अमेरिका पर हावी होते दिख रहे हैं यमन के हूती. हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में अमेरिका के एयरक्राफ्ट कैरियर हैरी एस ट्रूमैन पर हमला करने का दावा किया है. हूतियों ने मिसाइल और ड्रोन के जरिए अमेरिका को बड़ा नुकसान पहुंचाया है. तो वहीं इजरायल के ठिकानों पर भी हूतियों ने हमला किया है.
अमेरिका और इजरायल के अलावा यमन में ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी एमआई-6 और सऊदी अरब की खुफिया एजेसियों के जासूसों को गिरफ्तार करने की भी खबर है.
हूतियों ने यूएसएस हैरी एस ट्रूमैन को बनाया निशाना
हूतियों ने अमेरिका के स्ट्राइक एयरक्राफ्ट हैरी एस ट्रूमैन पर मिसाइलें दागी हैं और ड्रोन से हमला करने का दावा किया है. हूती सैन्य प्रवक्ता याह्या सरिया के मुताबिक, “अमेरिकी दुश्मन, यमन पर एक बड़ा हवाई हमला करने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन हमने अमेरिका के हमले से पहले ही उन पर निशाना साध लिया. हमारे हमले की वजह से अमेरिकियों का अभियान विफल हो गया.”
हूतियों ने इसके अलावा इजरायली ठिकानों पर कई हमले किए हैं, जिसमें इजरायल के तेल अवीव शहर में दो सैन्य ठिकानों और अश्कलोन शहर में एक अहम लक्ष्य को ड्रोन से निशाना बनाया गया. हूती प्रवक्ता ने इजरायल को धमकी देते हुए कहा, “हम फिलस्तीनियों के समर्थन में अपने अभियान जारी रखेंगे और ये अभियान तबतक नहीं रुकेंगे जब तक गाजा पर हमला बंद नहीं हो जाता और घेराबंदी नहीं हटा ली जाती है.”
लाल सागर में अमेरिका को हो रहा है बड़ा नुकसान
हूतियों ने जिस अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर पर हमला करने का दावा किया है, उसकी ताकत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हैरी एस ट्रूमैन पर एक साथ 60 से अधिक लड़ाकू विमान तैनात किए जा सकते हैं. इस एयरक्राफ्ट पर एफ-18 सुपर हार्नेट भी तैनात रहता है. यह कई सैन्य उपकरणों से लैस है, जिसमें मिसाइल और तोप शामिल हैं. पिछले डेढ़ साल से हमास के इजरायल पर किए हमले के बाद लाल सागर में हूतियों का हमला बढ़ गया है.
ईरान समर्थिक हूतियों ने अमेरिका का बहुत नुकसान किया है. हूतियों से मुकाबले करते हुए अमेरिका नौसेना ने अपने ही लड़ाकू विमान एफ-18 सुपर हार्नेट को मार गिराया था. वहीं हूती विद्रोहियों ने पिछले एक साल में अमेरिका के आधा दर्जन से ज्यादा प्रीडेटर ड्रोन भी मार गिराए हैं.
हालांकि हूतियों के अमेरिकी एयरक्राफ्ट को निशाना बनाए जाने पर न तो अमेरिका और न ही इजरायल ने प्रतिक्रिया दी है.
यमन में एमआई 16 और सऊदी अरब के जासूस गिरफ्तार
यमन में ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी एमआई-6 और सऊदी खुफिया एजेंसियों के जासूसों की गिरफ्तारी का वीडियो सामने आया है. यमन के हूती विद्रोहियों के मुताबिक, ब्रिटिश और सऊदी खुफिया एजेंसियों ने देश की रणनीतिक क्षमताओं के खिलाफ मिशनों के लिए जासूसों की भर्ती और प्रशिक्षण कर रहे थे. इसके अलावा जासूस मिसाइल सुविधाओं, सैन्य और सुरक्षा स्थलों की निगरानी के साथ-साथ राज्य के नेताओं पर नजर रख रहे थे.
गिरफ्तार किए गए जासूसों ने रियाद में ट्रेनिंग ली थी. बयान में कहा गया है, ब्रिटिश अधिकारियों ने उन्हें खुफिया जानकारी जुटाने के लिए संचार उपकरण और तकनीक से लैस किया. जासूसों की गिरफ्तारी दिसंबर 2024 में गई थी, पर अब वीडियो सामने आया है.