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स्वदेशी स्टील्थ AMCA भी होगा बेहद घातक, एयरो-इंडिया का आकर्षण

एयरो-इंडिया में रूस और अमेरिका के स्टील्थ लड़ाकू विमानों के आने के बाद भारत ने भी अपने फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट एमका प्रोजेक्ट को भी प्रदर्शित करने का फैसला किया है. एशिया की सबसे बड़ी एयरोस्पेस प्रदर्शनी के इंडिया पवेलियन में एमका का एक फुल-स्केल इंजीनियरिंग मॉडल को प्रदर्शित किया जा रहा है.

एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एमका), एक मध्यम वजन का मल्टी रोल, टू इन इंजन वाला विमान है जिसे डीआरडीओ की एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) ने डिजाइन किया है. करीब 25 टन के इस पांचवे श्रेणी के लड़ाकू विमान के प्रोजेक्ट के लिए पिछले साल मार्च में पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट ने 15 हजार करोड़ आवंटित किए थे.

डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ मिलकर एडीए स्वदेशी एमका को बनाने में दिन-रात जुटा है.

एआई से युक्त एमका होगा बेहद घातक

डीआरडीओ का दावा है कि एमका जब बनकर तैयार हो जाएगा, तब अपने श्रेणी के सबसे आधुनिक और घातक स्टील्थ फाइटर जेट में से एक होगा. माना जा रहा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई की पावर से युक्त इलेक्ट्रोनिक पायलट, नेटसेंट्रिक वारफेयर सिस्टम, इंटीग्रेटेड व्हीकल हेल्थ मैनेजमेंट और इंटरनल-बे के साथ ये दुश्मन के लिए बेहद घातक साबित होगा.

एआई-पावर इलेक्ट्रोनिक पायलट में मल्टी सेंसर डाटा फ्यूजन है ताकि आसपास की स्थिति पर पूरी तरह नजर रखी जा सके. साथ ही पायलट भी तुरंत कार्रवाई कर सके और टारगेट भी सटीक लगाया जाए. बेहद कम विजिविलटी में एमका से ऑपरेशन किया जा सकेंगे.

जानकारी के मुताबिक, एयरो-इंडिया प्रदर्शनी में जो फुल-स्केल मॉडल को प्रदर्शित किया जा रहा है, उसे ही असल एमका में परिवर्तित किया जा रहा है.

सु-57 और एफ-35 के शामिल होने से फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट में बढ़ी दिलचस्पी

एयरो-इंडिया में रूस का सु-57 फेलोन स्टील्थ फाइटर जेट और अमेरिका का फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट, एफ-35 लाइटनिंग के हिस्सा लेने से एक बहस छिड़ गई है. बहस इस बात की भारत, सु-57 लेगा या फिर एफ-35. ऐसा इसलिए क्योंकि स्वदेशी एमका को भारतीय वायुसेना में शामिल होने में अभी पूरा एक दशक लग सकता है. हालांकि, सीसीएस ने प्रोटोटाइप तैयार करने के लिए पांच साल का वक्त दिया है.

भारत ने अभी स्टील्थ फाइटर जेट खरीदने या किसी दूसरे के साथ बनाने के लिए कोई प्लान तैयार नहीं किया है, लेकिन रूस ने पांचवें श्रेणी के फाइटर जेट के डिजाइन तैयार करने में मदद के लिए हाथ आगे बढ़ा दिया है. रूस ने कहा है कि जरूरत पड़ी तो मेक इन इंडिया के तहत भी सु-57 का निर्माण भारत में किया जा सकता है.

अमेरिका ने सीधे तौर से एफ-35 ऑफर का नहीं किया है लेकिन एयरो-इंडिया में हिस्सा लेने का एक बड़ा उद्देश्य, ये भी है कि भारत को स्टील्थ फाइटर जेट खरीदने में दिलचस्पी पैदा की जाए. (सु-57 Vs एफ-35, एयरो-इंडिया में दुनिया की सबसे बड़ी ‘डॉग फाइट’)

भारत को क्यों चाहिए स्टील्थ फाइटर जेट

चीन ने दो स्टील्थ फाइटर जेट (जे-20 और जे-35) बनाकर तैयार कर लिए हैं. इसके अलावा एक छठी पीढ़ी के फाइटर जेट (स्टील्थ बॉम्बर) को भी बनाने का दावा किया है. इससे भारत के माथे पर पसीना आना लाजमी है.

भारत के लिए दुविधा इसलिए भी है क्योंकि चीन ने पाकिस्तान को भी 40 जे-35 स्टील्थ फाइटर जेट देने का ऐलान कर दिया है. (पाकिस्तान को मिलेगा Stealth फाइटर जेट, चीन से J-35 का किया सौदा)

फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट पर क्या कहा रक्षा मंत्री ने

एयरो इंडिया के उद्धाटन के लिए बेंगलुरु पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साफ किया कि स्वदेशी फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट के लिए भारत पूरी तरह से ठान चुका है. राजनाथ के इशारे से उन कयासों पर लगाम लगी, जिससे ऐसा लगने लगा था कि भारत, रूस के सु-57 या फिर अमेरिका के एफ-35 में से किसी एक को चुन लेगा. 

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