सेंट्रल एशियाई देशों से सैन्य सहयोग बढ़ाने की दिशा में थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे चार दिवसीय (15-18 अप्रैल) उज्बेकिस्तान की यात्रा पर गए हैं. अपनी यात्रा के दौरान थल सेनाध्यक्ष उज्बेकिस्तान सेना के लिए भारत द्वारा तैयार की गई आईटी लैब का उद्घाटन करेंगे और दोनों देशों की सेनाओं के बीच डस्टलिक एक्सरसाइज के पांचवे संस्करण की समीक्षा भी करेंगे. खास बात ये है कि भारत और उजबेकिस्तान दोनों ही एससीओ संगठन का हिस्सा है.
अपनी यात्रा के दौरान थलसेना प्रमुख उज्बेकिस्तान के रक्षा मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल बखोदिर कुरबानोव और थलसेना प्रमुख (उप रक्षा मंत्री) मेजर जनरल खलमुखामेदोव शुखरत सहित वरिष्ठ सैन्य कमांडर्स से मुलाकात करेंगे. मंगलवार को जनरल पांडे ताशकंद में देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. इसके बाद द्वितीय विश्वयुद्ध में उज्बेकिस्तान के सैनिक के योगदान और बलिदान की याद में बनाए गए विक्टरी पार्क जाएंगे. जनरल पांडे उजबेकिस्तान आर्म्ड फोर्सेज एकेडमी का दौरा करेंगे और वहां भारत के सहयोग से बनी आईटी लैब का उद्घाटन करेंगे.
भारतीय सेना के प्रवक्ता, कर्नल सुधीर चमोली के मुताबिक, बुधवार को थलसेना प्रमुख उज्बेकिस्तान के ऐतिहासिक शहर समरकंद का दौरा करेंगे और वहां सेंट्रल मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट केे कमांडर से मुलाकात करेंगे. कर्नल चमोली के मुताबिक, उज्बेकिस्तान के रक्षा मंत्री और सैन्य कमांडर्स से बातचीत दोनों देशों के बीच मजबूत सैन्य सहयोग के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं. इसके साथ ही इस यात्रा से दोनों देशों के बीच सहयोग के नए रास्ते खुलेंगे.
जनरल पांडे की यात्रा का आकर्षण रहेगा दोनों देशों के बीच सोमवार से शुरु हुआ डस्टलिक युद्धाभ्यास (15-28 अप्रैल) जो उज्बेकिस्तान के तरमेज में आयोजित किया जा रहा है. गुरुवार को खुद थलसेना प्रमुख तरमेज में उपस्थित रहेंगे और दोनों देशों की ज्वाइंट एक्सरसाइज की समीक्षा करेंगे. दोनों देशों के बीच सालाना डस्टलिक एक्सरसाइज का ये पांचवां संस्करण है. ये एक्सरसाइज एक साल भारत में होती है और एक साल उज़्बेकिस्तान.
खास बात ये है कि दोनों देशों की सेनाएं शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) के बैनर-तले आयोजित होने वाली मल्टीनेशन मिलिट्री एक्सरसाइज में भी हिस्सा लेती हैं. एससीओ में भारत और उज्बेकिस्तान के अलावा, रुस, चीन, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान, और कजाकिस्तान भी हिस्सा लेते हैं. इस साल से ईरान भी एससीओ संगठन का हिस्सा बन गया है.
डस्टलिक एक्सरसाइज में भारतीय सेना की जाट रेजीमेंट के 45 सैनिक और सैन्य अधिकारी शिरकत कर रहे हैं जिसमें दो महिला अधिकारी भी हैं. इसके अलावा 15 वायु-योद्धा भी इस एक्सरसाइज का हिस्सा हैं. उज्बेकिस्तान के करीब 100 सैनिक और वायु-योद्धा एक्सरसाइज का हिस्सा हैं. भारतीय सेना के मुताबिक, इस एक्सरसाइज से दोनों देशों के सैनिकों के बीच इंटरऑपरेबिलिटी और मित्रता-पूर्ण संबंध बनने में मदद मिलेगी.
डस्टलिक एक्सरसाइज के दौरान पर्वतीय और सेमी-अर्बन टैरेन में साझा ऑपरेशन्स करने की ड्रिल करेंगे. एक्सरसाइज में फिजिकल फिटनेस, ज्वाइंट प्लानिंग, साझा टेक्टिकल ड्रिल और स्पेशल आर्म्स स्किल पर जोर दिया जाएगा.