चीनी नववर्ष से पहले भारत और चीन में हुई है द्विपक्षीय वार्ता. भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बीजिंग में चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात करके संबंधों को और बेहतर बनाने पर जोर दिया है.
दिसंबर में हुई एनएसए अजीत डोवल की बीजिंग यात्रा के बाद विक्रम मिसरी की चीन यात्रा कूटनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण मानी जा रही है. विक्रम मिसरी और चीनी विदेश मंत्री के बीच मुलाकात में दोनों देशों के बीच आपसी सहमति के आधार पर और अधिक ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया.
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा, “भारत और चीन के बीच संबंधों में सुधार और विकास दोनों देशों और उनके नागरिकों के हित में है.’
एक दूसरे पर शक करने की जगह आपसी संबंध बढ़ने चाहिए: वांग यी
अपने दो दिवसीय यात्रा पर चीन गए विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने सोमवार को चीन के विदेश मंत्री से मुलाकात की. मीटिंग के बाद
चीनी विदेश मंत्री ने कहा, “चीन-भारत संबंधों में सुधार और विकास दोनों देशों और उनके लोगों के मौलिक हितों में है, तथा ‘ग्लोबल साउथ’ देशों के वैध अधिकारों व हितों की रक्षा के लिए अनुकूल है. वांग यी ने कहा कि भारत और चीन के बीच अच्छे संबंध एशिया और दुनिया की दो प्राचीन सभ्यताओं की शांति, स्थिरता, विकास और समृद्धि में योगदान देने के लिए भी बेहद अहम हैं.”
चीन के विदेश मंंत्री ने ये भी कहा, “दोनों पक्षों को अवसर का लाभ उठाना चाहिए, एक-दूसरे से मुलाकात करनी चाहिए, अधिक ठोस उपाय तलाशने चाहिए तथा एक-दूसरे पर संदेह, एक दूसरे से अलगाव के बजाय आपसी समझ, आपसी समर्थन को लेकर प्रतिबद्धता दिखानी चाहिए.” (https://x.com/China_Amb_India/status/1883766266261017057)
संवाद और स्थिरता पर दिया गया जोर
बीजिंग पहुंचने के बाद, विक्रम मिसरी ने चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय विभाग के प्रमुख लियू जियानचाओ से भी मुलाकात की. विक्रम मिसरी और लियू जियानचाओ के बीच बनी सहमतियों को लागू करने, संवाद को मजबूत करने और भारत-चीन संबंधों में स्थिरता और सुधार को बढ़ावा देने के मुद्दों पर चर्चा हुई.
दिसंबर में जब एनएसए अजीत डोवल बीजिंग पहुंचे थे तब भारत-चीन के बीच 6 सूत्रीय समझौते हुआ था, जिसमें मानसरोवर यात्रा फिर से शुरु करने और एलएसी की शांति को लेकर बातचीत की गई थी.