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मालदीव में India Out का निकला दम, मोदी की कूटनीति लाई रंग

पीएम नरेंद्र मोदी की मालदीव यात्रा से पहले पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने भारत की खुले दिल से तारीफ की है. कहा है कि अगर भारत नहीं होता तो मालदीव को डिफॉल्टर हो जाता.

ब्रिटेन की यात्रा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करने वाले हैं भारत के पड़ोसी देश मालदीव की यात्रा. उस मालदीव की यात्रा, जहां साल 2023 में चीन के करीबी राष्ट्रपति मुइज्जू ने सरकार बनाई थी. मुइज्जू सत्ता में इंडिया आउट के नारे के साथ आए थे. लेकिन कुछ ही महीनों में भारत की कूटनीति के चलते मालदीव घुटने में आ गया और विदेश नीति का कमाल है कि मुइज्जू का चीन से मोह भंग हुआ और वो भारत को करीबी बताने लगे. 

इंडिया आउट कहने वाले मुइज्जू ने पीएम मोदी को बनाया मुख्य अतिथि

तकरीबन 2 साल पहले भारत का पड़ोसी और परंपरागत मित्र मालदीव के रिश्ते निचले स्तर पर पहुंच गए थे. क्योंकि मौजूदा राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू भारत से ज्यादा चीन को प्राथमिकता दे रहे थे. परंपरा तोड़ते हुए मुइज्जू ने भारत से दूरी बनाते हुए सबसे पहले चीन और तुर्किए का दौरा किया था. उनके मंत्री ऊलजलूल बातें करते थे. पीएम मोदी पर भी तंज कसते थे. लेकिन भारत की दूरदर्शिता और कूटनीति के चलते कुछ ही दिनों में मोहम्मद मुइज्जू को इस बात का अहसास हो गया कि उन्होंने भारत से संबंध खराब करके बहुत बड़ी गलती की है.

पिछले कुछ महीनों से भारत की मिल रही मदद के बाद मुइज्जू भारत को अपना अच्छा मित्र बताने लगे हैं. और अब मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी मुख्य अतिथि बनाया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 25-26 जुलाई को मालदीव यात्रा पर रहेंगे.

भारत न होता तो मालदीव डिफॉल्टर हो जाता: मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति  

प्रधानमंत्री मोदी की मालदीव यात्रा को पूर्व राष्ट्रपति नशीद ऐतिहासिक बता रहे हैं. पीएम मोदी के मालदीव पहुंचने से पहले मोहम्मद नशीद ने पीएम मोदी की तारीफ की है. कहा कि “हालिया समय में मालदीव की आर्थिक हालात सुधारने के पीछे भारत की मदद है. अगर भारत ने मदद न की होती तो कर्ज चुकाने में हम डिफॉल्टर हो जाते. चुनौतीपूर्ण समय में भारत की मदद ने मालदीव की आर्थिक स्थिरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.”

पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, “मालदीव में भारतीय सहायता और साझेदारी का गहरा महत्व है और इसने हमारे मुश्किल समय में अहम भूमिका निभाई है. मालदीव की बढ़ती वित्तीय कठिनाइयों और भारी कर्ज भुगतान दायित्वों के बीच, भारत के समय पर दिए गए समर्थन ने हमें ऋण भुगतान में चूक से बचने और आर्थिक स्थिरता बनाए रखने में मदद की. यह आर्थिक साझेदारी केवल वित्तीय सहायता से कहीं अधिक है. यह विश्वास और क्षेत्रीय एकजुटता पर कायम है.”

इंडिया फर्स्ट की नीति अपनानी चाहिए, लेकिन राजनेताओं के कारण चीन-भारत के बीच झूलता है मालदीव: मोहम्मद नशीद

विदेश नीति के बारे में बात करते हुए मोहम्मद नशीद ने कहा, “हमने मालदीव में हमेशा ‘भारत-प्रथम’ की विदेश नीति अपनाई है, लेकिन अतीत में, हमारी विदेश नीति कभी चीन और कभी भारत समर्थक रुख के बीच झूलती रहती है. हालांकि मालदीव में लोकतंत्र अब एक अधिक स्थिर और सुसंगत विदेश नीति दृष्टिकोण की अनुमति देता है. पहले के उलट आज मालदीव की राजनीति के सभी क्षेत्रों में, राजनीतिक दृष्टिकोण पूरी तरह से भारत-प्रथम है.”

हिंद महासागर में मालदीव की अहम स्थिति, भारत के रणनीतिक हित को पूरा करते हैं:मोहम्मद नशीद

नशीद ने कहा, “पीएम मोदी की यात्रा हिंद महासागर में मालदीव की महत्वपूर्ण स्थिति को देखते हुए, भारत के रणनीतिक हितों की पुष्टि करती है. मालदीव हिंद महासागर के सबसे बड़े जलक्षेत्रों में से एक में स्थित है. मालदीव उत्तर से दक्षिण तक 1,000 किलोमीटर और पूर्व से पश्चिम तक 600 किलोमीटर तक फैला है. प्रधानमंत्री मोदी की मालदीव यात्रा भारत के साथ अपने दीर्घकालिक संबंधों को दिए जाने वाले रणनीतिक महत्व की पुष्टि करती है. हम इस सहयोग का स्वागत करते हैं, क्योंकि यह हमारी राष्ट्रीय स्थिरता में सार्थक योगदान देता है और साझा समृद्धि के नए रास्ते खोलता है.”

पीएम मोदी की यात्रा से मालदीव में बढ़ेंगे भारतीय पर्यटक: नशीद

पूर्व राष्ट्रपति ने उम्मीद जताई कि “पीएम मोदी के मालदीव आने के बाद भारतीय पर्यटक भी फिर से मालदीव आना शुरू करेंगे. जब संबंध मजबूत होते हैं तो इससे सभी का फायदा होता है. मेरा भरोसा है कि प्रधानमंत्री की यात्रा से मालदीव आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी.”

आपको बता दें कि मुइज्जू के चीन प्रेम के कारण बायकॉट मालदीव की मुहिम छेड़ी गई थी, जिसके बाद हजारों की संख्या में जो भारतीय मालदीव में छुट्टियां मनाने जाते थे, उन्होंने लक्षद्वीप को चुना था. मालदीव में अचानक से पर्यटकों की संख्या घटने के कारण मालदीव को बड़ी आर्थिक मार पड़ी थी, लेकिन अब पीएम मोदी की यात्रा के बाद मालदीव को एक बार फिर से भारतीयों के आने की उम्मीद जगी है. 

भारत ने दी मुइज्जू के अंगरक्षकों को ट्रेनिंग

हाल ही में मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के स्पेशल गार्ड्स को भारत ने तैयार किया है. भारत में वीआईपी सुरक्षा को संभालने वाले सीआरपीएफ ने मालदीव के कमांडो को प्रशिक्षित किया है. ये वो कमांडो हैं, जो वापस मालदीव जाकर राष्ट्रपति की सुरक्षा संभालने वाले हैं. सीआरपीएफ ने नोएडा में मालदीव के कमांडों को ट्रेनिंग दी थी (मुइज्जु के अंगरक्षक नोएडा में, मालदीव दौरे से पहले मोदी की सौगात).

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