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ऑप सिंदूर के बाद EU संग युद्धाभ्यास, समंदर में इकठ्ठा हुए जंगी जहाज

By Nalini Tewari Rajput

ऑपरेशन सिंदूर के बाद यूरोपीय संघ के साथ पहले युद्धाभ्यास से दुश्मन देशों के कान खड़े हो गए हैं. इंडो पैसिफिक क्षेत्र में नौसेनाओं में तालमेल बैठाने के लिए यूरोपीय संघ के नौसेनाओं ने बड़ी एक्सरसाइज की है.

स्पेनिश और इटालियन नौसेना ने भारतीय नौसेना के साथ मुंबई में टेबल टॉप अभ्यास किया है. स्पेन इटली और भारतीय नौसेना ने यूनावफॉर (ईयूएनएएफओआर) के तहत संयुक्त अभ्यास किया है. इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य समुद्री सुरक्षा के लिए संयुक्त योजना बनाना और नौसेना बलों के बीच तालमेल स्थापित करना था. 

पहली बार भारत आया ईयू के नौसेना बल का जत्था

भारत और यूरोपीय संघ के बीच समुद्री सहयोग बढ़ाने और मजबूत करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया गया है. ईयू के नौसैन्य बलों में स्पेन और इटली का युद्धपोत ईएसपीएस रीना सोफिया और आईचीएस एंचोनिया मार्सेग्लिया शामिल हुए. ईयूएनएएफओआर के तहत ईयू के सैन्य बलों की पहली आधिकारिक यात्रा पर है. स्पेनिश नौसेना के कमांडर साल्वाडोर मोरेनो रेगिल ने ईएसपीएस रीना सोफिया और इतालवी नौसेना के कमांडर अल्बर्टो बार्टोलोमो ने  आईटीएस एंटोनियो मार्सेग्लिया की कमान संभाली. दोनों जहाज वर्तमान में यूरोपीय संघ नौसेना बल के तहत काम करते हैं.

यूरोपीय संघ की बहुराष्ट्रीय फोर्स है ईयूएनएएफओआर 

मुंबई में आयोजित इस टेबल टॉप एक्सरसाइज का मकसद इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में समान विचारधारा वाले नौसेना बलों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है. इस अभ्यास में स्पेनिश और इटालियन नौसेना के अधिकारी भारतीय नौसेना के साथ मिलकर उच्च जोखिम वाले समुद्री इलाकों में सहयोग बढ़ाने के लिए अपनी-अपनी जानकारी और अनुभव साझा किया.

पीएम मोदी-उर्सुला वॉन डेर लेेयेन के बीच सुरक्षा पर जाहिर की गई थी प्रतिबद्धता

यूरोपीय संघ नौसैन्य बल का दौरा पीएम नरेंद्र मोदी और यूरोपीय संघ की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के बीच हुई हाईलेवल वार्ता के बाद हुआ है. दोनों के बीच अंतर्राष्ट्रीय शांति और समुद्री सुरक्षा के लिए साझा प्रतिबद्धता जाहिर की गई थी. मुंबई में पश्चिमी नौसेना कमान में हुई हाईलेवल मीटिंग में भारतीय नौसेना की ओर से रियर एडमिरल विद्याधर हार्के और युनावफॉर की ओर से फोर्स कमांडर रियर एडमिरल डेविड दा पोजो ने हिस्सा लिया. इस मीटिंग में दोनों पक्षों के बीच समुद्री सहयोग को आगे बढ़ाने से संबंधित मामलों पर चर्चा की गई. दोनों पक्षों ने सैन्य क्षेत्र में विस्तारित सहयोग की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की और यह बैठक भारतीय नौसेना और यूनावफॉर के बीच सहयोग के अवसरों का विस्तार करने की दिशा पर चर्चा की गई

हिंद महासागर क्षेत्र में गैर-पारंपरिक खतरों से निपटने के लिए अहम अभ्यास

जहाजों के बंदरगाह में ठहरने के दौरान, दोनों पक्षों के बीच विषय वस्तु विशेषज्ञ आदान-प्रदान और टेबल टॉप अभ्यास जैसी गतिविधियाँ आयोजित की गईं, जिनका उद्देश्य समुद्र में सामरिक-स्तर के सहयोग बढ़ाना था. एंटी-पायरेसी और एंटी-स्मगलिंग ऑपरेशनों के दौरान प्राप्त अनुभवों के आदान-प्रदान से दोनों पक्षों को काफी लाभ हुआ. ये एक्सरसाइज ना सिर्फ अनुभव साझा करने का मंच बना, बल्कि भविष्य में संयुक्त समुद्री अभ्यासों की नींव भी डाली गई. 1 जून 2025 को मुंबई से प्रस्थान के बाद भारत और यूरोपीय नौसैन्य बल संयुक्त रूप से एक समुद्री युद्धाभ्यास करेंगे, जिसमें दोनों देशों के जहाज और समुद्री विमान भाग लेंगे. 

भारतीय और यूरोपीय संघ की नौसेना का पहला संयुक्त अभ्यास

ये अभ्यास हिंद महासागर में गैर-पारंपरिक खतरों जैसे डकैती, अवैध तस्करी और  मछली पकड़ने जैसी गतिविधियों का मुकाबला करने की दिशा में दृढ़ और समन्वित प्रयास का प्रतीक होगा. समुद्र में होने वाले इस अभ्यास में यूरोपीय संघ के ईएसपीएस रीना सोफिया और आईटीएस एंटोनियो मार्सेग्लिया तथा भारतीय नौसेना के जहाज और विमान भाग ले रहे हैं. जटिल सामरिक अभ्यास का उद्देश्य दोनों पक्षों के बीच अंतर-संचालन को बढ़ाना है और हिंद महासागर क्षेत्र में गैर-पारंपरिक खतरों से निपटने के लिए तैनात किए जाने पर निर्बाध संचालन को सक्षम बनाना है.

रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, भारत और यूरोपीय संघ दोनों ही ‘नियम-आधारित, स्वतंत्र और खुले समुद्र’ की अवधारणा में विश्वास रखते हैं. ये साझेदारी वैध व्यापार को संरक्षित रखने, तटीय देशों की संप्रभुता का सम्मान करने और समुद्री कानूनों के पालन को सुनिश्चित करने की दिशा में अहम है. ये पहल मार्च 2025 में नई दिल्ली में हुई भारत-यूरोपीय संघ समुद्री सुरक्षा वार्ता में लिए गए संकल्पों का सशक्त क्रियान्वयन है और ये भारत को वैश्विक समुद्री सुरक्षा नेतृत्व में एक सक्रिय भूमिका निभाने की दिशा में आगे बढ़ाती है।

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