14 जुलाई यानी फ्रांसीसी राष्ट्रीय दिवस (बैस्टिल डे) पर मना रहे राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने मौजूदा हालात को यूरोप की स्वतंत्रता को बड़ा खतरा बताया है. मैक्रों ने बड़ा बयान देते हुए कहा है, कि दुनिया में रहना है तो डर पैदा करना होगा, डर पैदा करने के लिए शक्तिशाली बनना पड़ेगा. भविष्य में चल रहे अलग-अलग मोर्चों पर अशांतियों को देखते हुए मैक्रों ने इस वक्त को द्वितीय विश्व युद्ध जैसा खतरनाक कहा है.
रक्षा बजट बढ़ाने को मैक्रों ने बताया समय की जरूरत
बैस्टिल डे की पूर्व संध्या को राष्ट्रपति मैक्रों ने देश को संबोधित किया. इस संबोधन में मैक्रों ने यूरोप पर मंडरा रहे खतरे का जिक्र किया और रूस के विस्तारवादी नीति की निंदा की. राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा कि “द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अभी वो समय है जब यूरोप की स्वतंत्रता को सबसे अधिक खतरा है.”
मैक्रों ने कहा “मौजूदा समय में सशक्त बनकर लोगों को डरा कर रखना होगा, नहीं तो देश अपना अस्तित्व खो देगा.”
फ्रांस ने 2030 तक फ्रांस के रक्षा बजट को दोगुना करने का वादा किया था. लेकिन मैक्रों ने घोषणा की है कि रक्षा बजट दोगुना करने का टारगेट अब अगले 2 साल (2027 तक) में ही हासिल करेगा. मैक्रों ने अगले वर्ष फ्रांस के रक्षा खर्चे में 3.5 बिलियन यूरो की वृद्धि करने और 2027 में इसे 3 बिलियन यूरो तक और बढ़ाने के लिए कहा है. राष्ट्रपति के इस प्रस्ताव को संसद में पास होना बाकी है.
रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते खतरे में यूरोप, अमेरिका ने खतरों को और बढ़ाया:मैक्रों
यूक्रेन में रूस के युद्ध और मध्य पूर्व में युद्धों के कारण यूरोप खतरे में है. क्योंकि अमेरिका ने अनिश्चितता का एक रूप जोड़ दिया है. मैक्रों ने अमेरिकी स्टैंड को लेकर कहा, युद्ध में अमेरिका का रुख एक जैसा नहीं रहा है, जिसके कारण यूरोप पर मंडरा रहा संकट और बढ़ गया है.
मैक्रों ने किसी देश का नाम लिए बिना प्रोपेगेंडा फैलाए जाने पर भी निशाना साधा है. मैक्रों ने कहा है कि “विदेशी सरकारों द्वारा ऑनलाइन दुष्प्रचार अभियान चलाए जा रहे हैं.”
हाल ही में फ्रांसीसी खुफिया एजेंसी ने खुलासा किया था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन ने अपने राजनयिकों के जरिए रफाल (फ्रांसीसी लड़ाकू विमान) को लेकर फर्जी खबरें उड़ाईं थी, ताकि बदनामी से दुनिया में रफाल की बिक्री पर असर पड़े. आपको बता दें कि 6-7 मई की रात ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने रफाल लड़ाकू विमानों के जरिए आतंकियों के 9 ठिकानों को मिट्टी में मिलाया था.
न्यूक्लियर पावर की वापसी, बड़े संघर्षों का प्रसार देख रही दुनिया:मैक्रों
मैक्रों ने कहा कि “इन दिनों दुनिया न्यूक्लियर पावर की वापसी और बड़े संघर्षों के प्रसार को देख रही है. साल 1945 के बाद से स्वतंत्रता को कभी इतना खतरा नहीं हुआ, और न ही इतनी गंभीरता से. हम परमाणु खतरे की वापसी और बड़े संघर्षों के प्रसार का अनुभव कर रहे हैं.”
मैक्रों ने अपने भाषण में ईरान पर अमेरिकी बमबारी, भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ाई और यूक्रेन के लिए अमेरिकी समर्थन में उतार-चढ़ाव का भी जिक्र किया.
रूस, फ्रांस को मानता है अपना मुख्य विरोधी, यूक्रेन में तय होगी यूरोपीय देशों की स्थिति: फ्रांसीसी सेना प्रमुख
फ्रांस के राष्ट्रपति ने रूस से खतरे के बारे में बात करते हुए मॉस्को की साम्राज्यवादी नीतियों और क्षेत्रों पर कब्जा करने की नीति की निंदा की.
वहीं फ्रांसीसी सेना प्रमुख थिएरी बर्कहार्ड ने कहा कि “रूस फ्रांस को यूरोप में अपना मुख्य विरोधी मानता है. बर्कहार्ड ने कहा कि रूस यूरोप के लिए एक स्थायी खतरा है, आने वाली दुनिया में यूरोपीय देशों की स्थिति” यूक्रेन में तय हो रही है.”
मैक्रों ने फ्रांस के शीर्ष सैन्य और रक्षा अधिकारियों को यूरोपीय सहयोगियों के साथ यूरोप की सुरक्षा में फ्रांसीसी परमाणु हथियारों की भूमिका पर रणनीतिक बातचीत करने का आदेश दिया है. हाल ही में फ्रांस और ब्रिटेन ने परमाणु रक्षा मुद्दों पर सहयोग करने पर सहमति व्यक्त की है.