इजरायल हमास के बीच चल रही जंग में भारतीय सेना के एक रिटायर्ड कर्नल के वीरगति को प्राप्त होने की खबरें मिल रही हैं. सेना से रिटायरमेंट के बाद कर्नल वैभव अनिल काले, संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा टीम में एक ‘ऑब्जर्वर’ के तौर पर कार्यरत थे और इनदिनों गाजा में तैनात थे. यूएन के मुताबिक, राफा के एक अस्पताल में जाने के दौरान उनकी कार पर हमला हुआ जिसमें उनकी मौत हो गई. उनका एक साथी हमले में घायल हुआ है. भारत की तरफ से अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है.
कर्नल काले (रिटायर) भारतीय सेना की जैकरिफ यानी जम्मू कश्मीर राइफल्स के अधिकारी रह चुके थे. सेना से रिटायरमेंट के बाद उन्होंने कुछ समय के लिए प्राईवेट सेक्टर में काम किया था और कुछ हफ्ते पहले ही संयुक्त राष्ट्र के डिपार्टमेंट ऑफ सेफ्टी एंड सिक्योरिटी (यूएनडीएसएस) को ज्वाइन किया था. उनकी तैनाती गाजा वार जोन में एक ऑब्जर्वर के तौर पर थी. सोमवार को कर्नल काले गाजा से राफा स्थित यूरोपीय हॉस्पिटल का जायजा लेने जा रहे थे. इसी दौरान उनकी गाड़ी पर हमला हुआ. हालांकि, अभी तक ये साफ नहीं है कि उनकी गाड़ी पर कोई ग्राउंड अटैक हुआ या हवाई हमला. ये भी साफ नहीं है कि इजरायल सेना के हमले में उनकी जान गई या आतंकी संगठन हमास के. 46 वर्षीय कर्नल काले मूल रूप से महाराष्ट्र के पुणे के रहने वाले थे और उनके परिवार में पत्नी सहित दो बच्चे भी हैं.
गाजा में इस हमले के बाद में खुद संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने जानकारी साझा की है. गुटेरेस ने बताया कि एक यूएन की गाड़ी पर गाजा में हमला हुआ है जिसमें “हमारे एक साथी की जान चली गई है और दूसरा घायल है.” गुटेरेस के मुताबिक, “अब तक गाजा में यूएन के 190 स्टाफ मेंबर्स की जान गई है.” उन्होंने कहा कि मानवीय सहायता के काम को सुरक्षा मिलनी चाहिए. गुटेरेस ने यूएन कर्मियों पर हो रहे हमलों की निंदा करते हुए “मानवीय आधार पर तुरंत युद्धविराम की अपील की.” साथ ही आतंकी संगठन हमास की कैद में इजरायली बंधकों की रिहाई की गुहार भी लगाई (https://x.com/antonioguterres/status/1790072852231721337).
कर्नल काले की गाड़ी पर हुए हमले के बारे में यूएनडीएसएस के अंडर सेक्रेटरी-जनरल गिलिस मिकोद ने अपने स्टाफ को भेजे शोक संदेश में लिखा कि “उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है.” मिकोद ने लिखा कि कर्नल काले ने उन्हें बताया था कि वे यूएन ‘पीसकीपर’ (शांतिदूत) क्यों बने हैं. क्योंकि कर्नल काले को लगता था कि संयुक्त राष्ट्र शांति सेना में शामिल होकर वे ‘कुछ अलग कर सकते हैं’. कर्नल काले ने “युद्ध के समय दुनिया की सबसे खतरनाक जगह (गाजा) में लोगों की मदद करने का बीड़ा उठाकर ये साबित कर दिया. ये उनके व्यक्तित्व के बारे में बहुत कुछ बताता है. उनकी यादें हमे हमेशा प्रेरित करती रहेंगी.”
पिछले सात महीनों से इजरायल हमास युद्ध जारी है. इस दौरान 30 हजार से भी ज्यादा लोगों के मारे जाने की खबर है. इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने गाजा में अपने ऑपरेशन को लगभग पूरा कर लिया है और अब मिस्र से सटे राफा में ग्राउंड अटैक की तैयारी में है. इजरायल ने साफ कर दिया है कि जब तक 7 अक्टूबर के आतंकी हमले के बाद हमास द्वारा बंधक बनाए नागरिकों को छुड़ा नहीं लिया जाता, जंग जारी रहेगी.