इजरायली डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के आका हसन नसरल्लाह को मारने के लिए करीब आठ टन बारूद का इस्तेमाल किया था. इस बारूद को आईडीएफ के फाइटर जेट ने 2000 पाउंड के खास अमेरिकी बंकर-बस्टर बम के जरिए लेबनान की राजधानी बेरूत में हिजबुल्लाह के हेडक्वार्टर में गिराया जिससे वहां 30 फीट गहरा गड्ढा बन गया. इसी बिल्डिंग के तहखाने में नसरल्लाह अपने साथियों के साथ छिपा हुआ था.
आईडीएफ ने नसरल्लाह को मार गिराने वाले फाइटर जेट का एक वीडियो साझा किया है. इस वीडियो में इजरायली वायुसेना के आठ फाइटर जेट (एफ-15) दिखाई पड़ रहे हैं और सभी पर अमेरिकी बीएलयू-109 बम से लैस हैं. एक बीएलयू-109 बम में करीब 2000 पाउंड बारूद होता है. इन्हें दुश्मन के बंकर को ध्वस्त करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे बंकर जो जमीन के नीचे होते हैं और काफी मजबूत होते हैं.
इन बंकर-बस्टर बम की खासियत है कि ये गिरने से पहले डेटोनेट नहीं होते हैं यानी बंकर में घुसने के बाद ही फटते हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचा सके. जानकारी के मुताबिक, हिजबुल्लाह के हेडक्वार्टर पर हमले के लिए आईडीएफ ने करीब आठ टन बारूद का इस्तेमाल किया है. भारी मात्रा में बारूद के इस्तेमाल से ही बिल्डिंग के तहखाने में छिपे नसरल्लाह को मार गिराया गया. (https://x.com/neeraj_rajput/status/1840367386005799103)
गौरतलब है कि वर्ष 2019 में भारतीय वायुसेना ने आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के बालाकोट स्थित ट्रेनिंग कैंप पर इजरायल के स्पाइस-2000 बम का इस्तेमाल किया था. 1000 किलो के वजन वाले इस स्पाइस बम को भी बंकर बस्टर के तौर पर जाना जाता है. भारतीय वायुसेना ने मिराज-2000 फाइटर जेट इन स्पाइस बम को जैश के ट्रेनिंग कैंप को तबाह करने के लिए इस्तेमाल किया था.
शुक्रवार को किए इस एरियल स्ट्राइक को आईडीएफ ने ऑपरेशन न्यू ऑर्डर नाम दिया है. जानकारी के मुताबिक, हमले में ईरान के एक ब्रिगेडियर रैंक के अधिकारी की भी मौत हुई है. ये ब्रिगेडियर, हिजबुल्लाह के मिलिट्री एडवाइजर के तौर पर नसरल्लाह के साथ रहता था.
इस बीच आईडीएफ ने जानकारी दी है कि जिस जगह हिजबुल्लाह ने अपना हेडक्वार्टर बना रखा था, वहां से संयुक्त राष्ट्र (यूएन) का क्षेत्रीय कार्यालय महज 50 मीटर (53 मीटर) की दूरी पर था. साथ ही करीब में एक स्कूल भी था. यानी बेहद ही घनी बस्ती और संवेदनशील इमारतों के बीच आतंकी संगठन हिजबुल्ला ने अपना मुख्यालय बेरूत में बना रखा था. (मारा गया नसरल्लाह, खामेनई अंडरग्राउंड)
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08 टन बारूद से हुआ नसरल्लाह ढेर, 30 मीटर गहरे गड्ढे में दफन
- by Neeraj Rajput
- September 29, 2024
- Less than a minute
- 3 months ago