हिंद महासागर से जुड़े अफ्रीकी देशों में चीन के बढ़ते प्रभाव को काउंटर करने के लिए पहली बार भारतीय नौसेना, अफ्रीका के दस देशों के साथ साझा मेरीटाइम एक्सरसाइज कर रही है. रणनीतिक तौर पर बेहद अहम एक्सरसाइज 13 अप्रैल से शुरु होकर 18 अप्रैल तक चलेगी. ऐकेमी नाम की इस एक्सरसाइज को भारतीय नौसेना, तंजानिया के साथ साझा तौर से होस्ट कर रही है. नौसेना अध्यक्ष एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी इस एक्सरसाइज के लिए खुद तंजानिया में मौजूद है.
अफ्रीकी देशों के साथ एकेमी एक्सरसाइज, अफ्रीकी देशों संग मजबूत होंगे रिश्ते
अफ्रीकी देश तंजानिया और भारत के बीच आज से छह दिवसीय संयुक्त सैन्य अभ्यास- ‘अफ्रीका इंडिया की मैरीटाइम एंगेजमेंट’ (एआईकेईवाईएमई) शुरू हो गया है. इस अभ्यास के दौरान भारतीय नौसेना के अध्यक्ष एडमिरल दिनेश त्रिपाठी भी मौजूद रहेंगे. यह संयुक्त युद्धाभ्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन ‘महासागर’ के मुताबिक किया जा रहा है. इससे अफ्रीकी देशों और भारत के बीच सहयोग मजबूत होंगे.
भारतीय नौसेना और तंजानिया पीपुल्स डिफेंस फोर्स के बीच आज से तंजानिया के दार-एस-सलाम में शुरू होने वाले नौसेना अभ्यास का मुख्य उद्देश्य भारत और कई अफ्रीकी देशों की नौसेनाओं के बीच संबंध मजबूत करना है. अफ्रीकी देशों के साथ बड़े पैमाने पर बहुपक्षीय समुद्री जुड़ाव अभ्यास, ‘एआईकेईवाईएमई’ मित्र-देशों की नौसेनाओं और समुद्री एजेंसियों के साथ आपसी-संचालन को बढ़ाने के लिए इस दिशा में एक बड़ी पहल है.
तंजानिया की राजधानी दार-एस-सलाम में आयोजित उद्धाटन समारोह में भारत के रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ और नौसेना प्रमुख एडमिरल त्रिपाठी के साथ तंजानिया की रक्षा मंत्री स्टेरगोमेना लॉरेंस टैक्स भी मौजूद रहीं.
अफ्रीका के दस मित्र-देशों की नौसेनाएं लेंगी हिस्सा
एक्सरसाइज में कोमोरोस, जिबूती, इरिट्रिया, केन्या, मेडागास्कर, मॉरीशस, मोजाम्बिक, सेशेल्स और साउथ अफ्रीका की नौसेनाएं हिस्सा लेंगी. खास बात ये है कि जिबूती में चीन ने अपना पहला विदेशी नेवल बेस स्थापित किया है. जिबूती में अमेरिका के बाद चीन, दूसरा ऐसा देश है जिसकी नौसेना ने अपना बेस बनाया है. ऐकेमी एक्सरसाइज की कर्टन रेजर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया गया था कि एक्सरसाइज के पहले संस्करण में पश्चिमी अफ्रीका के उन देशों को शामिल किया गया है जिनके तट हिंद महासागर से सटे हुए हैं. दो साल में एक बार होने वाली इस एक्सरसाइज में अगले संस्करणों में पूरे अफ्रीका महाद्वीप के देशों की नौसेनाओं को शामिल करने की कोशिश की जाएगी.
समुद्री-दस्यु और तस्करी से ग्रस्त है अफ्रीका से सटा हिंद महासागर
अफ्रीका से सटा हिंद महासागर क्षेत्र, समुद्री डकैतों से ग्रस्त रहा है. ऐसे में एशिया, अफ्रीका और यूरोप के बीच समुद्री-व्यापार बाधित होता है. साथ ही ड्रग्स और हथियारों की तस्करी और गैर-कानूनी फिशिंग जैसी गतिविधियां भी देखने को सामने आती हैं. ऐसे में ऐकेमी एक्सरसाइज के दौरान, हार्बर चरण में समुद्री डकैती और सूचना साझा करने पर टेबलटॉप और कमांड पोस्ट अभ्यास शामिल होंगे. साथ ही सीमैनशिप और विजिट बोर्ड सर्च एंड सीजर (वीबीएसएस) पर प्रशिक्षण भी होगा. समुद्री चरण में सीमैनशिप इवोल्यूशन, सर्च एंड रेस्क्यू, वीबीएसएस, छोटे हथियारों की फायरिंग और हेलीकॉप्टर ऑपरेशन शामिल हैं.
सागर से महासागर तक, आईओएस मिशन पर नेवी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सागर यानी सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन पॉलिसी के एक दशक पूरा होने के बाद अब भारतीय नौसेना महासागर यानी म्यूचुअल एंड हॉलिस्टिक एडवांसमेंट फॉर सिक्योरिटी अक्रॉस द रीजन नीति के तहत ऐकेमी एक्सरसाइज के साथ-साथ आईओएस-सागर नाम का एक खास मिशन भी हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में चल रहा है.
आईओएस सागर मिशन के तहत भारतीय नौसेना का आईएनएस सुनयना जहाज (ऑफशोर पेट्रोल वैसल), हिंद महासागर क्षेत्र के छह देशों की यात्रा कर रहा है. इस दौरान, भारतीय नौसेना के क्रू के साथ-साथ नौ आईओआर देशों के नौसैनिक भी इस जहाज पर तैनात हैं. नौसेना का एक जंगी जहाज, अश्वमेध रथ के तौर पर आईओआर के आधा दर्जन देशों के बंदरगाह की यात्रा करने जा रहा है. लेकिन ये जंगी जहाज, किसी के पोर्ट या फिर जमीन पर कब्जा करने के लिए नहीं बल्कि आईओआर के मित्र-देशों का दिल जीतने के लिए इस लंबी यात्रा पर है. आईओएस मिशन 5 अप्रैल से शुरु हो चुका है, 8 मई तक चलेगा.