चीन भले पाकिस्तान को चोरी छिपे पनडुब्बियांसप्लाई करने की साजिश रच रहा है लेकिन भारत भली भांति जानता है कि इस चुनौती से कैसे निपटना है. क्योंकि भारत ने एंटी-सबमरीन वारफेयर के लिए पूरी कमर कस रखी है. ये कहना है भारतीय नौसेना का.
गुरुवार को राजधानी दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान, नौसेना के वाइस चीफ, वाइसएडमिरल संजय वात्स्यायन ने कहा कि “हमें पूरी जानकारी है कि चीन पाकिस्तान को पनडुब्बियां दे रहा है और जल्द ही उनका इंडक्शन शुरू होगा। लेकिन हम भी हर स्थिति पर नजर रख रहे हैं और जवाबी तैयारी कर रहे हैं। हमें पता है कि एंटी-सबमरीन वारफेयर के लिए किन क्षमताओं की जरूरत है.” (https://x.com/realbababanaras/status/1991397238678098102?s=46)
चीन और पाकिस्तान के बीच में आठ (08) पनडुब्बियों को लेकर एक करार हुआ है. इसके तहत चीन में बनी चार (04) पनडुब्बियांसीधे पाकिस्तान को सप्लाई की जाएगी, जबकि चार पाकिस्तान के कराची शिपयार्ड में चीन की मदद से तैयार की जाएंगी. माना जा रहा है कि जल्द चीन में बनी पनडुब्बियों की डिलीवरी पाकिस्तान को हो सकती है.
वाइस एडमिरल का बयान ऐसे समय में आया है जब इसी महीने की 24 तारीख को भारतीय नौसेना, आईएनएस माहे को जंगी बेड़े में शामिल करने जा रही है. आईएनएस माहे, एक एंटी-सबमरीन वॉरफेयर शैलो वाटरक्राफ्ट(एएसडब्लू–एसडब्लूसी) है जिसे कोचिन शिपयार्ड ने तैयार किया है. देश के बंदरगाहों, पोर्ट या फिर हार्बर के करीब समंदर में दुश्मन की पनडुब्बी न फटक पाए, उसके लिए आईएनएस माहे का निर्माण किया गया है. (https://x.com/indiannavymedia/status/1991487468529676321?s=46)
कोचीन शिपयार्ड और कोलकाता स्थित गार्डनरीच शिपबिल्डर्स इंजीनियर्स (जीआरएसई), 8-8 (कुल 16) ऐसे एएसडब्लू-एसडब्लूसीजहाज का निर्माण कर रहे हैं. जीआरएसई के बने 02 एएसडब्लू-एसडब्लूसी, आईएनएसआन्द्रोत और आईएनएस अर्णाला भी इसी वर्ष नौसेना में शामिल हो चुके हैं.

