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जैसे को तैसा, अरुणाचल की चोटी दलाई लामा के नाम पर

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग एंड एडवेंचर स्पोर्ट्स (एनआईएमएस) के पर्वतारोहियों ने अरुणाचल प्रदेश की करीब 21 हजार फीट ऊंची चोटी पर तिरंगा फहराकर हिंदुस्तान का सिर ऊंचा कर दिया है. हाथ में तिरंगा लेकर अरुणाचल की उस चोटी पर तिरंगा लहराते पर्वतारोहियों की तस्वीर जैसे ही सामने आई चीन एक बार फिर बिदक गया है. पर्वतारोहियों की चढ़ाई से नहीं बल्कि भारत ने उस चोटी का नाम दलाई लामा के नाम से रख दिया है. चीन हमेशा से उस चोटी को क्या पूरा अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा मानता है, बार-बार अपने मानचित्र में ‘जांगनान’ के नाम से बुलाता है.

भारत ने छठे दलाई लामा के नाम पर चोटी का रखा नाम

भारतीय पर्वतारोहियों ने चीन की सीमा के करीब अरुणाचल प्रदेश के तवांग-पश्चिम कामेंग इलाके में गोरीचेन रेंज में स्थित एक अज्ञात ऊंची चोटी पर चढ़ने में सफलता हासिल की है. चूंकि जिस चोटी पर चढ़ाई की गई उसपर अबतक कोई नहीं पहुंच पाया है. चोटी अनाम थी पर जब सेना के एक कर्नल के नेतृत्व में 15 सदस्यीय टीम चोटी पर पहुंची तो छठे दलाई लामा रिग्‍जेन त्सांगयांग ग्यात्सो के सम्मान में चोटी का नाम “त्सांगयांग ग्यात्सो पीक” रखा दिया गया. 

एनआईएमएएस के जिन पर्वतारोहियों ने सफलता हासिल की, वो सेंटर अरुणाचल प्रदेश के दिरांग में स्थित है और रक्षा मंत्रालय के अधीन कार्य करता है. रक्षा मंत्रालय ने इस मौके पर कहा, “चोटी का नाम छठे दलाई लामा के नाम पर रखना उनकी बुद्धिमत्ता और उनके योगदान के प्रति श्रद्धांजलि है.” (https://x.com/PemaKhanduBJP/status/1838937759752294858)

चीन भड़का, जताई आपत्ति

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवाल पूछा तो लिन जियान ने कहा, “आप जो कह रहे हैं उसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है. पर ये बताना चाहता हूं कि जांगनान चीनी क्षेत्र है. भारत के लिए चीनी क्षेत्र में अरुणाचल प्रदेश स्थापित करना अवैध और अमान्य है.”

सुई की नोंक के बराबर भी जमीन पर अतिक्रमण नहीं करने देंगे: शाह

गौरतलब है कि साल 2017 से ही चीन अरुणाचल प्रदेश की जगहों का नाम बदलकर मैप जारी करता रहा है. चीन के मैप पर भारत भी कड़ी आपत्ति जताता रहा है. भारत ने साफ कहा है कि “अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है, चीन के नाम बदल देने से सच्चाई नहीं बदल जाएगी.” 

एक बार तो चीन के दावों के बाद खुद पिछले कार्यकाल में गृहमंत्री अमित शाह ने ना सिर्फ अरुणाचल प्रदेश का दौरा किया था बल्कि चीन के सीमा के करीबी गांव किबिथू में रुके भी थे. दूरबीन से सीमा को देखने की शाह की तस्वीरें खूब वायरल हुई थीं. अमित शाह ने चीन का बिना नाम लिए कड़ा बयान दिया था. शाह ने कहा था कि “क्षेत्रीय अखंडता पर बुरी नजर से देखने का कोई दुस्साहस नहीं कर सकता. अब सुई की नोक के बराबर भूमि तक का अतिक्रमण नहीं किया जा सकता है.”

चीन ने बदल दिया है तिब्बत का नाम

अरुणाचल प्रदेश ही नहीं, चीन ने अपने आधिकारिक रिकॉर्ड में तिब्बत का नाम बदलकर शिज़ांग कर दिया है. चीन की शह पर हाल ही में पेरिस (फ्रांस) के दो म्यूजियम ने तिब्बत की जगह शिज़ांग नाम लिखना शुरु कर दिया था.

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