की सीमा से बाहर जाते ही अपने स्मार्ट फोन बंद कर देने चाहिए तथा उन्हें विशेष कवर में रखना चाहिए ताकि सर्विलांस से बचा जा सके. अगले सप्ताह आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक की बैठकों के लिए अमेरिका जाने वाले यूरोपियन कमीशन के आयुक्तों और वरिष्ठ अधिकारियों को इस सुरक्षा उपाय के तहत रखा जाएगा.  डर है कि अमेरिका द्वारा यूरोपियन कमीशन के सिस्टम को हैक करने की कोशिश की जा सकती है. अमेरिका के अलावा चीन और यूक्रेन में भी कर्मचारी ऐसा प्रोटोकॉल की पालन करते रहे हैं.

डिप्लोमैटिक सर्विस में सिक्योरिटी अपडेट किया गया: ईयू

यूरोपियन कमीशन ने पुष्टि की है कि उसने अपनी साइबर सिक्योरिटी को हाल में अपडेट किया है. लेकिन उसने अमेरिका द्वारा जासूसी की संभावनाओं पर कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया है. यूरोपियन कमीशन ने कहा कि “उसकी डिप्लोमैटिक सर्विस हमेशा से ऐसे सिक्योरिटी अपडेट में शामिल रही है.” ईयू और अमेरिका के बीच ये तल्खी हाल ही में ट्रेड वॉर के बाद आई है. अमेरिका ने ईयू के खिलाफ टैरिफ की घोषणा की है, जिसके बाद ईयू को गैरकानूनी तरीके से अपनी जासूसी का डर सता रहा है.

वाशिंगटन, बीजिंग, मॉस्को, इजरायल पर लगते रहे हैं जासूसी के आरोप

एक एक्सपर्ट ने बताया कि  “वाशिंगटन, बीजिंग या मॉस्को नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा विरोधी है जो अपने हितों और शक्ति को बढ़ाने के लिए गैर-कानूनी तरीकों का इस्तेमाल करते रहते हैं. अमेरिका में बराक ओबामा प्रशासन पर 2013 में तत्कालीन जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल के फोन की जासूसी करने का आरोप लगा था.” अमेरिका में बॉर्डर स्टाफ को विजिटर्स और टूरिस्ट के फोन और कंप्यूटर जब्त कर उनमें मौजूद कॉन्टेंट की जांच करने का अधिकार है. और गलती से अगर आपके सोशल मीडिया या फिर किसी भी तरह के मैसेज, कंटेंट में अमेरिकी विरोधी बातें लिखी गईं तो प्रवेश तक नहीं दिया जाता है. 

पीएम नेतन्याहू ने बोरिस जॉनसन के बाथरूम लगाई थी स्पाई मशीन

इसके अलावा कुछ महीने पहले ब्रिटेन के पूर्व पीएम बोरिस जॉनसन ने ये कहकर सनसनी फैला दी थी, उनकी जासूसी खुद इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने की थी, वो भी बाथरूम में बग लगाकर. बोरिस जॉनसन ने कहा था कि “उनकी खुफिया बातें सुनने के लिए बोरिस के बाथरूम में खुद पीएम नेतन्याहू ने बाथरूम जाने के बहाने बातें सुनने वाला बग यानी मशीन फिट की थी.” बोरिस ने बताया था कि “जब वो  विदेश मंत्री थे तब उनकी मुलाकात बेंजामिन नेतन्याहू से हुई थी. ये मुलाकात साल 2017 में हुई. उस दौरान नेतन्याहू ने बोरिस के बाथरूम का इस्तेमाल किया था, जिसके बाद बोरिस की सिक्योरिटी टीम ने उनके बाथरूम से एक सुनने वाली मशीन बरामद की थी.”

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