दिल्ली एयरपोर्ट पर बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए गृह मंत्रालय ने भारतीय पासपोर्ट धारकों के लिए खास ‘ट्रैस्टेड ट्रैवलर प्रोग्राम’ (टीटीपी) नाम का एक खास प्रोजेक्ट लॉन्च किया है. इस फास्ट-ट्रैक सुविधा में रजिस्ट्रेशन कराने से भारतीय यात्रियों को इमीग्रेशन और सिक्योरिटी में लंबे समय तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा.
शनिवार को दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल-3 पर खुद गृह मंत्री अमित शाह ने इस कार्यक्रम को लॉन्च किया. इस प्रोग्राम में रजिस्ट्रेशन कराने वाले भारतीय यात्रियों के लिए इमीग्रेशन पर खास काउंटर बनाए गए हैं ताकि लंबे समय तक एयरपोर्ट पर इंतजार न करना पड़े.
दिल्ली एयरपोर्ट संचालित करने वाली कंपनी जीएमआर के मुताबिक, “टीटीपी के जरिए भारतीय पासपोर्ट धारक और ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्ड-होल्डर को रेगुलर इमीग्रेशन लाइन के बजाए ई-गेट से निकलने की सुविधा होगा.” दिल्ली एयरपोर्ट, ये सुविधा प्रदान करने वाला देश का पहले एयरपोर्ट है. अमेरिका के होमलैंड डिपार्टमेंट के ‘ग्लोबल एंट्री प्रोग्राम’ की तर्ज पर ही गृह मंत्रालय ने टीटीपी सुविधा शुरु की है ताकि विदेश यात्रा पर जाने (और आने) वाले भारतीय यात्रियों को ‘त्वरित, आराम-पूर्वक और सुरक्षित’ सुविधा एयरपोर्ट पर प्रदान की जा सके.
दिल्ली एयरपोर्ट दुनिया के सबसे 10 बिजी (व्यस्ततम) एयरपोर्ट में से एक हैं. हर साल दिल्ली एयरपोर्ट पर 6-7 करोड़ यात्री सफर करते हैं. कई बार एक दिन में 2-3 लाख यात्री एयरपोर्ट पर पहुंचते हैं.
‘फास्ट ट्रैक इमीग्रेशन’ (एफटीआई)-टीटीपी के लिए यात्रियों को गृह मंत्रालय के वेबसाइट पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होगा. उसके बाद दिल्ली एयरपोर्ट या फिर फोरेन रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस (एफआरआओ) दफ्तर में जाकर यात्रियों को फिंगर-प्रिंट और बायोमैट्रिक देना होगा.
फिंगर-प्रिंट और बायोमेट्रिक देने के बाद यात्री को दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल-3 पर वीजा वेरिफिकेशन और बोर्डिंग पास लेने के बाद सीधे ई-गेट पर जाना होगा. पहले ई-गेट पर उसका पासपोर्ट और वीजा स्कैन होगा. दूसरे ई-गेट पर फेस-स्कैन होगा. अगर ये सब प्रक्रिया पूरी होने पर यात्री इमीग्रेशन के लिए जा सकता है (https://x.com/DelhiAirport/status/1804420518486941715).
जीएमआर के मुताबिक, टर्मिनल-3 पर कुल आठ (08) ई-गेट लगाए गए हैं–चार आने के लिए (अराइवल) और चार जाने के लिए (डिपार्चर).