भारतीय मूल के काश पटेल को डोनाल्ड ट्रंप ने बनाया है एफबीआई का नया डायरेक्टर. अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बेहद विश्वासपात्र माने जाते हैं कश्यप ‘काश’ पटेल. अमेरिकी डीप-स्टेट के धुर-विरोधी पटेल ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान पेंटागन में चीफ ऑफ स्टाफ के पद पर भी रह चुके हैं.
पेश से वकील पटेल, 2017 में इंटेलिजेंस पर हाउस पार्लियामेंट्री सेलेक्ट कमेटी के सदस्य बने थे. अमेरिका में घुसपैठियों और अपराधियों के खिलाफ काश पटेल को एक सख्त अधिकारी माना जाता है.
अमेरिका फर्स्ट फाइटर हैं काश, रूस के झांसे को उजागर किया: ट्रंप
ट्रंप ने घोषणा करते हुए अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, “मुझे यह घोषणा करते हुए गर्व महसूस हो रहा है कि काश पटेल एफबीआई के अगले निदेशक के रूप में काम करेंगे. काश एक बेहतरीन वकील, जांचकर्ता और ‘अमेरिका फर्स्ट को प्राथमिकता देने वाले’ योद्धा हैं. काश पटेल ने अपने करियर के दौरान भ्रष्टाचार को उजागर किया और न्याय तथा अमेरिका के लोगों की रक्षा की.”
डोनाल्ड ट्रंप ने काश पटेल की तारीफ करते हुए लिखा, “काश ने मेरे पहले कार्यकाल के दौरान शानदार काम किया. इस दौरान वह रक्षा विभाग में चीफ ऑफ स्टाफ, राष्ट्रीय खुफिया के उप निदेशक और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में आतंकवाद रोधी विभाग के वरिष्ठ निदेशक रहे. काश ने अदालत में हुई 60 से अधिक सुनवाई में प्रशासन की तरफ से पैरवी भी की.”
अमेरिका के नए राष्ट्रपति ने आगे लिखा, “पटेल ने रूस के झांसे को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और सच्चाई, जवाबदेही और संविधान के समर्थक के रूप में खड़े रहे.”
गुजरात से नाता, बाइडेन सरकार में एफबीआई को कटघरे में खड़ा किया
44 वर्ष के काश पटेल का पूरा नाम कश्यप प्रमोद पटेल है और उनका परिवार गुजरात के वडोदरा का रहने वाला है. पेशे से काश पटेल वकील हैं और उनकाजन्म न्यूयॉर्क में हुआ था.
काश पटेल बाइडेन सरकार में खुफिया एजेंसी एफबीआई के आलोचक रहे हैं.
ट्रंप के चुनाव जीतने के साथ ही काश पटेल को एफबीआई डायरेक्टर बनाने की मांग शुरू हो गई थी. सोशल मीडिया पर उनके कई पुराने वीडियो वायरल हुए, जिनमे अमेरिकी प्रशासन की सभी फाइलों को डिक्लासीफाइ करने से लेकर डीप-स्टेट की संदिग्ध भूमिका शामिल है. (https://x.com/FinalAssault23/status/1863053250951282822)
काश पटेल ने खुफिया जानकारी जुटाने की भूमिका समाप्त करने तथा उन कर्मचारियों को हटाने की मांग की है, जो ट्रंप के एजेंडे का समर्थन करने से इनकार करते हैं. इसके साथ ही पटेल ने जुलाई में कंजर्वेटिव पॉलिटिकल एक्शन कॉन्फ्रेंस में कहा था कि “हमें सरकार में बैठे उन लोगों की पहचान करनी होगी, जो हमारे संवैधानिक गणराज्य को कमजोर कर रहे हैं.”
काश पटेल ट्रंप प्रशासन में सबसे ऊंची रैंक के भारतीय अमेरिकी बनेंगे. इसी के साथ ही ट्रंप ने न्यूयॉर्क के रियल एस्टेट डेवलपर चार्ल्स कुशनर को फ्रांस में अपना राजदूत नामित किया है. काश की नियुक्ति से साफ है कि वो भारतीय लोगों को प्राथमिकता दे रहे हैं, चाहे वो काश पटेल हो या फिर विवेक रामास्वामी.
ट्रंप ने हिंदू धर्म को मानने वाली तुलसी गबार्ड को भी अपने प्रशासन में नेशनल इंटेलिजेंस का डायरेक्टर घोषित किया है. अगले महीने की 20 तारीख (जनवरी) को ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगे. (तुलसी बनी White House का हिस्सा, इंटेलिजेंस होगी कंधों पर)