वायु सेना प्रमुख (सीएएस) एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने तेजी से बदल रही जियो-पॉलिटिक्स में सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए सशस्त्र सेनाओं को तेजी से क्षमता वृद्धि की आवश्यकता पर जोर दिया है.
वायु सेना प्रमुख, तमिलनाडु के वेलिंगटन स्थित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में कोर्स कर रहे सैन्य अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे.
वायु सेना प्रमुख एपी सिंह ने कोर्स अधिकारियों से भी बदलाव को अपनाने, उभरते खतरों का गंभीरता से आकलन करने और भविष्य के संघर्षों के लिए अनुकूल रणनीति तैयार करने का आह्वान किया. ज्वाइंटमैनशिप यानी संयुक्त कौशल के महत्व पर बल देते हुए एयर चीफ मार्शल ने युद्ध प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए तीनों सेनाओं के बीच एकीकृत प्रशिक्षण और परिचालन सामंजस्य की आवश्यकता पर जोर दिया.
वायु सेना प्रमुख ने अपने संबोधन में भारतीय वायु सेना की वर्तमान में जारी क्षमता विकास पहलों और आधुनिक युद्ध में एकीकृत संचालन के महत्व पर एक रणनीतिक परिप्रेक्ष्य के संदर्भ में चर्चा की. उन्होंने भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा में भारतीय वायुसेना कर्मियों की उपलब्धियों, उदारता और अटूट प्रतिबद्धता का भी उल्लेख किया.
अपनी यात्रा के दौरान, सीएएस को स्टाफ कॉलेज की प्रशिक्षण गतिविधियों और सशस्त्र बलों के बीच संयुक्तता को बढ़ावा देने के मामले में प्रोत्साहन के बारे में भी जानकारी दी गई. यह आधुनिक सैन्य तैयारियों का एक प्रमुख पहलू है. उन्होंने महत्वपूर्ण रूप से शैक्षणिक और पेशेवर प्रशिक्षण के माध्यम से भविष्य के सैन्य अधिकारियों को आकार देने में संस्थान की भूमिका की सराहना की.
वायुसेना प्रमुख की यात्रा ने संयुक्त परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने और अंतर-सेवा सहयोग को मजबूत करने की दिशा में भारतीय वायुसेना की प्रतिबद्धता की पुष्टि की, जिससे भविष्य की चुनौतियों के लिए एक बेहतर तरीके से तैयार नेतृत्व सुनिश्चित किया जा सके.