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पाकिस्तान सीमा पर गरजेंगे रफाल मिराज और सुखोई…युद्ध की आहट से पहले राजस्थान में बड़ा युद्धाभ्यास

बुधवार का दिन भारत के लिए बेहद अहम होने वाला है. भारतीयों को तैयार करने के लिए सिविल ड्रिल के बीच भारतीय सेना करने वाली है बड़ा शौर्य प्रदर्शन. 7 मई से भारत-पाकिस्तान सीमा पर रेगिस्तानी क्षेत्र और आस-पास के इलाकों में रफाल (राफेल), मिराज 2000 और सुखोई 30 गरजेंगे.

वायुसेना ने अपने अभ्यास को लेकर भारत की ओर नोटम जारी किया है. नोटम (नोटिस टू एयर मिशन) मतलब हवाई क्षेत्र पूरी तरह से प्रतिबंधित हो जाएगा. युद्धाभ्यास वाले रूट पर कोई भी घरेलू या इंटरनेशनल उड़ानों पर रोक रहेगी.

भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर बड़ा युद्धाभ्यास

पाकिस्तान के साथ तनातनी के बीच भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर भारतीय वायुसेना करने वाली है बड़ा अभ्यास. रेगिस्तान के इलाके में जारी युद्धाभ्यास में भारत के रफाल, मिराज 2000, सुखोई समेत कई फाइटर जेट्स अपनी ताकत का परीक्षण करेंगे.

वायुसेना का ये अभ्यास सिविल मॉकड्रिल के साथ ही होगा. वायुसेना के अभ्यास को लेकर नोटम यानि नोटिस टू एयर मिशन जारी किया गया है. इस नोटिस के जरिए पायलट्स, एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स को संभावित खतरों के बारे में सूचित किया जाता है ताकि अभ्यास के दौरान किसी भी तरह का कोई नुकसान न हो. इसका उद्देश्य उड़ान सुरक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करना है. 

नोटम जारी, बुधवार दोपहर से उड़ानों पर रोक

नोटम में में दी गई जानकारी के मुताबिक, ये अभ्यास 7 मई को दोपहर 3:30 बजे शुरू होगा और 8 मई को रात 9:30 बजे समाप्त होगा, जिससे प्रभावित क्षेत्रों में हवाई क्षेत्र प्रतिबंधित हो जाएगा. यानी इस रूट से किसी भी तरह की घरेलू या इंटरनेशनल उड़ाने प्रतिबंधित रहेंगी.

नो फ्लाइंग जोन वाले इलाकों में खास सावधानी बरती जाएगी. इस अभ्यास के मद्देनजर पुलिस और अन्य एजेंसियां भी इस ऑपरेशन पर नजर रखेंगी. ड्रोन जैसी किसी भी गतिविधि पर नजर रखी जाएगी.

7 मई को 295 जिलों में होगी मॉक ड्रिल

भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच बुधवार को गृह मंत्रालय ने राज्यों को सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल कराने का निर्देश दिया है. बुधवार को देश के 295 जिलों में हवाई हमले से बचाव की मॉक ड्रिल होगी. इसका मकसद नागरिकों को आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए ट्रेनिंग देना है.

मॉक ड्रिल में सायरन टेस्ट, ब्लैकआउट मैनेजमेंट का अभ्यास शामिल है. साल 1971 यानी तकरीबन 54 साल बाद देश में पहली बार सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया है. मॉक ड्रिल में लोगों को सिविल डिफेंस और आपातकालीन स्थिति से निपटने के तरीके बताए जाएंगे. यानि अगर दुश्मन देश कोई हमला करता है तो ऐसी परिस्थिति में क्या करना है और क्या नहीं. इसके तरीके बताए और समझाए जाएंगे.

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