By Akansha Singhal
‘नेबरहुड फर्स्ट’ और ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ के तहत भारत अपने सबसे करीबी देश बांग्लादेश के साथ हथियारों के साझा उत्पादन और सैन्य-बलों के आधुनिकीकरण के लिए तैयार हो गया है. मोदी 3.0 में पहली विदेशी राष्ट्राध्यक्ष के तौर पर भारत आई बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पीएम नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर कट्टरवाद और आतंकवाद जैसे ज्वलंत मुद्दों पर लगाम लगाने के लिए भी कमर कस ली है.
भारत और बांग्लादेश, दोनों के प्रधानमंत्रियों ने अपने-अपने देश के प्रतिनिधिमंडल के साथ राजधानी दिल्ली में इस बाबत वार्ता की. बैठक के बाद पीएम मोदी और शेख हसीना ने साझा बयान जारी किया. पीएम मोदी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि
बांग्लादेश, हमारी नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी, एक्ट ईस्ट पॉलिसी, विजन सागर और इंडो-पैसिफिक विजन के संगम पर स्थित है. मोदी ने कहा कि इंडो-पैसिफिक ओसियन इनेशिएटिवमें शामिल होने के बांग्लादेश के निर्णय का हम स्वागत करते हैं. हम बिम्सटेक (बीआईएमएसटीईसी) सहित, अन्य रीजनल और अंतर्राष्ट्रीय फोरम पर भी अपना सहयोग जारी रखेंगे.प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमारी चर्चा ने रक्षा सहयोग को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है. हम आतंकवाद और कट्टरवाद के खिलाफ अपने प्रयासों को और मजबूत करेंगे.” दोनों देशों ने बॉर्डर मैनेजमेंट के उपायों पर भी सहमति जताई.
दरअसल, हाल के सालों में अपनी सैन्य जरूरतों के लिए बांग्लादेश ने चीन का रूख किया है. टैंक से लेकर पनडुब्बियां तक बांग्लादेश, चीन से ले रहा है. ऐसे में बेहद जरुरत है कि भारत, बांग्लादेश की रक्षा-क्षेत्र की जरूरतों का पूरा करे. यही वजह है कि भारत ने बांग्लादेश के साथ मिलकर रक्षा उत्पादन में सहयोग करने का विश्वास दिलाया है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मैं बंगबंधु के स्थिर, समृद्ध और प्रगतिशील बांग्लादेश के विजन को साकार करने में भारत की प्रतिबद्धता को दोहराता हूं.पिछले एक साल में पीएम मोदी की शेख हसीना के साथ ये दसवीं बैठक थी.
शेख हसीना की इस यात्रा ने भारत-बांग्लादेश संबंधों को एक नई ऊंचाई दी है, जिससे दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग और भी सुदृढ़ होगा. शेख हसीना ने पीएम मोदी को बांग्लादेश आने का भी न्योता दिया है.