By Nalini Tewari
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन पर एफबीआई ने कसा है शिकंजा. यूएस के पूर्व एनएसए जॉन बोल्टन इन दिनों लगातार भारत पर लादे गए टैरिफ को लेकर ट्रंप की आलोचना कर रहे हैं. ट्रंप प्रशासन ने रेड को लेकर आधिकारिक जानकारी नहीं दी है, लेकिन एफबीआई डायरेक्टर काश पटेल ने अपनी एक पोस्ट में कहा है कानून से ऊपर कोई नहीं, एफबीआई एजेंट मिशन पर हैं.
भारत के संबंधों को लेकर लगातार ट्रंप की आलोचना कर रहे थे जॉन बोल्टन
एफबीआई ने जिस जॉन बोल्टन पर छापा मारा है, वो अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप के कभी बेहद करीबी थे. ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान एनएसए रह चुके थे और इस बार भी जॉन बोल्टन का नाम एनएसए के पद के लिए चर्चा में था. बहरहाल इन दिनों जॉन बोल्टन प्रेसिडेंट ट्रंप और उनकी सरकार के कट्टर आलोचक की भूमिका में हैं.
बताया जा रहा है कि एफबीआई की छापेमारी की कार्रवाई गोपनीय दस्तावेजों के प्रबंधन से जुड़ी जांच के सिलसिले में की गई. हालांकि पूर्व सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन को न तो हिरासत में लिया गया है और न ही उनपर कोई आरोप लगाया है.
लेकिन जॉन बोल्टन अपने लेख और न्यूज चैनल के पैनल के जरिए भारत पर लगे टैरिफ को गलत बता रहे हैं. और उन्होंने ट्रंप को सनकी बताते हुए कहा था कि भारत के साथ संबंधों को सुधारने और भारत को चीन से दूर ले जाने पर ट्रंप ने पानी फेर दिया.
अमेरिका को ले डूबेगी दिल्ली से सख्ती:जॉन बोल्टन
हाल ही में अपने एक लेख के जरिए जॉन बोल्टन ने ट्रंप पर करारा वार किया था. बोल्टन ने कहा था कि, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीति ने भारत और अमेरिका के दशकों पुराने रणनीतिक प्रयासों को कमजोर कर दिया है. ट्रंप, चीन के प्रति पक्षपातपूर्ण हैं और भारत अपने अधीन करना चाहते हैं, लेकिन भारत का पलटवार में ऐसी प्रतिक्रिया दी है, जिसकी ट्रंप ने उम्मीद नहीं की होगी.”
जॉन बोल्टन ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीति ने भारत और अमेरिका के दशकों पुराने रणनीतिक और कूटनीतिक प्रयासों को कमजोर कर दिया है.
बोल्टन ने बड़ा बयान देते हुए कहा, “अमेरिका ने भारत को रूस और चीन से दूर करने के दशकों पहले से चले आ रहे प्रयासों को खतरे में डाल दिया है. भारत पर जो अमेरिका ने रूस से तेल खरीदने पर जो टैरिफ लगाया है, उसके कारण भारत, रूस और चीन के करीब जा सकता है.
बोल्टन ने कहा, “अप्रैल के महीने में ट्रंप ने चीन के साथ व्यापारिक टकराव की शुरुआत की लेकिन फिर ट्रंप पीछे हट गए. चीन के बजाए भारत पर टैरिफ थोप दिया.”
ट्रंप ने सोचा नहीं था कि भारत की कड़ी प्रतिक्रिया मिलेगी, अमेरिकी चाल उल्टी पड़ी: जॉन बोल्टन
बोल्टन ने ट्रंप को घेरते हुए कहा, “टैरिफ के कारण अमेरिका को सबसे खराब परिणाम भुगतने पड़े, क्योंकि भारत ने अपेक्षा के विपरीत बहुत नकारात्मक प्रतिक्रिया दी, क्योंकि उसने देखा कि चीन पर टैरिफ नहीं लगाया जा रहा है. ट्रंप, रूसी तेल के खिलाफ भारत पर टैरिफ लादकर दबाव बनाना चाह रहे थे, लेकिन भारत ने ट्रंप को जवाब देकर साफ कर दिया है कि वो रूस से तेल खरीदते रहेंगे”
एफबीआई रेड पर क्या बोले काश पटेल?
शुक्रवार को एफबीआई ने जॉन बोल्टन के दो ठिकानों पर रेड की है. एक मैरीलैंड और दूसरा वॉशिंगटन में बोल्टन का ऑफिस. मामला सीक्रेट इंन्फोर्मेशन को लेकर जुड़ा है. हालांकि इस रेड को लेकर आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है और न ही बोल्टन के वकील ने कुछ कहा है.
लेकिन एफबीआई डायरेक्टर ने इस रेड के बाद एक पोस्ट की तरफ सबका ध्यान खींचा, जिसमें लिखा था, “कानून से ऊपर कोई नहीं है.”
ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या ट्रंप के कट्टर आलोचक पर दबाव बनाने के लिए ये छापेमारी की गई है. क्या ये रेड भारत के पक्ष और ट्रंप प्रशासन को घेरने के कारण ही उन पर शिकंजा कसने की कोशिश है.