चीन और ताइवान की नौसेनाओं के बीच फेस-ऑफ की स्थिति पैदा हो गई है. चीन की आक्रामक मिलिट्री एक्सरसाइज के जवाब में ताइवान ने ऐलान कर दिया है कि ‘हम कोई युद्ध नहीं चाहते हैं लेकिन लड़ने से नहीं डरेंगे’.
ताइवान को चारों तरफ से घेर कर हमला करने वाली चीन की ‘ज्वाइंट-स्वॉर्ड’ एक्सरसाइज के दूसरे दिन 49 एयरक्राफ्ट ने हिस्सा लिया. इसके अलावा चीन के 19 जंगी जहाज और 17 पैट्रोलिंग बोट्स (छोटे युद्धपोत) हिस्सा ले रहे हैं. चीन के ईस्टर्न थिएटर कमांड (पीएलए) के मुताबिक, “युद्धाभ्यास के दूसरे दिन (शुक्रवार को) सत्ता को हथियाने के साथ साझा (जल, थल और आकाश से) हमला करना और महत्वपूर्ण ठिकानों पर कब्जा करना है.” माना जा रहा है कि इस एक्सरसाइज के जरिए चीन, अगले महीने यानी जून में ताइवान पर असल में कब्जा करने की ड्रिल कर रहा है.
हालांकि, चीन के पास दुनिया की सबसे बड़ी सेना है लेकिन ताइवान पर कब्जा इतना आसान नहीं होने जा रहा है. रिपब्लिक ऑफ चायना (ताइवान) के रक्षा मंत्रालय (मिनिस्ट्री ऑफ नेशनल डिफेंस) ने अपनी थलसेना, वायुसेना, नौसेना और कोस्टगार्ड को एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दे दिए हैं. ताइवान ने अपनी एचएफ-3 मिसाइलों को भी अलर्ट पर रखा है. रक्षा मंत्रालय ने फाइटर जेट और एयर-डिफेंस मिसाइलों के अलर्ट पर रहने की तस्वीरें भी अपने एक्स (ट्विटर) अकाउंट पर साझा की है. इसके साथ ही चीन के जंगी जहाज को ताइवान कोस्टगार्ड के जहाज समुद्री-सीमाओं के उल्लंघन ना करने की चेतावनी दे रहे हैं. ऐसे में समंदर में चीन और ताइवान के जंगी जहाजों के बीच फेस-ऑफ की स्थिति पैदा हो गई है (https://x.com/MoNDefense/status/1793797095620800789).
ताइवान में नए राष्ट्रपति लाई चिंग-ते के उद्घाटन भाषण से चीन को मिर्ची लग गई है. चिंग-ते ने अपने भाषण में ताइवान की पूर्ण ‘स्वतंत्रता’ पर जोर देते हुए और चीन को धमकियां देने बंद करने की सलाह दी थी. साथ ही चिंग-ते ने देश में हथियारों के निर्माण और अमेरिका जैसे मित्र-देशों से रक्षा आयात का ऐलान किया था. इसके जवाब में चीन ने दो दिवसीय (23-24 मई) मिलिट्री ‘एक्सरसाइज ज्वाइंट-स्वॉर्ड 2024 ए’ शुरु कर दी है. इस एक्सरसाइज का उद्देश्य ताइवान को चारों तरफ से घेर कर दबाना है (चीन और ताइवान के बीच खिंच गई तलवार, अमेरिका अलर्ट).
ताइवान के विदेश मंत्रालय ने चीन की मिलिट्री-ड्रिल पर बयान जारी करते हुए कहा कि इससे ‘क्षेत्र में तनाव पैदा हो रहा है’. विदेश मंत्रालय ने कहा कि “हम चीन से आग्रह करते हैं कि वह आत्म-संयम बरतें और ताइवान- स्ट्रेट और दूसरे समुद्री इलाकों में शांति और स्थिरता को नुकसान पहुंचाना बंद करें. हम क्रॉस-स्ट्रेट यथास्थिति की रक्षा करना जारी रखेंगे और अपने लोकतंत्र को मजबूती से बनाए रखेंगे.”
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने भी कहा कि “सीसीपी ( चीन की सत्तारूढ़ चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी) की मिलिट्री एक्सरसाइज हेजेमनी माइंडसेट (आधिपत्यवादी मानसिकता) को उजागर करती है. इसने क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को कमजोर कर दिया है.” रक्षा मंत्रालय ने कहा कि “आरओसी की सशस्त्र सेनाएं अपने देश की रखवाली करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.” मंत्रालय ने बयान में कहा कि “हम कोई युद्ध नहीं चाहते हैं लेकिन लड़ने से नहीं डरेंगे.”
उधर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेंबिन से जब ताइवान की जवाबी कार्रवाई के बारे में सवाल पूछा गया तो, उन्होंने कहा कि एक महान राष्ट्र से टकराने में ताइवान की “स्वतंत्रता का सिर फूट जाएगा और खून बहेगा…हम चीन के पूर्ण एकीकरण का प्राप्त करके रहेंगे.”