मणिपुर में एक बार फिर भड़की हिंसा के चलते महाराष्ट्र चुनाव अभियान बीच में छोड़कर दिल्ली लौटे गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की 50 अतिरिक्त कंपनियां भेजने का आदेश दिया है. साथ ही नॉर्थ ब्लॉक में मीटिंग कर सिक्योरिटी एजेंसियों को हालात को काबू में लाने का निर्देश दिया.
मणिपुर एक बार फिर उग्र हिंसा की आग में जल रहा है. जिरीबाम में छह शव बरामद होने की खबर फैलने के बाद इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम जिलों में भीड़ ने मंत्रियों, विधायकों और राजनीतिक नेताओं के करीब दो दर्जन घरों पर हमला किया और तोड़फोड़ की. विपक्ष, मोदी सरकार से सीधे-सीधे सवाल पूछ रहा है कि आखिर हिंसा कब थमेगी.
पिछले साल मई से भड़की हिंसा पर केंद्रऔर राज्य सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद काबू नहीं पाया जा सका है. अफस्पा लगाया जा चुका है. इंटरनेट पर रोक लगाई गई है. सोशल मीडिया पर पैनी नजर है तो गृहमंत्री अमित शाह ने एक बार फिर से समीक्षा बैठक बुलाई. जिसमें एनएसए भी शामिल हुए. माना जा रहा है अगले 24 घंटे में मणिपुर में कोई बड़ा एक्शन हो सकता है
मणिपुर में बड़े एक्शन की तैयारी?
केंद्र सरकार ने मणिपुर में 5000 से अधिक कर्मियों वाली अतिरिक्त 50 सीएपीएफ कंपनियां भेजने का फैसला किया है. गृह मंत्रालय ने 20 अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनियों, सीआरपीएफ से 15 और बीएसएफ से पांच को राज्य में भेजा है. 35 इकाइयां सीआरपीएफ से ली जाएंगी, जबकि बाकी बीएसएफ से होंगी. फिलहाल, राज्य में कुल 218 सीएपीएफ कंपनियां मौजूद हैं. माना जा रहा है कि अमित शाह की होने वाली बैठक में उग्रवादियों पर काबू पाने के लिए बड़े एक्शन को हरी झंडी दी जा सकती है. वहीं ताजा हिंसा के बाद सुरक्षाबलों ने कई जगह छापेमारी की है, तो कई हथियारबंद लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
विधायकों और मंत्रियों के घरों को फूंका गया
पिछले 2 दिनों में 3 मंत्रियों समेत 9 विधायकों के घरों को फूंक दिया गया. ये हालात उस वक्त बिगड़ गए जब मणिपुर में महिलाओं और बच्चों के शव बरामद हुए. ये वही लोग थे, जिन्हें कुकी उग्रवादियों ने किडनैप किया था. दरअसल पिछले सप्ताह थाने और राहत शिविर पर हमला करने आए कुकी के 11 हथियारबंद उग्रवादियों को ढेर किया गया था. बाद में गांव के 6 मैतेई बच्चों और महिलाओं को अगवा कर लिया गया था. बाद में उनके सड़े-गले शव मिले तो मणिपुर फिर जल उठा. इंफाल घाटी में गुस्साई भीड़ ने बीजेपी के मंत्रियों और विधायकों के घरों में शनिवार रात आग लगा दी. हिंसा के कारण कई शहरों में कर्फ्यू लगा दिए गए.जिरीबाम समेत छह पुलिस थाना क्षेत्रों में अफस्पा फिर से लागू कर दिया गया.
एनआईए ने मणिपुर हिंसा के तीन केस की जांच शुरु की
मणिपुर हिंसा से जुड़े तीन मामलों को केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने टेकओवर कर लिया है. जांच एजेंसी को जो मामले सौंपे गए हैं. उनमें 8 नवंबर को जिरिबाम इलाके में हुई महिला की हत्या, बोरोबेकरा थाना इलाके में हुए सीआरपीएफ पोस्ट पर हमला और कुछ घरों को जलाने और उसी आगजनी के दौरान मारे गए आम लोगों की हत्या शामिल है.
हिंसा के साथ-साथ मणिपुर में गहराया राजनीतिक संकट
एनपीपी ने बीरेन सिंह सरकार से समर्थन लिया वापस ले लिया है. हालांकि बीजेपी सरकार को कोई खतरा नहीं है. 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा में बीजेपी के पास 37 सीटें हैं. एनपीपी के सात विधायक हैं, जिन्होंने पहले ही बीरेन सिंह सरकार को बाहरी समर्थन दिया था क्योंकि वह एनडीए का हिस्सा है.