विदेश मंत्री एस जयशंकर के पाकिस्तान दौरे के घोषणा के साथ ही इमरान खान की पार्टी की बांछे खिल गई हैं. जयशंकर को पाकिस्तान के विपक्षी नेता (और पूर्व प्रधानमंत्री) इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की रैली को संबोधित करने का न्योता भेजा है.
पूर्व पीएम इमरान खान की पार्टी ने एक बड़ी रैली और प्रदर्शन का आयोजन किया है. पीटीआई लगातार जेल में बंद इमरान खान की रिहाई की मांग कर रही है. वहीं पीटीआई और एससीओ समिट को देखते हुए पाकिस्तान की सड़कों पर सेना उतार दी गई है.
इमरान के समर्थन में विरोध में शामिल हों जयशंकर: पीटीआई
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने एस जयशंकर को इस्लामाबाद में पार्टी के धरने में शामिल होने के लिए आमंत्रित करने का फैसला किया है. खैबर पख्तूनख्वा में पीटीआई सरकार के सूचना सलाहकार बैरिस्टर अली सैफ ने अपील की है कि एस जयशंकर विरोध में शामिल हों और इमरान खान को सपोर्ट करें.
बैरिस्टर अली सैफ ने एक इंटरव्यू में कहा, “हम जयशंकर साहब को भी दावत देते हैं कि वो हमारे विरोध प्रदर्शन में आए और हमारे लोगों को संबोधित करें.” शहबाज सरकार पर निशाना साधते हुए बैरिस्टर अली ने कहा, “भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और पाकिस्तान की संघीय सरकार यह दिखाने की कोशिश कर रही है कि पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं है.”
बैरिस्टर अली ने कहा कि “दुनिया के बड़े-बड़े नेता पाकिस्तान आ रहे हैं, वो आएं और देखें कि पाकिस्तान में कैसा लोकतंत्र है.”
इस्लामाबाद की ओर बढ़ रहे इमरान समर्थक
पाकिस्तान के पूर्व पीएम और क्रिकेटर इमरान खान पिछले एक साल से जेल में बंद हैं. इमरान खान की रिहाई की मांग करते हुए उनके समर्थकों ने इस्लामाबाद का कूच किया है. खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन के नेतृत्व में इमरान के समर्थकों ने इस्लामाबाद के डी चौक पर प्रदर्शन का ऐलान किया है. इमरान के समर्थकों पर काबू पाने के लिए पूरे इलाके में पुलिस के बाद अब पाकिस्तानी सेना भी उतर चुकी है.
भारत का भगोड़ा जाकिर नाईक पाकिस्तान में मौजूद
विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को विदेश मंत्री के पाकिस्तान दौरे का ऐलान करते हुए जाकिर नाईक का भी मुद्दा उठाया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा है कि “हमें इस बात पर आश्चर्य नहीं है, कि भारतीय न्यायिक प्रणाली के भगोड़े का पाकिस्तान में उच्च स्तरीय स्वागत किया गया है. यह निराशाजनक और निंदनीय है, लेकिन इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं है.”
शंघाई कोऑपरेशन आर्गेनाइजेशन (
एससीओ) की बैठक के इतर क्या भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी, इसपर विदेश मंत्रालय ने साफतौर पर कुछ नहीं कहा है. लेकिन शनिवार को एक कार्यक्रम में खुद जयशंकर ने साफ कर दिया कि पाकिस्तान से कोई द्विपक्षीय बातचीत नहीं होगी. जयशंकर ने कहा कि एससीओ एक बहुराष्ट्रीय संगठन है और उससे जुड़े कार्यक्रम में ही शामिल होंगे. (SCO बैठक के लिए पाकिस्तान जाएंगे जयशंकर)
पीटीआई के प्रोटेस्ट में शामिल होंगे एस जयशंकर?
इमरान खान की पार्टी ने भले ही उम्मीद जताई है कि एस जयशंकर उनके प्रोटेस्ट में शामिल हों, पर इस बात की उम्मीद बेहद कम हैं. बेहद कम इसलिए क्योंकि भारत की कूटनीति एकदम साफ है, कि वो सरकार के नुमाइंदों से बात करती है, विपक्ष के किसी नेता नहीं मिलने की परंपरा नहीं है. उदाहरण के तौर पर पीएम का हाल ही में हुआ अमेरिका दौरा देखा जा सकता है. डोनाल्ड ट्रंप ने उम्मीद जताई थी कि पीएम मोदी उनके अच्छे दोस्त हैं लिहाजा अमेरिकी दौरे में पीएम मोदी ट्रंप से मिलने आएंगे. पर पीएम मोदी ने ऐसा नहीं किया.
पीएम मोदी ने सिर्फ और सिर्फ जो बाइडेन और सरकार के नेताओं से मुलाकात की. कहीं ना कहीं भारत का ये स्टैंड अमेरिका और पाकिस्तान जैसे देशों को संदेश देने के लिए भी है कि अमेरिका और पाकिस्तान जैसे देश भारत में सरकार के अलावा विपक्षी पार्टियों से गुफ्तगू में यकीन करते है.
अगस्त महीने में ऐसी बात भी सामने आई थी कि पाकिस्तानी हाईकमिश्नर ने राहुल गांधी, शशि थरूर, कपिल सिब्बल, जिया उर रहमान बर्क, अफजाल अंसारी समेत कई नेताओं को आम (मैंगो) भेजे थे. हालांकि विपक्ष ने मैंगो भेजे जाने की खबरों को गलत बताया था.