चीन के लिए मुसीबत का सबब बनी मालाबार एक्सरसाइज एक बार फिर से आ गई है. इस साल भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाओं का साझा युद्धाभ्यास मालाबार-2024 विशाखापट्टनम नेवल बेस और बंगाल की खाड़ी में होने जा रहा है (8-18 अक्टूबर). ये संस्करण, मालाबार का अब तक की सबसे बड़ा युद्धाभ्यास माना जा रहा है.
1982 में भारत और अमेरिका की नौसेनाओं के बीच शुरू हुई मालाबार एक्सरसाइज, हिंद महासागर और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चार बड़े लोकतांत्रिक देशों की नौसेनाओं का सामरिक तौर से महत्वपूर्ण युद्धाभ्यास माना जाता है.
मालाबार बहुपक्षीय एक्सरसाइज का उद्देश्य चारों देशों की नौसेनाओं की अंतर-क्षमता को बढ़ाना, आपसी समझ को बढ़ावा देना और हिंद महासागर और भारत-प्रशांत क्षेत्र में साझा समुद्री चुनौतियों का समाधान करना है.
पिछले महीने ही अमेरिका के डेलावेयर में अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित क्वाड के चारों सदस्य देशों (भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया) के राष्ट्राध्यक्षों की अगवानी की थी. उस दौरान इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की दादागीरी को सीधे चुनौती देते हुए क्वाड समूह ने एक सभी देशों की ‘क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को सम्मान’ देने पर जोर दिया था.
समिट को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने लोकतांत्रिक देशों के एक साथ (क्वाड समूह के तौर पर साथ आने पर) संतोष जताते हुए कहा कि ये समूह “नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था (ऑर्डर) के लिए स्थापित किया गया है.” (वैश्विक भलाई के लिए मजबूत ताकत है QUAD: पीएम मोदी)
मालाबार एक्सरसाइज को क्वाड का ही सैन्य स्वरूप माना जाता है. यही वजह है कि मालाबार एक्सरसाइज, चीन की आंखों में चुभती रहती है. हालांकि, चारों देश इससे इंकार करते आए हैं. एक-एक साल ये एक्सरसाइज, चारों देशों के अधिकार-क्षेत्र वाले समंदर में होती है.
पिछले साल (2023) में ऑस्ट्रेलिया में मालाबार एक्सरसाइज के दौरान चीन की सैटेलाइट ने इस पर खास नजर रखी थी. ()
भारतीय नौसेना के प्रवक्ता, विवेक मधवाल के मुताबिक, सालाना होने वाली मालाबार एक्सरसाइज में इस साल भारतीय नौसेना के गाईडेड मिसाइल डेस्ट्रोयर (जंगी जहाज), मल्टी-पर्पस फ्रिगेट (युद्धपोत), पनडुब्बी, फाइटर जेट और हेलीकॉप्टर हिस्सा लेंगे.
विशाखापट्टनम में ऑस्ट्रेलियाई नौसेना अपने एनजैक क्लास फ्रीगेट एचएमएएस स्टुअर्ट के साथ एमएच-60आर हेलीकॉप्टर और पी8 मेरिटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट के साथ आ रही है तो यूएस नेवी का अरलेग बुर्के क्लास डेस्ट्रोयर यूएसएस डेवी के साथ आ रही है. जापानी नौसेना मुरासामे क्लास डेस्ट्रोयर जेएस अरिके के साथ आ रही है.
कमांडर मधवाल के मुताबिक, इस साल मालाबार में हिस्सा लेने वाली चारों देशों की नौसेनाओं के स्पेशल फोर्सेज के कमांडो भी शिरकत करेंगे.
भारतीय नौसेना के मुताबिक, मालाबार एक्सरसाइज दो हिस्सों में होगी. पहला हार्बर फेज और दूसरा बंगाल की खाड़ी में. इस दौरान एंटी सबमरीन वारफेयर, सरफेस वारफेयर और एयर डिफेंस एक्सरसाइज के साथ-साथ मेरीटाइम टेक्टिक्स पर गहन चर्चा भी होगी.
कमांडर मधवाल ने बताया कि 9 अक्टूबर को हार्बर फेज के दौरान चारों देशों के खास डेलीगेट भी विशाखापट्टनम में मौजूद रहेंगे. साथ ही चारों देशों की नौसेनाओं के कमांडर एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस को भी संबोधित करेंगे.