अमेरिका से 104 भारतीयों को हथकड़ियों में जकड़ कर डिपोर्ट करने का मामला संसद से सड़क तक गूंज रहा है. भारतीयों को लगाई गई हथकड़ियों के विरोध में विपक्ष ने प्रदर्शन किया और सरकार से जवाब मांगा कि आखिर अमेरिका ने भारतीयों के साथ दुर्व्यवहार क्यों किया.
भारतीयों के अमेरिका से निर्वासित किए जाने को लेकर मचे बवाल और सरकार से पूछे जा रहे सवालों का विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आंकड़ों के साथ जवाब दिया है. राज्यसभा में एस जयशंकर ने समझाया कि आखिर अमेरिका ने 104 भारतीयों को वापस क्यों भेजा, साथ ही आंकड़े के जरिए समझाने की कोशिश की कि ये कार्रवाई वैध कैसे है.
डिपोर्टेशन की ये कार्रवाई कोई नई नहीं: एस जयशंकर
जयशंकर ने राज्यसभा में भारतीयों के निर्वासन पर जवाब देते हुए कहा, “डिपोर्टेशन की ये कार्रवाई कोई नई नहीं है. आज से पहले भी जो लोग गैर कानूनी तरीके से किसी दूसरे देश में रहते हुए पाए जाते थे, उन्हें उनके देश भेजा जाता रहा है.”
विदेश मंत्री ने विपक्ष को कहा कि “मैं आपसे ये साफ कर देना चाहता हूं कि काम के सिलसिले में किसी नागरिक का एक देश से दूसरे देश में जाना उस देश के विकास में अहम भूमिका निभाती है. हमारा मानना है कि अगर ये कानून के दायरे में हो, तो ही सही है. किसी नागरिक के किसी दूसरे देश में गैर कानूनी तरीके से घुसने को हम कभी सपोर्ट नहीं करते. जो भी नागरिक गैर कानूनी तरीके से किसी भी देश में गए हैं, वो देश अपने कानून के हिसाब से उन्हें पकड़कर वापस भेजता है. इसमें कुछ नया नहीं है.”
साल 2009 से लेकर अब तक क्या कहते हैं विदेश मंत्रालय के आंकड़े
विदेश मंत्री ने सदन को बताया कि किसी भी देश में अवैध तरीके से रह रहे लोगों को वापस भेजने की प्रक्रिया साल 2009 से चली आ रही है. जबकि साल 2012 से विमान से भेजा जा रहा है.
वर्ष कितने लोग निर्वासित हुए
2009 734
2010 799
2011 597
2012 530
2013 550
2014 591
2015 708
2016 1303
2017 1024
2018 1180
2019 2042
2020 1889
2021 805
2022 862
2024 1368
2025 104
एसओपी के तहत बांधकर लाए जाते हैं लोग: जयशंकर
बुधवार को जैसे ही अमृतसर में 104 भारतीयों को लेकर अमेरिका का सैन्य विमान पहुंचा, लोगों ने आपबीती सुनाई. ऐसी तस्वीरें भी सामने आई जिसमें भारतीयों के पैरों में जंजीर दिख रही थी. सोशल मीडिया पर भारतीयों के बेड़ियों में बंधे होने पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आने लगीं. विपक्ष ने सरकार पर सवालों की बौछार कर दी. ऐसे में एस जयशंकर ने सदन को ये भी बताया है लोगों को जंजीर क्यों बांधी जाती है.
जयशंकर ने बताया कि “साल 2012 से लागू स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) के तहत डिपोर्ट किए जा रहे लोगों को फ्लाइट में रिस्ट्रेन (बांधकर) ले जाया जाता है. अमेरिकी एजेंसी इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एन्फोर्समेंट(आईसीई) ने भारत को बताया कि महिलाओं और बच्चों को डिपोर्टेशन के दौरान बांधकर नहीं रखा जाता है. डिपोर्टेशन के दौरान जब यात्री टॉयलेट जाते हैं तो रिस्ट्रेन हटा दिए जाते हैं. लोगों को लाने ले जाने के दौरान भोजन, चिकित्सा आदि का भी ध्यान दिया जाता है. ये एसओपी सैन्य विमानों के साथ-साथ यात्री विमान पर भी लागू होते हैं.”
अमेरिका से कर रहे हैं बात, किसी भारतीय से दुर्व्यवहार न हो: एस जयशंकर
एस जयशंकर ने बताया कि “जो भारतीय वापस लौटे हैं, उन्होंने अपने डिपोर्टेशन के दौरान हुई कठिनाइयों के बारे में बताया है. हम अमेरिका सरकार से लगातार बातचीत कर रहे हैं. ताकि डिपोर्ट किए जा रहे भारतीयों के साथ कोई गलत व्यवहार न हो.” विदेश मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि “अवैध तरीकों से विदेश भेजने वाले एजेंट्स पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. सभी देशों के लिए यह जरूरी है कि वे अवैध प्रवास को बढ़ावा न देकर, कानूनी तरीकों से लोगों की आवाजाही को बढ़ावा दें. ये सभी देशों का दायित्व है कि यदि उनके नागरिक विदेशों के अवैध रह रहे हैं, तो उन्हें वापस लें.” (https://x.com/USBPChief/status/1886946028185682347)
प्रियंका गांधी ने पीएम पर कसा तंज, विपक्ष ने किया प्रदर्शन
संसद के बाहर विपक्ष के सांसदों ने हाथों में हथकड़ी पहनकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. तो प्रियंका गांधी ने कहा, “मोदी जी और ट्रंप जी बहुत अच्छे दोस्त हैं. फिर मोदी जी ने ऐसा क्यों होने दिया? क्या इंसानों के साथ ऐसा व्यवहार किया जाता है कि उनको हथकड़ियां और बेड़ियां पहनाकर भेजा जाए? ये कोई तरीका है. प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए.”