July 3, 2024
XYZ 123, Noida Sector 63, UP-201301
Acquisitions Alert Breaking News Defence Viral News

IAF: फायर टेंडर की सोशल मीडिया पर आग

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के एक दावे को लेकर भारतीय वायुसेना विवादों के घेरे में फंस गई है. नोएडा की एक फर्म से क्रैश फायर टेंडर (सीएफटी) खरीदने को लेकर सोशल मीडिया पर वायुसेना की जबरदस्त भद्द पिट रही है. क्योंकि ये फायर टेंडर आस्ट्रिया की एक कंपनी की फायर-ब्रिगेड (गाड़ी) से हूबहू मिलती है और इसमें चीनी टायर तक दिखाई पड़ रहे हैं. 

बुधवार को भारतीय वायुसेना ने सीएफटी की तस्वीरों से अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि “सेल्फ-रिलायंस और आत्मनिर्भरता के अपने स्थिर पथ पर आईएएफ ने हाल ही में कई स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित क्रैश फायर टेंडर (CFT) की डिलीवरी ली.” वायुसेना ने बताया कि “नोएडा स्थित भारतीय एमएसएमई फर्म द्वारा निर्मित, ₹ 291 करोड़ के अनुबंध के एवज में भारतीय निर्माता ने अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के 14 महीने के भीतर सीएफटी की डिलीवरी सुनिश्चित की. वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में कई व्यवधानों के बावजूद यह हासिल किया गया.” (https://x.com/IAF_MCC/status/1775360625927139335?s=20)

वायुसेना ने जो सीएफटी की तस्वीरें जारी की हैं उनमें इन गाड़ियों पर ‘भारतीय’ लिखा है और ‘भारत-पैंथर’ लिखा है. जैसे ही वायुसेना ने सीएफटी की तस्वीरें साझा की, इंटरनेट पर बवाल मच गया. सोशल मीडिया पर सीएफटी के टायर को जूम करके खुलासा किया गया कि इन गाड़ियों में चीन के बने टायर लगे हैं. चीन के चिंगदाओ में बने ‘टेचकिंग’ कंपनी के टायर इन गाड़ियों में लगे होने का दावा किया गया है. 

कुछ सोशल मीडिया अकाउंट्स ने तो इन सीएफटी को आस्ट्रिया की रोशेनबेअुर कंपनी द्वारा बनाया गया बताया. दरअसल, रोशेनबेअुर कंपनी भी ‘पैंथर’ नाम की एक सीएफटी बनाती है जो पिछले तीन दशक से दुनियाभर में इस्तेमाल की जा रही है. ऐसे में सवाल खड़े किए जा रहे हैं कि नोएडा की कंपनी ने रोशेनबेअुर कंपनी के पैंथर को ही भारत में एसेंबल करके या सीधे खरीद कर उनपर स्वदेशी ठप्पा लगा दिया है. 

वर्ष 2020 में वायुसेना ने 45 सीएफटी खरीदने का टेंडर जारी किया था. माना जा रहा है कि इसी टेंडर (निविदा) के एवज में नोएडा की कंपनी ने ये सीएफटी वायुसेना को मुहैया कराई है. इन सीएफटी का इस्तेमाल एयरपोर्ट और एयरबेस पर विमानों के ऑपरेशन्स के दौरान आग लगने के दौरान किया जाता है. किसी भी एयरक्राफ्ट के टेक-ऑफ और लैंडिंग के वक्त ये सीएफटी रनवे के बेहद करीब खड़ी रहती हैं ताकि किसी अप्रिय घटना के दौरान आग पर तुरंत काबू किया जा सके. 

हालांकि, इस विवाद पर नोएडा की कंपनी का पक्ष नहीं मिल पाया है लेकिन वायुसेना ने एक्स अकाउंट पर लिखा कि “जैसा कि परिकल्पना और वादा किया था, इंडियन एयरफोर्स ने भारतीय रक्षा विनिर्माण और उत्पादन संस्थाओं को साथ लेकर चल रही है.” 

ReplyForwardAdd reaction
ReplyForwardAdd reaction
ReplyForwardAdd reaction

 

ReplyForwardAdd reaction

 

ReplyForwardAdd reaction
ReplyForwardAdd reaction
X