बांग्लादेश में तख्तापलट और अंतरिम सरकार के बनने के बाद अब भारत और बांग्लादेश के बीच होने वाली है पहली बैठक. भारत-बांग्लादेश के बीच ये बैठक अगले महीने होने की उम्मीद है. इस बैठक का नेतृत्व बांग्लादेश के विदेश सचिव जशीम उद्दीन और भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री करेंगे.
भारत-बांग्लादेश के की उच्चस्तरीय बैठक को लेकर बुधवार को विदेश मंत्रालय में एक अहम बैठक होनी है.
बांग्लादेश-भारत के बीच होगी उच्चस्तरीय बैठक
बांग्लादेश में चल रहे तनाव के बाद दिसंबर में पहली उच्च स्तरीय आधिकारिक बैठक होगी. बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद इस बैठक को बेहद अहम माना जा रहा है. इस बैठक का नेतृत्व बांग्लादेश के विदेश सचिव जशीम उद्दीन और भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री करेंगे.
बैठक में मौजूदा समझौतों और पिछली बैठकों में लिए गए निर्णयों के विकास पर चर्चा होगी. बांग्लादेश के साथ होने वाली बैठक का मसौदा तैयार करने के लिए 20 नवंबर को विदेश मंत्रालय भी एक बैठक करने वाला है.
भारत में शेख हसीना, बांग्लादेश चाहता है प्रत्यर्पण
अगस्त के महीने में बांग्लादेश में हिंसा के बाद तख्तापलट हुआ था. जिसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को बांग्लादेश छोड़ना पड़ा था. शेख हसीना लंदन जाना चाहती थीं, पर ब्रिटेन से इजाजत नहीं मिलने के बाद दिल्ली में शेख हसीना ने शरण ली.
अगस्त से ही शेख हसीना दिल्ली में हैं और बांग्लादेश में शेख हसीना और उनके मंत्रियों पर कई केस दर्ज किए गए हैं. जिसके बाद मोहम्मद यूनुस के अंतरिम सरकार चाहती है कि उनका प्रत्यपर्ण किया जाए. बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने 17 नवंबर को ही राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा था कि विदेश मंत्रालय भारत से शेख हसीना के प्रत्यर्पण का अनुरोध करेगा.
हिंदुओं के खिलाफ हिंसा पर सख्त है भारत
बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ अटैक को लेकर भारत ने कई बार बांग्लादेश से विरोध जताया है. वहीं बांग्लादेश ने बार-बार ये कहा है कि हिंदुओं की सुरक्षा प्राथमिकता है. बांग्लादेश में अल्पसंख्यक सुरक्षित हैं पर भारतीय मीडिया हिंदुओं से जुड़े मामलों को बढ़ा चढ़ा तक दिखा रहा है.
माना जा रहा है कि दोनों देशों की बैठक में एक बार फिर से हिंदुओं पर अटैक का मुद्दा उठेगा. वहीं बांग्लादेशी पर्यटकों को जारी किए जाने वाले वीजा को लेकर भी चर्चा होगी. उन परियोजनाओं के बारे में भी चर्चा होगी, जो हिंसा के बाद और अंतरिम सरकार के आने के बाद से रुकी हुई हैं. (आर-पार के मूड में बांग्लादेश, शेख हसीना को Interpol की धमकी)
पाकिस्तान के करीब आया बांग्लादेश, क्या बोले उच्चायुक्त
बांग्लादेश में आवामी लीग यानी शेख हसीना के सत्ता परिवर्तन के बाद मोहम्मद यूनुस सरकार लगातार पाकिस्तान के करीब आ रही है. इसकी बानगी पिछले सप्ताह देखने को मिली. जब कराची से चला एक जहाज बांग्लादेश के दक्षिण पूर्वी तट पर रुका.
साल 1971 में पाकिस्तान से बांग्लादेश की आजादी के बाद पहली बार पाकिस्तान का एक कार्गो जहाज बांग्लादेश के तट पर रुका. जिससे ये साबित हो रहा है कि कैसे दो दुश्मन देश एक दूसरे के करीब आ गए हैं.
बांग्लादेश और पाकिस्तान के करीब आने पर भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. प्रणय वर्मा ने ढाका में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा है कि “भारत एक लोकतांत्रिक, स्थिर, शांतिपूर्ण और प्रगतिशील बांग्लादेश का समर्थन करता रहेगा. हम एक ऐसा रिश्ता कायम रखेंगे जिसमें दोनों देशों के लोगों को फायदा हो. भारत और बांग्लादेश दोनों ही पहले से कहीं अधिक विकसित और सक्षम हैं.”
वर्मा ने कहा कि “आज हम एक-दूसरे पर कहीं अधिक निर्भर हैं. बढ़ती आर्थिक क्षमताओं वाले दो महत्वाकांक्षी देशों के रूप में हमें एक-दूसरे पर अपनी निर्भरता को और अधिक बढ़ाने की जरूरत है. भारत बांग्लादेश के साथ स्थिर और रचनात्मक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध है.”