हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने करार के तहत सुखोई के पहले इंजन ‘एएल-31 एफपी’ को वायुसेना को सौंप दिया है. एचएएल के कोरापुट फैसिलिटी में मिग-कॉम्पलेक्स के सीईओ साकेत चतुर्वेदी ने पहला इंजन वायुसेना के सीनियर अधिकारियों को सौंपा. इस दौरान रक्षा सचिव (प्रोडक्शन) और एचएएल के सीएमडी डी के सुनील भी मौजूद थे.
पिछले महीने रक्षा मंत्रालय ने सुखोई फाइटर जेट (सु-30 एमकेआई) के लिए 240 एयरो इंजन खरीदने के लिए एचएएल के साथ एक अनुबंध किया था. इस करार की कुल कीमत 26 हजार करोड़ से ज्यादा की है.
इन ‘एएल-31एफपी’ एयरो इंजन का निर्माण एचएएल के कोरापुट डिवीजन द्वारा किया जा रहा है और ये भारतीय वायु सेना की सु-30 फ्लीट की परिचालन क्षमता को बनाए रखने की आवश्यकता को पूरा करने की उम्मीद है.
पिछले कई दशक से एचएएल की कोरापुट डिवीजन मिग-21 और मिग-29 से लेकर सुखोई के रखरखाव और ऑपरेशन्स में अहम भूमिका निभा रही है.
अनुबंध वितरण कार्यक्रम के अनुसार एचएएल प्रति वर्ष 30 एयरो इंजन की आपूर्ति करेगा. सभी 240 इंजनों की आपूर्ति अगले आठ वर्षों की अवधि में पूरी हो जाएगी.
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया कि निर्माण के दौरान, एचएएल, एमएसएमई और सार्वजनिक सहित निजी उद्योगों को शामिल करके देश के रक्षा विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र से समर्थन लेने की योजना बना रहा है.