76वें गणतंत्र दिवस के मौके पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत की जमकर तारीफ की है. भारत की प्रगति की सराहना करते हुए बधाई संदेश में पुतिन ने अंतर्राष्ट्रीय स्थिरता, सुरक्षा और महत्वपूर्ण क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों को गंभीरता से लेने और योगदान देने के लिए भारत की प्रशंसा की है.
रूसी राष्ट्रपति ने ये भी कहा कि “हम भारत के साथ अपने संबंधों को अत्यधिक महत्व देते हैं.”
चर्चा है कि इस साल व्लादिमीर पुतिन भारत आ सकते हैं. चर्चा इस बात की भी है कि भारत में ही ट्रंप और पुतिन के बीच मुलाकात हो सकती है.
पुतिन ने बधाई संदेश में गिनाईं भारत की उपलब्धियां
रूसी राष्ट्रपति ने अपने संदेश में भारत की उपलब्धियों पर जोर दिया. पुतिन ने भारत की प्रगति की सराहना करते हुए कहा “आर्थिक, सामाजिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और अन्य क्षेत्रों में भारत की उपलब्धियां व्यापक रूप से जानी जाती हैं. आपका देश अंतर्राष्ट्रीय स्थिरता, सुरक्षा और महत्वपूर्ण क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों को संबोधित करने में महत्वपूर्ण योगदान देता है.”
रूस, भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी को महत्व देता है: पुतिन
भारत के साथ अपने देश के संबंधों के बारे में बात करते हुए पुतिन ने कहा, “हम अपने राज्यों के बीच विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के संबंधों को उच्च महत्व देते हैं. मुझे विश्वास है कि साथ मिलकर काम करके हम सभी क्षेत्रों में पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय सहयोग को और प्रगाढ़ करेंगे. क्योंकि ये रूस और भारत के मित्रवत लोगों के बुनियादी हितों को पूरा करता है.”
रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि “हम भारत के साथ अपने संबंधों को अत्यधिक महत्व देते हैं. साथ मिलकर काम करके, हम सभी क्षेत्रों में पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग की निरंतर वृद्धि सुनिश्चित कर सकते हैं.”
पुतिन ने हार्दिक शुभकामनाओं से लिखा, “ईमानदारी से आपके सर्वोत्तम स्वास्थ्य और हर सफलता के साथ-साथ सभी भारतीय नागरिकों की खुशी और कल्याण की कामना करता हूं.”
युद्ध समाप्त करने के लिए पुतिन चाहते हैं भारत करे मध्यस्थता
व्लादिमीर पुतिन और पीएम मोदी की मित्रता बहुत गहरी है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले साल जब कजान में पीएम मोदी और पुतिन के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई थी तो पुतिन ने ट्रांसलेटर को लेकर ये कहा था कि उनकी बातें समझने के लिए पीएम मोदी को ट्रांसलेटर की जरूरत नहीं है.
पुतिन कई बार कह चुके हैं कि पीएम मोदी के ऊपर बहुत दबाव है, चाहे वो घरेलू हो या वैश्विक, लेकिन पीएम मोदी किसी के दबाव में नहीं आते हैं. इसका ताजा उदाहरण भारत में हुआ जी 20 सम्मेलन था, जिसमें पश्चिमी देशों ने भारत पर यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की को आमंत्रित करने के लिए दबाव डाला था, जी-7 देश (कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका) भारत पर यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को आमंत्रित करने के लिए दबाव डाल रहे थे, लेकिन भारत का मानना था कि अतिथि सूची केवल जी-20 नेताओं तक ही सीमित रहे.
भारत अपनी बात पर अडिग रहा और कूटनीतिक तौर पर जेलेंस्की को न आमंत्रित करने रूस के साथ रिश्ते को और मजबूत किया.
तकरीबन तीन साल से यूक्रेन के मोर्चे पर जंग लड़ रहे रूस से पीएम मोदी ने बातचीत के जरिए युद्ध समाप्त करने का आग्रह किया है. पीएम मोदी जब पिछले साल पुतिन से मिले थे तो उन्होंने युद्ध समाप्त करने पर जोर दिया था. पीएम मोदी वो वैश्विक नेता हैं, जो युद्ध शुरु होने के बाद पुतिन से भी मिल चुके हैं और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी. चाहे जेलेंस्की हों या फिर पुतिन दोनों ने भारत के मध्यस्थता के लिए राजी हैं.