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न्योमा में एयरफील्ड तैयार, दुश्मन से समझौते के बावजूद सर्तकता

पूर्वी लद्दाख से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भले ही चीन के साथ डिसएंगेजमेंट करार हो गया है लेकिन बॉर्डर पर भारत ने सैन्य तैयारियों जारी रखी हैं. क्योंकि दुश्मन की नजर कब बदल जाए, कोई नहीं जानती. ऐसे में भारत ने पूर्वी लद्दाख के न्योमा में दुनिया की सबसे ऊंची एयरफील्ड बनाकर रिकॉर्ड कायम किया है.

न्योमा एयरफील्ड 13,700 फीट की ऊंचाई पर है और एलएसी के बेहद करीब है. करीब तीन किलोमीटर लंबे रनवे पर रफाल (राफेल) से लेकर मिग-29, सुखोई और तेजस भी उड़ान भर सकते हैं. लद्दाख के पूर्व सांसद जामयांग शेरिंग नामग्याल ने अपने एक्स (ट्विटर) अकाउंट पर न्योमा एयरफील्ड की तस्वीर साझा की है जिसमें रनवे साफ दिखाई पड़ रहा है.

न्योमा एयरफील्ड की तस्वीर साझा करते हुए नामग्याल ने लिखा कि जल्द तैयार होने वाली है. नमग्याल ने आगे लिखा कि इमरजेंसी ऑपरेशन्स के लिए तीन किलोमीटर लंबा रनवे, राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्र की कनेक्टिविटी के लिए गेम-चेंजर है. पूर्व सांसद ने आगे लिखा, विकसित भारत के लिए मोदी सरकार जमीन पर पूरी तरह मुस्तैद है.

न्योमा एयरफील्ड तैयार होने पर ये पूर्वी लद्दाख की तीसरी एयरफील्ड होगी जिसपर लड़ाकू विमानों के ऑपरेशन्स हो सकते हैं. न्योमा से पहले लेह और थोएस (सियाचिन बेस कैंप के करीब) में भी एयरफील्ड हैं.

हालांकि, दुनिया की सबसे ऊंची एडवांस लैंडिंग ग्राउंड (एएलजी) 16 हजार फीट की ऊंचाई पर दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) में है. लेकिन डीबीओ में हेलीकॉप्टर और मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट तो ओपरेट कर सकते हैं, फाइटर जेट के लिए थोड़ा मुश्किल है.

वर्ष 2013 में भारतीय वायुसेना ने सी-130जे सुपर-हरक्युलिस ट्रांसपोर्ट विमान को उतारकर विश्व रिकॉर्ड कायम किया था.

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